Holashtak 2023: होलाष्टक आज से शुरू, गृह प्रवेश से लेकर इन 16 कार्यों पर लगी रोग, जानें क्या करें, क्या न करें
Holashtak 2023 Date: होलिका दहन से आठ दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाते हैं. फाल्गुन अष्टमी से होलिका दहन तक आठ दिनों तक होलाष्टक के दौरान इन आठ दिनों में शुभ कार्य नहीं किए जाते है.
Holashtak 2023 Date: होलाष्टक शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष है. होलाष्टक में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. इनका फल अच्छा नहीं मिलता है, ऐसी मान्यता है. लेकिन होलाष्टक देवी-देवताओं की आराधना के लिए श्रेष्ठ माने जाते हैं. इन आठ दिनों के मध्य विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, मकान, जमीन, वाहन क्रय और विक्रय आदि निषेध माने गए हैं.
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास के अनुसार होलाष्टक होलिका दहन से आठ दिन पहले से लग जाता है. इस बार होलाष्टक 27 फरवरी से 6 मार्च तक लगेगा. फाल्गुन अष्टमी से होलिका दहन तक आठ दिनों तक होलाष्टक के दौरान मांगलिक और शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है. इन आठ दिनों में भले ही शुभ कार्य नहीं किए जाते, लेकिन देवी-देवताओं की अराधना के लिए ये दिन बहुत ही श्रेष्ठ माने जाते हैं.
होलिका दहन कब है? (Holika Dahan 2023)
इस बार होलिका दहन 6 मार्च 2023 को होगा इसलिए होलाष्टक होली (Holi 2023) से आठ दिन पहले यानी 27 फरवरी 2023 से लग जाएंगे. वहीं इसके अगले दिन यानी कि 7 मार्च 2023 को होली खेली जाएगी.
होलाष्टक क्या है? (Holashtak 2023)
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि हिंदू धर्म में होली के पर्व का विशेष महत्व है. होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है. लेकिन फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से ही होलाष्टक लग जाता है. होलाष्टक शब्द होली और अष्टक से से मिलकर बना है. इसका अर्थ है होली के आठ दिन. देशभर में होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को किया जाता है, पूर्णिमा से आठ दिन पहले से होलाष्टक लग जाता है.
होलाष्टक में 16 संस्कार का महत्व
होलाष्टक में 16 संस्कार समेत कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है, होलाष्टक के दौरान दान-पुण्य करने का विशेष फल प्राप्त होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलाष्टक में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से हर तरह के रोग से छुटकारा मिलता है और सेहत अच्छी रहती है.
होली की कथा (Holi Story in Hindi)
होलाष्टक को लेकर एक कथा प्रचलित है कि राजा हिरण्यकश्यप बेटे प्रहलाद को भगवान विष्णु की भक्ति से दूर करना चाहते थे. और इसके लिए उन्होंने इन आठ दिन प्रहलाद को कठिन यातनाएं दीं. इसके बाद आठवें दिन बहन होलिका (जिसे आग में न जलने का वरदान था) के गोदी में प्रहलाद को बैठा कर जला दिया. लेकिन फिर भी प्रहलाद बच गए. अतः ऐसे में इन आठ दिनों को अशुभ माना जाता है और कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता. होलाष्टक के दौरान सोलह संस्कार सहित सभी शुभ कार्यों को रोक दिया जाता है. इन दिनों गृह प्रवेश या किसी अन्य भवन में प्रवेश करने की भी मनाही होती है. इतना ही नहीं, नई शादी हुई लड़कियों को ससुराल की पहली होली देखने की भी मनाही होती है.
होलाष्टक पर क्या करें? (Holashtak Ke Upay)
होलाष्टक के दौरान दान-पुण्य करने का विशेष फल प्राप्त होता है. इस दौरान मनुष्य को अधिक से अधिक भगवत भजन और वैदिक अनुष्ठान करने चाहिए, ताकि समस्त कष्टों से मुक्ति मिल सके. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलाष्टक में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से हर तरह के रोग से छुटकारा मिलता है और सेहत अच्छी रहती है.
संतान प्राप्ति का उपाय
यदि किसी कपल को संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है तो वह होलाष्टक में लड्डु गोपाल की विधि विधान से पूजा पाठ करें. इस दौरान हवन भी करें जिसमें गाय का शुद्ध घी और मिश्री का इस्तेमाल करें. इस उपाय को करने से निसन्तान को भी संतान प्राप्त हो जाती है.
करियर में सफलता के लिए
करियर में तरक्की पर तरक्की चाहते हैं तो होलाष्टक में यह उपाय करें. घर या ऑफिस में जौ तिल और शक्कर से हवन करवाएं. ऐसा कर आपके करियर में आने वाली सभी बाधाएं खत्म हो जाएगी. आप जिस भी फील्ड में काम स्टार्ट करेंगे उसमें आसानी से सफलता का स्वाद चख सकेंगे.
धन प्राप्ति के लिए
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि यदि आप आर्थिक रूप से कमजोर हैं या अत्यधिक धन की कामना रखते हैं तो होलाष्टक में यह उपाय जरूर करें. कनेर के फूल गांठ वाली हल्ती पीली सरसों और गुड़ के द्वारा अपने घर में हवन करें. ऐसा करने से पैसों से जुड़ी सभी दिक्कतें दूर हो जाएगी. इतना ही नहीं संपत्ति से जुड़े मामलों में भी लाभ होगा.
अच्छी हेल्थ के लिए
अपनी अच्छी सेहत के लिए आपको होलाष्टक में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए. ये जाप करने के बाद गुग्गल से हवन भी करना न भूलें. मान्यता के अनुसार ऐसा करने से असाध्य रोग से मुक्ति प्राप्त होती है.
सुखमय जीवन के लिए
यदि आपके जीवन में अत्यधिक दुख हैं तो होलाष्टक में हनुमान चालीसा और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना शुरू कर दें. इससे आपके सभी दुख समाप्त हो जाएंगे. जीवन में खुशियां ही खुशियां होगी. आपकी लाइफ सुख सुविधाओं से सज्जित होगी.
Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.