Holi 2023: होली से जुड़े त्योहारों की पूरी लिस्ट यहां देखें, जानें होलिका दहन, लठ्ठमार होली, रंगभरी एकादशी, रंगपंचमी की डेट
Holi Calendar 2023 Date Time: भारत में होली कई तरह से मनाई जाती है. गुलाल के अलावा कहीं फूलों से तो कहीं लठ्ठ से होली खेली जाती है. जानते हैं इस साल लठ्ठमार होली, होलिका दहन कब है और इनका महत्व.
Holi 2023 Dates: होली का त्यौहार आने वाला है और कान्हा की नगरी में होली का उल्लास भी शुरू हो गया है. भारत में होली का त्योहार कई तरह से मनाया जाता है. रंग, गुलाल के अलावा कहीं फूलों से तो कहीं लठ्ठ से होली खेली जाती है. होली मनाने के ये तरीके विश्व प्रसिद्ध है. हर साल फुलेरा दूज से होली की शुरुआत हो जाती है और रंग पंचमी पर इसका समापन. ब्रज में फुलेरा दूज पर राधा-कृष्ण फूलों की होली खेलते हैं. आइए जानते हैं इस साल लठ्ठमार होली, छड़ीमार होली, होलिका दहन, रंगवाली होली कब है और इनका महत्व.
होली 2023 कैलेंडर (Holi 2023 Calendar)
होलाष्टक (Holashtak)- 27 फरवरी 2023 - 7 मार्च 2023
होलाष्टक यानी होली से पहले के वह आठ दिन, जिन्हें अशुभ माना गया है. इस दौरान मांगलिक कार्य करना वर्जित है. न ही कोई प्रकार का निवेश या व्यापार की शुरुआत करनी चाहिए, क्योंकि इस अवधि में 8 ग्रहों का स्वभाव उग्र होता है जो जिससे इन कार्यों के शुभ परिणाम नहीं मिलते. होलाष्टक की शुरुआत फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होती है और समापन पूर्णिमा पर होता है.
लड्डू की होली (Laddu Holi) - 27 फरवरी 2023
बरसाना के लड्डू की होली लठ्ठमार होली से एक दिन पहले खेली जाती है. कहते हैं कि लड्डू की होली लोगों के बीच मिठास घोलती है. इसमें रंग-गुलाल की जगह एक दूसरे पर लड्डू फेंके जाते हैं. कहा जाता है कि द्वापर युग में बरसाने से होली खेलने का नंदगांब में नंदबाबा को आमंत्रण भेजा गया था. नन्दबाबा ने इसे स्वीकार किया और इसकी खबर अपने पुरोहित के माध्यम से बरसाना में वृषभान जी के यहां भेजी. बरसाने में पुरोहित का लड्डू भेंट किए गए. इस दौरान गोपियों ने उन्हें गुलाल लगा दिया, पुरोहित के पास गुलाल नहीं था तो वे लड्डुओं को ही गोपियों के ऊपर फेंकने लगे. तब से ही इस दिन लड्डू की होली खेली जाती है.
लठ्ठमार होली (बरसाना) (Lathmar holi)- 28 फरवरी 2023
बरसाना और नंदगांव दोनों जगह लठ्ठमार होली खेलने की परंपरा है. फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को बरसाने में गोपियां बनीं महिलाएं नंदगांव से आए पुरूषों पर लाठी बरसाती हैं, इससे बचने के लिए हुरियारे ढाल का इस्तेमाल करते हैं. ये त्योहार राधा-कृष्ण के युग से ही मनाया जा रहा है.
लठ्ठमार होली (नंदगांव) - 1 मार्च 2023
नंदगांव में होली की ये परंपरा फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को निभाई जाती है. इस दिन बरसाने से गोपियां नंदगांव आती है और पुरुषों पर लठ मारती हैं. विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली खास मस्ती भरी होती है क्योंकि इसे कृष्ण और राधा के प्रेम से जोड़कर देखा जाता है. इस होली में खास तरह के रंगों का इस्तेमाल किया जाता है. ये रंग-गुलाल टेसू के फूल से बने होते हैं.
रंगभरी एकादशी (वाराणसी) (Rangbhari ekadashi)- 3 मार्च 2023
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी एकादशी कहते हैं. इस दिन जब भगवान शंकर माता पार्वती का गौना कराकर पहली बार काशी आए थे, तब उनके गणों ने रंग-गुलाल से शिव का स्वागत किया था. इस दिन शिव के गण गुलाल उड़ाकर धूमधाम से बाबा संग होली मनाते हैं.
भस्म होली (वाराणसी) (Bhasm Holi)- 4 मार्च 2023
रंगभरी एकादशी के दूसरे दिन महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर चिता की राख से होली खेलने की परंपरा निभाई जाती है. ऐसा माना जाता है कि बाबा विश्वनाथ प्रिय गण भूत, प्रेत, पिशाच, दृश्य, अदृश्य, शक्तियों के बीच होली खेलने के लिए घाट पर आते हैं. वर्षों से ये परपंरा यहां पूरे जोश और उत्साह के साथ चली आ रही है.
छड़ीमार होली (गोकुल) (Chadimar holi)- 4 मार्च 2023
फाल्गुन मास के शक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को गोकुल में छड़ीमार होली खेली जाती है। इस दिन महिलाओं के हाथ में लाठी नहीं बल्कि छड़ी होती है. इस होली का संबंध भगवान कृष्ण के बाल अवस्था से जुड़ा है.
होलिका दहन (Holika dahan)- 7 मार्च 2023
फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका दहन का त्योहार मनाया जाता है. ये बुराई और अहंकार पर जीत का पर्व है.
रंगवाली होली - 8 मार्च 2023
इस दिन पूरे भारत में रंगोत्सव मनाया जाता है, लोग एक दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर खुशियां मनाते हैं.
रंग पंचमी (Rang Panchami)- 12 मार्च 2023
चैत्र मास की पंचमी तिथि को रंग पंचमी कहा जाता है. इस दिन को देव पंचमी भी कहा जाता है.इस दिन देवताओं को रंग लगाया जाता है और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है.
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