रंग और उल्लास का पर्व होली फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस दिन शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया जाता है. वहीं अगले दिन रंगों और गुलाल से खेला जाता है. इस माह होलिका दहन 17 मार्च और बड़ी होली 18 मार्च को मनाई जाएगी. मान्यता है कि दिन व्रत रखने और स्नान-दान का विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है कि होलिका दहन की अग्नि की पूजा से मुनष्य के सभी दुख और संकट जल कर राख हो जाते हैं. और व्यक्ति पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है. 


होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 2022 


होलिका दहन 17 मार्च, गुरुवार के दिन किया जाएगा. इस बार शाम के समय भद्रा होने के कारण देर से होलिका दहन किया जाएगा. इस बार होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात को 9 बजकर 06 मिनट से शुरू होगा और 10 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगा. बता दें कि इस बार होलिका दहन भद्रा के साथ किया जाएगा. दिल्ली, नोएडा, जयपुर, पटना समेत सभी राज्यों में इसी समय दहन होगा. 


होलिका दहन पूजा विधि 2022


होलिका दहन से पहले विधि-विधान के साथ होलिका की पूजा की जाती है. सबसे पहले होलिका पर हल्दी. रोली और गुलाल से टीका लगाकर फूल, कच्चा सूत, बताशे, मीठी चीजें आदि चढ़ाई जाती हैं. इसके बाद होलिका के चारों ओर 7 बार परिक्रमा की जाती है. फिर जल चढ़ाएं. मान्यता है कि दहन से पहले होलिका की पूजा बहुत शुभ फलदायी होती है. इससे आपके ग्रहदोष भी दूर होते हैं. 


इसके बाद शाम के समय होलिका दहन के समय परिवार के सभी लोग होलिका के चारों ओर इक्ट्ठा बैठकर उसमें गेहूं की बाली, साबूत मूंग को जलती हुई अग्नि में डालते हैं. इसके बाद पैर छूकर बड़ों का आशीर्वाद लें. गेंहू के भुने दाने देने दें. ऐसा करने से आपसी प्रेम बढ़ता है और रिश्तों में मजबूती आती है. 


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