नई दिल्ली: माघ का महीना शुरू हो चुका है. भारतीय कैलेंडर के अनुसार माघ का महीना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. यह महीना 11 जनवरी से शुरू हो चुका है. माघ माह में खाने पीने के अपने तरीके होते हैं. अगर इन तरीकों को आप भी आपनाते हैं तो इस मौसम में होने वाली दिक्कतों और कई रोगों से बच सकते हैं.
माघ के महीने में खानपान को लेकर विद्धानों ने सर्तकता बरतने के लिए कहा है. भारत के गांव देहातों में माघ माह और इसमें खाई जाने वाली चीजों को लेकर कई कहानियां और कहावतें प्रचलित हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भी कई चीजों को वर्जित माना गया है जैसे इस महीने में मूली और धनिया का सेवन नहीं करना चाहिए. इस महीने मूली का सेवन शराब के बराबर माना गया है. इसीलिए मूली और धनिया का दान भी इस महीने में नहीं दिया जाता है. दरअसल इसका एक वैज्ञानिक पहलू भी है.
आयुर्वेद के अनुसार मूली की तासीर ठंडी होती है और ये पानी से भरी होती है. वहीं धनिया की पत्तियां माघ महीने में मूली के साथ कतई नहीं खाना चाहिए. इसे जहर माना गया है. इस महीने इन दोनों का सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक होता है. इसके खाने से कफ, पेट की दिक्कत, जुकाम और बुखार का भी कारण बन सकता है.
इस महीन सुपाच्य और स्वादिष्ट भोजन करना चाहिए. इस मौसम में मोटे अनाज का भी सेवन सेहत के लिए अच्छा होता है. शुद्ध देशी घी का भी भोजन में इस्तेमाल करना चाहिए. चावल और दालों का प्रयोग भी नियमित करना चाहिए. इस माघ के महीने में साग का सेवन फायदेमंद माना गया है. इसे खाने से जहां शरीर को ऊर्जा मिलती है वहीं आयरन और कई विटामिन की पूर्ति करता है.