ज्योतिष और स्वास्थ्य: चंद्रमा के अशुभ होने से होती है सर्दी, जुकाम और सांस की बीमारी
ज्योतिष का सेहत से गहरा नाता है. जब ग्रहों की दशा बदलती है तो उसका मनुष्य पर भी पड़ता है. ग्रह जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को रोग भी प्रदान करते हैं. चंद्रमा के अशुभ होने से ये रोग होते हैं.
Astrology And Health: कोरोना वायरस से फैली महामारी से पूरी दुनिया परेशान है. कोरोना वायरस ने भारत में भी कहर फैला रखा है. मौसम बदल रहा है. पंचांग के अुनसार ज्येष्ठ माह समाप्त हो चुका है और आषाढ़ आरंभ हो चुका है. ये वो समय होता है जब संक्रमित बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि इस समय मौसम में गर्मी भी होती है और नमी भी होती है जिस कारण वायरस और बैक्टीरिया जनित बीमारियों के होने की संभावना बनी रहती है. इसलिए इससे बचने की जरुरत है.
ग्रहों का बीमारियों से संबंध इस समय सर्दी और जुकाम की दिक्कत लोगों को अधिक होता है. जब भी मौसम बदलता है तो ये ऐसी बीमारी है जो लोगों को सबसे जल्दी होती है. इस समय कोरोना का भी खतरा बना हुआ है ऐसे में सर्तकता बहुत जरुरी है. चंद्रमा शीतलता प्रदान करने वाला ग्रह है. 5 जून को चंद्र ग्रहण लग चुका है. और 5 जुलाई को एक फिर चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. यानि चंद्रमा इन 30 दिनों में दो बार पीड़ित हो रहा है.
अशुभ चंद्रमा देता है ये रोग शरीर के तरल पदार्थ, रक्त, बायीं आँख, छाती, फेफड़े, सिरदर्द, आंत, गुर्दे, अनिद्रा और महिलाओं में मासिक चक्र की अनिमियतता का संबंध चंद्रमा से है. यानि जब चंद्रमा अशुभ होता है तो इनसे संबंधित परेशानी देता है. चंद्रमा मंगल से पीड़ित हो तो सिर, पेट और आंख का आपरेशन कराता है. वहीं दांत से सम्बंधित, गले में खून आना भी इसी की देन है. लेकिन चंद्रमा स्वयं ये कार्य नहीं करता बल्कि पाप ग्रहों से ऐसे कार्य करवाता है.
चंद्रमा का उपाय चंद्रमा जब अशुभ होता है तो जल से संबंधित होने वाले रोग होते हैं. चंद्रमा जब पाप ग्रहों से युक्त होता है तो इसका प्रभाव बड़ जाता है और अन्य प्रकार के रोगों को जन्म देता है. इसलिए इन उपायों को करते समय पाप ग्रहों के उपाय का भी ध्यान रखना बहुत जरुरी है. चंद्रमा की अशुभता को दूर करने के लिए ये करें-
- प्रत्येक सोमवार को व्रत करें - मां को प्रसन्न रखें, सेवा करें - भगवान शिव की पूजा और मासिक शिवरात्रि का व्रत रखें. - मोती धारण करें. - चांदी पहनें. - स्त्री का सम्मान करें. - गाय की सेवा करें. मंत्र ॐ श्राम् श्रीम् श्रौम् सः चंद्राय नमःChanakya Niti: लक्ष्मी जी उस घर को कभी छोड़कर नहीं जाती हैं, जहां होती है ये बात