होलिका दहन के ये हैं अशुभ मुहूर्त, इस समय भूलकर भी न करें ये कार्य, हो सकती है अनहोनी
हिंदू धर्म में होली का त्योहार विशेष महत्व रखता है. फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन देशभर में होलिका दहन किया जाता है. और उसके अगले दिन रंग-गुलाल उड़ाया जाता है.
हिंदू धर्म में होली का त्योहार विशेष महत्व रखता है. फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन देशभर में होलिका दहन किया जाता है. उसके अगले दिन रंग-गुलाल उड़ाया जाता है. इन 2 दिनों में होलिका दहन की रात को बहुत खास माना जाता है. ज्योतिषीयों के अनुसार कई ऐसे उपायों के बारे में बताया गया है जिन्हें अगर सही मुहूर्त में कर लिया जाए, तो व्यक्ति की समस्याएं दूर हो जाती हैं.
लेकिन होलिका दहन के दिन कुछ अशुभ मुहूर्त भी होते हैं, जिनका खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है. इस दौरान कई नकारात्मक शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं और इन्हें ही दूर करने के लिए होलिका दहन किया जाता है. हिंदू धर्म, पंचाग और ज्योतिष शास्त्र में होलिका दहन हमेशा शुभ मुहूर्त में ही किया जाता है. अन्यता किसी अनहोनी का खतरा रहता है. आइए जानें अशुभ मुहूर्त में क्या नहीं करना चाहिए.
रहती है अनहोनी की आशंका
धार्मिक ग्रंथों और विद्वानों का कहना है कि होलिका दहन पर कभी भी भद्रा का साया नहीं रहना चाहिए. होलिका दहन हमेशा शुभ मुहूर्त में किया जाना चाहिए. भद्रा के समय होलिका दहन से अनहोनी होने की आशंका रहती है. इसलिए हमेशा शुभ मुहूर्त में ही दहन करें. नीचे बताए जा रहे मुहूर्त में दहन बिल्कुल न करें. अगर ऐसा होता है तो कुछ भी अपशगुन हो सकता है.
होलिका दहन के अशुभ मुहूर्त-
राहुकाल- दोपहर 2:00 से 3:30 बजे तक.
भद्रा- दोपहर 1:29 बजे तक भद्रा का साया रहेगा.
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
पंचाग के अनुसार 17 मार्च 2022 की दोपहर 1:29 बजे तक चतुर्दशी तिथि है इसके बाद पूर्णिमा तिथि की शुरुआत हो जाएगी. 18 मार्च की मध्यरात्रि 1:09 बजे तक शूल योग होगा. इसके बाद गण्ड योग लग जाएगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये दोनों ही योग शुभ नहीं हैं. ऐसे में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 9:20 बजे से 10:31 बजे तक रहेगा. इस 1 घंटे 10 मिनट के समय में ही विधि-विधान से होलिका दहन करना शुभ माना जाएगा.
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