होलाष्टक की शुरुआत 10 मार्च से हो चुकी है. होली से 8 दिन पहले से होलाष्टक लग जाता है. इसमें किसी भी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. कहते हैं कि होलिका दहन के पहले तक किसी भी शुभ कार्य जैसे- शादी, रोका, मुंडन, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय आदि की शुरुआत नहीं करनी चाहिए.


धार्मिक मान्यता है कि होलाष्टक के दौरान ग्रह के उग्र हो जाने से शुभ कार्यों में उनका सहयोग नहीं मिल पाता. इसलिए इस दौरान इन कामों को करने से मना किया जाता है. होलाष्टक के दौरान सूर्य देव के उग्र होने पर उन्हें शांत करने के कुछ उपाय होते हैं. जिन्हें, करने से सूर्य देव को शांत किया जा सकता है. आइए जानते हैं सूर्य देव को शांत करने के इन उपायों के बारे में. 


सूर्य ग्रह को शांत करने के उपाय



  • सुबह स्नान के बाद सूर्य देव की पूजा के बाद उन्हें जल अर्पित करें. इसके बाद गायत्री मंत्र का जाप, सूर्य मंत्र या आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें. इसके बाद सूर्य देव से अपने कल्याण की प्रार्थना करें.

  • होलाष्टक के दौरान सूर्य देव के मंत्र ओम ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: का जाप करें. इस मंत्र का जाप 3 या 5 माला कर सकते हैं. इससे सूर्य देव को शांत किया जा सकता है. 

  • सूर्य देव से जुड़ी वस्तुओं का दान करके भी सूर्य देव को शांत किया जा सकता है. सूर्य देव की पूजा के बाद गेहूं, लाल कमल, मसूर दाल, गुड़, तांबा के बर्तन, लाल या पीले वस्त्र आदि का दान करना लाभदायक रहता है. 

  • सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने के लिए माता-पिता के पैर छूएं और आशीर्वाद लें. अपने माता-पिता की सेवा करें. इतना ही नहीं, उनकी आज्ञा का पालन करें.

  • धार्मिक मान्यता है कि गाय की सेवा करने से हजार तीर्थों के बराबार पुण् की प्राप्ति होती है. और ग्रह दोष दूर होते हैं. इसलिए गौ सेवा करके लाभ प्राप्त किया जा सकता है. 

  • नवग्रह पीड़ाहर स्तोत्र या नवग्रह कवच मंत्र का जाप भी कर सकते हैं. ऐसा करने से सभी ग्रहों की पीड़ा से शांति मिलती है.


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