Holashtak 2024: होलाष्टक के दौरान ग्रहों की नकारात्मकता बढ़ने से आठ दिन तक वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव रहेगा. ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि होलाष्टक का आरंभ 17 मार्च से हो जाएगा. होलाष्टक 17 मार्च से 24 मार्च तक लगेगा. ग्रह-नक्षत्र के कमजोर होने के कारण इस दौरान जातक की निर्णय क्षमता कम हो जाती है.


होलाष्टक के दौरान पूजा पाठ का विशेष महत्व होता है. होलाष्टक के समय में मौसम में बदलाव होता है, इसलिए दिनचर्या को काफी अनुशासित रखें. ज्योतिषाचार्य से जानें होलाष्टक में किन उपायों को करना अच्छा होता है, वहीं इस समय क्या नहीं करें ये भी ध्यान रखें.


2024 में होलाष्टक कब से कब तक (Holashtak 2024 Date)


पंचांग के अनुसार इस साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 16 मार्च को रात 9:39 मिनट से होगा, जिसका समापन 17 मार्च को सुबह 9:53 मिनट पर होगा. ऐसे में होलाष्टक 17 मार्च से लगेगा और 24 मार्च को समाप्त होगा. इसके बाद 25 मार्च को होली मनाई जाएगी यानी इस साल होलाष्टक की शुरुआत 17 मार्च से हो रही है.होलिका दहन 24 व 25 मार्च को होली खेली जाएगी।


होलाष्टक में न करें ये काम (Holashtak me Kya kare)



  • ज्योतिषाचार्य ने बताया कि होलाष्टक का समापन होलिका दहन के दिन हो जाता है. होलाष्टक के दौरान विवाह का मुहूर्त नहीं होता इसलिए इन दिनों में विवाह जैसा मांगलिक कार्य संपन्न नहीं करना चाहिए.

  • नए घर में प्रवेश भी इन दिनों में नहीं करना चाहिए.भूमि पूजन भी इन दिनों में न ही किया जाए तो बेहतर है.

  • नवविवाहिताओं को इन दिनों में मायके में रहने की सलाह दी जाती है.

  • हिंदू धर्म में 16 प्रकार के संस्कार बताए जाते हैं, इनमें से किसी भी संस्कार को संपन्न नहीं करना चाहिए. हालांकि दुर्भाग्यवश इन दिनों किसी की मौत होती है तो उसके अंत्येष्टि संस्कार के लिये भी शांति पूजन करवाई जाती है.

  • होलाष्टक के समय विशेष रूप से विवाह, वाहन खरीद, नए निर्माण व नए कार्यों को आरंभ नहीं करना चाहिए. ऐसा ज्योतिष शास्त्र का कथन है अर्थात् इन दिनों में किए गए कार्यों से कष्ट, अनेक पीड़ाओं की आशंका रहती है तथा विवाह आदि संबंध विच्छेद और कलह का शिकार हो जाते हैं या फिर अकाल मृत्यु का खतरा या बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है.

  •  इसके साथ ही इस दौरान किसी भी प्रकार का हवन और यज्ञ कर्म भी इन दिनों में नहीं किये जाते.


होलाष्टक को क्यों माना जाता है अशुभ (Why Holashtak is Ashubh)


ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक के दौरान आठ ग्रह उग्र अवस्था में रहते हैं. अष्टमी तिथि को चन्द्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी तिथि पर शनि, एकादशी पर शुक्र, द्वादशी पर गुरु, त्रयोदशी तिथि पर बुध, चतुर्दशी पर मंगल और पूर्णिमा तिथि के दिन राहु उग्र स्थिति में रहते हैं. होलाष्टक के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं.


माना जाता है कि होलाष्टक की अवधि में किए शुभ और मांगलिक कार्यों पर इन ग्रहों का बुरा असर पड़ता है, जिसका असर सभी राशियों के जीवन पर भी पड़ सकता है. इस वजह से जीवन में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. यही कारण है कि होली से पहले इन आठ दिनों में सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है.


होलाष्टक में पूजा का महत्व (Holashtak Puja Significance)


ज्योतिषाचार्य ने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार, होलाष्टक के दौरान भगवान हनुमान, भगवान विष्णु और भगवान नरसिंह की पूजा करने का विधान है.  माना जाता है कि पूजा करने से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. साथ ही होलाष्टक के आठ दिनों में व्यक्ति को निरंतर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए.


होलाष्टक में क्या करना चाहिए (Holashtak me Kya na Kare)



  • ज्योतिषाचार्य ने बताया कि होलाष्टक के दौरान पूजा पाठ का विशेष पुण्य प्राप्त होता है. इस दौरान मौसम में तेजी बदलाव होता है, इसलिए अनुशासित दिनचर्या को अपनाने की सलाह दी जाती है.

  • होलाष्टक में स्वच्छता और खानपान का उचित ध्यान रखना चाहिए. इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. होलाष्टक में भले ही शुभ कार्यों के करने की मनाही है लेकिन इन दिनों में अपने आराध्य देव की पूजा अर्चना कर सकते हैं. व्रत उपवास करने से भी आपको पुण्य फल मिलते हैं.

  • इन दिनों में धर्म कर्म के कार्य वस्त्र अनाज व अपनी इच्छा व सामर्थ्य के अनुसार जरुरतमंदों को धन का दान करने से भी आपको लाभ मिल सकता है.


ज्योतिषाचार्य से जानें होलाष्टक के विशेष उपाय (Holashtak Upay)


संतान के लिए


ज्योतिषाचार्य ने बताया कि यदि किसी कपल को संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है तो वह होलाष्टक में लड्डु गोपाल की विधि विधान से पूजा पाठ करें। इस दौरान हवन भी करें जिसमें गाय का शुद्ध घी और मिश्री का इस्तेमाल करें. इस उपाय को करने से निसन्तान को भी संतान प्राप्त हो जाती है.


करियर में सफलता के लिए


ज्योतिषाचार्य ने बताया कि यदि आप अपने करियर में तरक्की पर तरक्की चाहते हैं तो होलाष्टक में यह उपाय करें. घर या ऑफिस में जौ तिल और शक्कर से हवन करवाएं. ऐसा कर आपके करियर में आने वाली सभी बाधाएं खत्म हो जाएगी. आप जिस भी फील्ड में काम स्टार्ट करेंगे उसमें आसानी से सफलता का स्वाद चख सकेंगे.


धन प्राप्ति के लिए


ज्योतिषाचार्य ने बताया कि यदि आप आर्थिक रूप से कमजोर हैं या अत्यधिक धन की कामना रखते हैं तो होलाष्टक में यह उपाय जरूर करें. कनेर के फूलए गांठ वाली हल्तीए पीली सरसों और गुड़ के द्वारा अपने घर में हवन करें. ऐसा करने से पैसों से जुड़ी सभी दिक्कतें दूर हो जाएगी। इतना ही नहीं संपत्ति से जुड़े मामलों में भी लाभ होगा.


अच्छी हेल्थ के लिए


ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अपनी अच्छी सेहत के लिए आपको होलाष्टक में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए. ये जाप करने के बाद गुग्गल से हवन भी करना न भूलें. मान्यता के अनुसार ऐसा करने से असाध्य रोग से मुक्ति प्राप्त होती है.


सुखमय जीवन के लिए


ज्योतिषाचार्य ने बताया कि यदि आपके जीवन में अत्यधिक दुख हैं तो होलाष्टक में हनुमान चालीसा और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना शुरू कर दें. इससे आपके सभी दुख समाप्त हो जाएंगे. जीवन में खुशियां ही खुशियां होगी. आपकी लाइफ सुख सुविधाओं से सज्जित होगी.


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