Puja Aarti Rules: पूजा की थाली में क्यों रखते हैं पैसे, क्या है इसके पीछे मान्यता और महत्व, यहां पढ़ें
Hindu tradition:आरती लेने के बाद थाली में कुछ पैसे रखने की परंपरा है. इसलिए आरती की थाली में कुछ पैसे जरूर रखे जाते हैं. मान्यता है कि आरती की थाली में इकट्ठा हुए पैसे गौ माता की सेवा में लगाने चाहिए.
Hindu tradition Puja Aarti Rules: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है और किसी भी पूजा-अनुष्ठान के बाद आरती करने की परंपरा है. घर हो या मंदिर जहां भगवान की प्रतिमा स्थापित होती है, वहां आरती जरूर की जाती है.
आपने देखा होगा कि आरती के बाद आरती की थाली पूजा में उपस्थित सभी लोगों को दी जाती है. आरती लेने के बाद सभी कुछ न कुछ रुपये-पैसे आरती की थाली में जरूर रखते हैं. हमारे बड़े बुजुर्ग भी हमेशा यही करते हैं कि आरती कभी भी खाली हाथ नहीं लेनी चाहिए. आरती लेने के बाद थाली में कुछ पैसे जरूर रखने चाहिए. आपने खुद भी कई बार आरती लेने के बाद थाली में पैसे रखे होंगे. लेकिन क्या आप इसका कारण जानते हैं कि आखिर क्यों आरती की थाली में पैसे रखे जाते हैं. इसके एक बल्कि तीन मुख्य कारण है, जोकि इस प्रकार से हैं...
पहला कारण
श्रीमद्भागवत गीता में श्लोक है-
दातव्यमिति यद्दानं दीयतेऽनुपकारिणे।
देशे काले च पात्रे च तद्दानं सात्त्विकं स्मृतम्।।
अर्थ है- दान देना कर्तव्य है. दान योग्य देश, काल को देखकर ऐसे योग्य व्यक्ति को दिया जाना चाहिए, जिससे प्रत्युपकार की अपेक्षा नहीं होती है. उसी दान को सात्त्विक माना गया है.
हिंदू धर्म में दान की परंपरा सदियों से रही है. लेकिन दान हमेशा योग्य या सद्पात्र को ही दिया जाना चाहिए. दरअसल पुजारी केवल मंदिर में ही अपना समय व्यतीत करते हैं और भगवान की सेवा भक्ति में लीन रहते हैं. इसलिए भक्तगण जब मंदिर जाते हैं तो आरती की थाली में मंदिर के पुजारी के लिए दानस्वरूप पैसे रख देते हैं.
दूसरा कारण
आरती की थाली में पैसे रखने का दूसरा कारण यह भी है कि पुजारी पूजा-पाठ के अलावा अन्य कोई काम नहीं करते. इसलिए उनकी कोई निश्चित आय नहीं होती. मंदिर या लोगों से मिलने वाला दान ही उनके और उनके परिवार के भरण पोषण का एक मात्र साधन है. इसलिए पुराने समय में मंदिर में आरती की थाली में दान स्वरूप पैसे रखने की परंपरा बनाई गई, जिससे कि पुजारी और उसके परिवार का भरण पोषण हो सके और मंदिर की व्यवस्था भी ठीक रहे. यह परंपरा आज भी चली आ रही है.
तीसरा कारण
एक मान्यता यह भी है कि, आरती की थाली में पैसे रखने की परंपरा गौ माता की सेवा के लिए बनाई गई थी. इसके अनुसार आरती की थाली में इकट्ठा होने वाले पैसे गौ माता की सेवा में लगाने चाहिए.
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