Hartalika Teej 2024 Highlights: बिछा दो फूल आंगन में मेरे भोलेनाथ आए हैं, हरियाली तीज पर फुलेरा का जानें महत्व
Hartalika Teej 2024 Highlights: हरतालिका तीज का व्रत आज रखा जाएगा. इस खास पर्व पर भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है. यहां पढ़ें इस व्रत का महत्व.
हरतालिका तीज पर फुलेरा का महत्व
हरतालिका तीज काफी कठिन व्रत माना जाता है. हरतालिका तीज की पूजा के दौरान शंकर भगवान के ऊपर फूलों की माला पहनाई जाती है. फुलेरा 5 प्रकार के फूलों से बनी एक माला होती है, जो भगवान शिव की 5 पुत्रियों (जया, विषहरा, शामिलबारी, देव और दोतली) का प्रतीक है।
ज्योतिषविदों के मुताबिक हरतालिका तीज व्रत के उद्यापन करने का नियम होता है. 13 वर्ष से पहले हरतालिका तीज व्रत का उद्यापन नहीं किया जा सकता है. जो भी महिलाएं हरतालिका तीज व्रत रखती हैं तो उन्हें कम से कम 13 वर्ष के बाद इस व्रत का उद्यापन करना चाहिए.
हरतालिका के दिन शादी-शुदा महिलाओं को मंहदी लगानी चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि हाथों में मंहदी लगाना सुहाग की निशानी होती है. माना जाता है जिन महिलाओं की मेहंदी अत्याधिक लाल होती है, उनके दांपत्य जीवन में कभी भी प्रेम कम नहीं होता.
हरतालिका तीज में पूजा करने के लिए प्रदोष काल का मुहूर्त आज शाम को 06 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर 06 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. मतलब की प्रदोष काल में पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त तकरीबन 23 मिनट तक है.
हरतालिका तीज के मौके पर भगवान शिव और मां पार्वती को इन चीजों का भोग लगाना बेहद शुभ होता है
- फल का भोग- फल में केला, सेब, अंगूर, संतरा, आम आदि भगवान शिव और माता पार्वती को काफी प्रिय भोग है.
- मिठाई का भोग- मीठे में आप खीर, मठरी, गुजिया, पेड़ा, बर्फी आदि मिठाइयों का भोग लगा सकते हैं.
- दूध का भोग - हरतालिका पर भगवान शिव के शिवलिंग पर दूध को चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है.
- पान का भोग- आप आज भगवान शिव को पान अर्पित करे, शिवजी को पान चढ़ाने से सभी बिगड़े काम बनते हैं.
- हलवा का भोग- हरतालिका पर भगवान शिव को हलवे का विशेष भोग लगाएं.
- सूखे मेवे का भोग - आज के दिन आप भगवान शिव और माता पार्वती को बादाम, काजू, पिस्ता आदि सूखे मेवे का भोग लगा सकते हैं.
हरतालिका तीज (Hartalika Teej) के दिन माता पार्वती को सोलह श्रृंगार से सजाएं, ऐसा करने से माता पार्वती विवाहित महिलाओं के सुहाग की रक्षा करती है.
- नाक की नथ
- कान की बाली
- मेहंदी
- महावर
- काजल
- बिछिया
- कंगा
- फूलों का गजरा
- कुमकुम
- गले के लिए माला
- बिंदी
- लाल चुनरी
- चूड़ियां
- इत्र
- सिंदूर
इस बार हरतालिका तीज के मौके पर 3 दुर्लभ शुभ योग बन रहे हैं.
- शुक्ल योग- हरतालिका तीज पर पहला शुभ योग 05 सितंबर को सांध्यकालीन 09 बजकर 08 मिनट पर होगा, जो हरतालिका तीज पर पूरे दिन बना रहेगा. इस दुर्लभ योग की समाप्ति 10 बजकर 15 मिनट पर होगी.
- ब्रह्म योग - इस योग की शुरुआत शुक्ल योग के बाद होगी. हरतालिका तीज के अवसर पर रात 10 बजकर 16 मिनट से ब्रह्म योग शुरू होगा. शिव-शक्ति की निशा काल में पूजा-पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है.
- रवि योग: हरतालिका तीज पर रवि योग का निर्माण भी हो रहा है. इस योग की शुरुआत सुबह 9 बजकर 25 मिनट से शुरू होकर 7 सितंबर को सुबह 6 बजकर 2 मिनट पर होगा. इस शुभ योग में शिव-पार्वती की पूजा करने से भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
हरतालिका तीज को 'गौरी हब्बा' के नाम से भी जाना जाता है. हरतालिका तीज मुख्य तौर से यूपी, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है. वही कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में हरतालिका तीज को गौरी हब्बा (Gauri Habba Vrat)के नाम से जाना जाता है. माना जाता है कि इस व्रत को करने से सुहागिन स्त्रियों को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है. वही कुंवारी कन्या को इस व्रत के करने से मानचाहा पति मिलता है.
हरतालिका तीज के दिन शिव-पार्वती की पूजा करें फिर 5 सुहागिनों को सुहाग की सामग्री और चांदी की बिछिया दान करें. बिछिया सुहाग की निशानी होती है. मान्यताएं हैं कि ऐसा करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है.
हरतालिका तीज पर विवाह में देरी या अड़चनों के लिए करें शिव पार्वती के विवाह से संबंधित श्लोकों का पाठ.
इस दिन घर पर तुलसी का पौधा लाना बहुत शुभ माना जाता है. इससे परिवार में खुशियों का आगमन होता है.
इस दिन महिलाएं 'मम उमामहेश्वरसायुज्यसिद्धये हरितालिकाव्रतमहं करिष्ये', इस मंत्र का जाप करें.
जय पार्वती माता, जय पार्वती माता.
ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता.
जय पार्वती माता.
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता.
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता.
जय पार्वती माता.
सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा.
देव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथा.
जय पार्वती माता.
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता.
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता.
जय पार्वती माता.
शुम्भ-निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता.
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा.
जय पार्वती माता.
सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता.
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता.
जय पार्वती माता.
देवन अरज करत हम चित को लाता.
गावत दे दे ताली मन में रंगराता.
जय पार्वती माता.
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता.
सदा सुखी रहता सुख संपति पाता.
जय पार्वती माता.।
आज सुबह 09:25 तक हस्त नक्षत्र फिर चित्रा नक्षत्र रहेगा. आज ग्रहों से बनने वाले वाशि योग, आनन्दादि योग, सुनफा योग, बुधादित्य योग, शुक्ल योग का साथ मिलेगा.
हरतालिका व्रत पर गर्भवती महिलाएं सावधानी बरतें और डॉक्टर से सलाह लेने के बाद की व्रत करें.
निर्जला व्रत न रखें, तरल पदार्थों का सेवन करते रहें, ठोस आहार चाय-कॉफी पीने से परहेज करें. गर्भवती महिलाओं को झूला झूलने से परहेज करनी चाहिए. गर्भवती महिलाएं इस दिन रात्रि जागरण ना करें.
शिव जी ने माता पार्वती जी को इस व्रत के बारे में विस्तार पूर्वक समझाया था. मां गौरा ने माता पार्वती के रूप में हिमालय के घर में जन्म लिया था. बचपन से ही माता पार्वती भगवान शिव को वर के रूप में पाना चाहती थीं और उसके लिए उन्होंने कठोर तप किया. 12 सालों तक निराहार रह करके तप किया. एक दिन नारद जी ने उन्हें आकर कहा कि पार्वती के कठोर तप से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु आपकी पुत्री से विवाह करना चाहते हैं. नारद मुनि की बात सुनकर महाराज हिमालय बहुत प्रसन्न हुए. उधर, भगवान विष्णु के सामने जाकर नारद मुनि बोले कि महाराज हिमालय अपनी पुत्री पार्वती से आपका विवाह करवाना चाहते हैं.
भगवान विष्णु ने भी इसकी अनुमति दे दी. फिर माता पार्वती के पास जाकर नारद जी ने सूचना दी कि आपके पिता ने आपका विवाह भगवान विष्णु से तय कर दिया है. यह सुनकर पार्वती बहुत निराश हुईं उन्होंने अपनी सखियों से अनुरोध कर उसे किसी एकांत गुप्त स्थान पर ले जाने को कहा. माता पार्वती की इच्छानुसार उनके पिता महाराज हिमालय की नजरों से बचाकर उनकी सखियां माता पार्वती को घने सुनसान जंगल में स्थित एक गुफा में छोड़ आईं.
यहीं रहकर उन्होंने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप शुरू किया जिसके लिए उन्होंने रेत के शिवलिंग की स्थापना की. संयोग से हस्त नक्षत्र में भाद्रपद शुक्ल तृतीया का वह दिन था जब माता पार्वती ने शिवलिंग की स्थापना की इस दिन निर्जला उपवास रखते हुए उन्होंने रात्रि में जागरण भी किया.
माता के कठोर तप से भगवान शिव प्रसन्न हुए माता पार्वती जी को उनकी मनोकामना पूर्ण होने का वरदान दिया. अगले दिन अपनी सखी के साथ माता पार्वती ने व्रत का पारण किया और समस्त पूजा सामग्री को गंगा नदी में प्रवाहित कर दिया. उधर, माता पार्वती के पिता भगवान विष्णु को अपनी बेटी से विवाह करने का वचन दिए जाने के बाद पुत्री के घर छोड़ देने से व्याकुल थे.
फिर वह पार्वती को ढूंढते हुए उस स्थान तक जा पंहुचे. इसके बाद माता पार्वती ने उन्हें अपने घर छोड़ देने का कारण बताया और भगवान शिव से विवाह करने के अपने संकल्प और शिव द्वारा मिले वरदान के बारे में बताया, तब पिता महाराज हिमालय भगवान विष्णु से क्षमा मांगते हुए भगवान शिव से अपनी पुत्री के विवाह को राजी हुए.
हरतालिका व्रत की पूजा में गीली मिट्टी, बेल पत्र, शमी पत्र, केले का पत्ता, धतूरे का फल और फूल, अकांव का फूल, तुलसी, मंजरी, जनेऊ, वस्त्र, मौसमी फल-फूल, नारियल, कलश, अबीर, चंदन, घी, कपूर, कुमकुम, दीपक, दही, चीनी, दूध और शहद चाहिए होता है.
शेष 15 मिनट के बाद हरतालिका तीज की पूजा का शुभ मुहूर्त समाप्त हो जाएगा. हरतालिका व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त आज केवल सुबह 8:33 मिनट तक है.
इस दिन बहुत सी चीजों का दान करना बहुत शुभ माना गया है. हरतालिका तीज पर सुहागिन महिलाएं के दान के साथ ही इस व्रत का पारण किया जाता है. इस दिन दान में मेंहदी, बिंदी, चूड़ी, बिछिया, कुमकुम, कलश,काजल, कंघी, महावर, चंदन आदि श्रृंगार का सामान दान करना शुभ होता है.
हरतालिका व्रत की पूजा करने का शुभ मुहूर्त आज सुबह 6:02 - सुबह 8:33 है. इसकी कुल अवधि 2 घंटे 31 मिनट है.
हरतालिका तीज का व्रत आज रखा जा रहा है. सुहागिन महिलाओं के लिए इस पर्व का बहुत महत्व है. ये पर्व भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को रखा जाता है.
बैकग्राउंड
Hartalika Teej 2024 Highlights: हरतालिका तीज का पर्व आज यानि 6 सितंबर 2024, शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा. इस दिन सुहागिन महिलाएं (Married women) अपनी पति की लंबी आयु के लिए व्रत करती हैं.
इस पर्व को भाद्रपद माह (Bhadrapad Month) के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाएगा. ये पर्व हरियाली तीज और कजरी तीज के बाद आता है.
हरितालिका तीज 2024 शुभ मुहूर्त (Hartalika Teej 2024 Muhurat)
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर को दोपहर 12:21 मिनट से शुरू होगी. इस तिथि का समापन 6 सितंबर को दोपहर 3:01 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर हरतालिका तीज 6 सिंतबर शुक्रवार को मनाई जाएगी.
पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह में 6:02 - सुबह 8:33 है. इसकी कुल अवधि 2 घंटे 31 मिनट है.
सौभाग्य प्राप्ति के लिए हरतालिका तीज का महत्व (Hartalika Teej Importance)
हरतालिका तीज व्रत एक कठिन व्रत माना जाता है. इसमें महिलाएं निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी उम्र (Husband long life) के लिए कामना करती हैं. दरअसल भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को हस्त नक्षत्र में भगवान शिव (Shiv ji) और माता पार्वती (Parvati ji) के पूजन का विशेष महत्व है.
हरतालिका तीज व्रत निराहार और निर्जला किया जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए किया था. हरतालिका तीज व्रत करने से महिलाओं को सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
इस खास दिन पर पति की लंबी आयु और मंगल कामना के लिए 24 घंटे से अधिक समय के लिए व्रत करती है.
Hartalika Teej 2024: हरतालिका तीज पर राशि अनुसार करें इन चीजों का दान, रिश्तों में बढ़ेगा प्यार
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -