Holika Dahan 2024 Highlights: होलिका दहन के बाद 25 मार्च को खेली जाएगी रंग वाली होली

Holika Dahan 2024 Highlights: होलिका दहन शुभ मुहूर्त में पूर्ण हो चुका है. अब 25 मार्च को रंग की होली (Holi 2024) खेली जाएगी.

एबीपी लाइव Last Updated: 24 Mar 2024 11:34 PM
कब तक रहेगा होलिका दहन (Holika Dahan) का शुभ मुहूर्त

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शुरू हो चुका है, वैदिक पंचांग (Hindu Panchang) की गणना के अनुसार होली जलाने का शुभ मुहूर्त मध्य रात्रि 12:33 तक ही रहेगा. इसके बाद रंग वाली होली (Holi 2024) आरंभ हो जाएगी. इस वर्ष होलिका दहन के लिए 1 घंटा 20 मिनट का शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)बना है.

सजा लें पूजा की थाली, शुरू हो चुका है होलिका दहन (Holika Dahan) का शुभ मुहूर्त

होलिका दहन (Holika Dahan 2024) का शुभ मुहूर्त शुरू हो चुका है. होलिका दहन की पूजा की थाली (Puja Ki Thali) में किन चीजों को शामिल किया जाता है जानें-



  • कच्चा सूती धागा

  • नारियल

  • गुलाल

  • रोली

  • अक्षत

  • धूप

  • फूल

  • गाय के गोबर से बनी गुलरी

  • बताशे

  • अनाज 

  • मूंग की साबुत दाल

  • हल्दी का टुकड़ा

  • एक लोटा जल

  • होली पर घर में बने पकवान जैसे गुजिया


इन सब चीजों को पूजा की थाली में सजा कर विधि पूर्वक होलिका माता की पूजा करनी चाहिए.

Holika Dahan Shubhu Muhurat

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त भद्रा की समाप्ति के बाद आज यानि 24 मार्च की मध्य रात्रि 11:13 से मध्य रात्रि 12:33 तक है. होलिका दहन के लिए 1 घंटा 20 मिनट का शुभ समय बना हुआ है. पूजन, उपाय, मंत्र साधना आदि के लिए यह समय उत्तम है.


भद्रा (Bhadra) कौन है इसके बारे में भी जानना चाहिए, भद्रा सूर्य (Sun) की पुत्री और शनिदेव (Shani Dev) की बहन है. भद्रा क्रोधी स्वभाव की मानी गई हैं. इसलिए भद्रा के समय में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. मान्यता है ऐसा करने से अनिष्ट होता है.

होलिका दहन के समय पढ़ें ये चालीसा, जीवन की हर बाधा होगी दूर

होलिका दहन का मुहूर्त नजदीक आ रहा है. मान्यता है कि इस अवसर पर यदि इस चालीसा का पाठ करते हैं तो कई प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है. आइए पढ़ते हैं चालीसा-


श्री नरसिंह चालीसा (shri narsingh bhagwan chalisa) 


मास वैशाख कृतिका युत हरण मही को भार ।
शुक्ल चतुर्दशी सोम दिन लियो नरसिंह अवतार ।।


धन्य तुम्हारो सिंह तनु, धन्य तुम्हारो नाम ।
तुमरे सुमरन से प्रभु , पूरन हो सब काम ।।


नरसिंह देव में सुमरों तोहि ,
  धन बल विद्या दान दे मोहि ।।1।।


जय जय नरसिंह कृपाला
करो सदा भक्तन प्रतिपाला ।।2।।


विष्णु के अवतार दयाला
महाकाल कालन को काला ।।3 ।।


नाम अनेक तुम्हारो बखानो
अल्प बुद्धि में ना कछु  जानों ।।4।।


हिरणाकुश नृप अति अभिमानी
तेहि के भार मही अकुलानी ।।5।।


हिरणाकुश कयाधू के जाये
नाम भक्त प्रहलाद कहाये ।।6।।


भक्त बना बिष्णु को दासा
पिता कियो मारन परसाया ।।7।।


अस्त्र-शस्त्र मारे भुज दण्डा
      अग्निदाह कियो प्रचंडा  ।।8।।


भक्त हेतु तुम लियो अवतारा
दुष्ट-दलन हरण महिभारा ।।9।।


तुम भक्तन के भक्त तुम्हारे
प्रह्लाद के प्राण पियारे ।।10।।


प्रगट भये फाड़कर तुम खम्भा
देख दुष्ट-दल भये अचंभा  ।।11।।


खड्ग जिह्व तनु सुंदर साजा
ऊर्ध्व केश महादष्ट्र विराजा ।।12।।


तप्त स्वर्ण सम बदन तुम्हारा
को वरने तुम्हरों विस्तारा ।।13।।


रूप चतुर्भुज बदन विशाला
नख जिह्वा है अति विकराला ।।14।।


स्वर्ण मुकुट बदन अति भारी
कानन कुंडल की छवि न्यारी ।।15।।


भक्त प्रहलाद को तुमने उबारा
हिरणा कुश खल क्षण  मह मारा ।।16।।


ब्रह्मा, बिष्णु तुम्हे नित ध्यावे
इंद्र महेश सदा मन लावे ।।17।।


वेद पुराण तुम्हरो यश गावे
शेष शारदा पारन पावे  ।।18।।


जो नर धरो तुम्हरो ध्याना
ताको होय सदा कल्याना ।।19।।


त्राहि-त्राहि प्रभु दुःख निवारो
भव बंधन प्रभु आप ही टारो ।।20।।


नित्य जपे जो नाम तिहारा
दुःख व्याधि हो निस्तारा ।।21।।


संतान-हीन जो जाप कराये
मन इच्छित सो नर सुत पावे ।।22।।


बंध्या नारी सुसंतान को पावे
नर दरिद्र धनी होई जावे ।।23।।


जो नरसिंह का जाप करावे
ताहि विपत्ति सपनें  नही आवे ।।24।।


जो कामना करे मन माही
सब निश्चय सो सिद्ध हुई जाही  ।।25।।


जीवन मैं जो कछु संकट होई
निश्चय नरसिंह सुमरे सोई ।।26।।


रोग ग्रसित जो ध्यावे कोई
ताकि काया कंचन होई ।।27।।


डाकिनी-शाकिनी प्रेत बेताला
ग्रह-व्याधि अरु यम विकराला  ।।28।।


प्रेत पिशाच सबे भय खाए
यम के दूत निकट नहीं आवे ।।29।।


सुमर नाम व्याधि सब भागे
रोग-शोक कबहूं   नही लागे  ।।30।।


जाको नजर दोष हो भाई
सो नरसिंह चालीसा गाई ।।31।।


हटे नजर होवे कल्याना
बचन सत्य साखी भगवाना  ।।32।।


जो नर ध्यान तुम्हारो लावे
सो नर मन वांछित फल पावे ।।33।।


बनवाए जो मंदिर ज्ञानी
हो जावे वह नर जग मानी ।।34।।


नित-प्रति पाठ करे इक बारा
सो नर रहे तुम्हारा प्यारा ।।35।।


नरसिंह चालीसा जो जन गावे
दुःख दरिद्र ताके निकट न आवे ।।36।।


चालीसा जो नर पढ़े-पढ़ावे
सो नर जग में सब कुछ पावे ।।37।।


यह श्री नरसिंह चालीसा
पढ़े रंक होवे अवनीसा ।।38।।


जो ध्यावे सो नर सुख पावे
तोही विमुख बहु दुःख उठावे ।।39।।


“शिव स्वरूप है शरण तुम्हारी
हरो नाथ सब विपत्ति हमारी “।।40।।


चारों युग गायें तेरी महिमा अपरम्पार ‍‌।
निज भक्तनु के प्राण हित लियो जगत अवतार ।।


नरसिंह चालीसा जो पढ़े प्रेम मगन शत बार ।
उस घर आनंद रहे वैभव बढ़े अपार ।।

होलिका दहन से पहले शुरू हुई पूजा

होलिका दहन शुभ मुहूर्त (Holika Dahan Shubhu Muhurat)


होलिका दहन का समय जैसे जैसे नजदीक आ रहा है, देश के कोने कोने में होलिका की पूजा आरंभ हो गई हैं. लोग पूरी श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना कर रहे हैं. महिलाओं में पूजा को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है.


दिल्ली, लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद, कानपुर, आगरा, गुरूग्राम, मेरठ, वाराणसी, आदि शहरों में होलिका की पूजन प्रक्रिया आरंभ हो गई है. ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अनीष व्यास के अनुसार होलिका की भद्रा आरंभ हो चुकी है.


भद्रा (Bhadra Time) आज रात 11 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी. इसके बाद ही होलिका दहन का शुभ मुहूर्त प्रारंभ होगा. इस बार ये समय कम समय के लिए है.  मध्य रात्रि 12:33 बजे तक ही होलिका दहन का मुहूर्त है


 

होलिका दहन के बाद कल मनेगी होली (Holi 2024)

आज रात्रि में भद्रा समाप्त होने के बाद होलिका दहन किया जाएगा. इसके बाद कल यानी 25 मार्च को होली का त्योहार मनाया जाएगा.

भद्रा समाप्ति के बाद होलिका दहन मुहूर्त (Holika Dahan 2024 Muhurat After Bhadra)

  • 24 मार्च 2024 - रात्रि 11:13 से मध्य रात्रि 12:33

  • कुल अवधि - लगभग 01 घंटे 20 मिनट

होलिका दहन कैसे करें (Holika Dahan 2024 Vidhi)

होलिका दहन के लिए इक्ट्ठित लकड़ियों को 3 या 7 बार कच्चे सूत से लपेटें. फिर कुमकुम छिड़कर कर फूल चढ़ाएं. पूजा के लिए माला, रोली, अक्षत, बताशे-गुड़, साबुत हल्दी, गुलाल, नारियल अर्पित करें. असृक्पाभयसंत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिशै: । अतस्त्वां पूजायिष्यामि भूते भूतिप्रदा भव।।’ मंत्र का उच्चारण करते हुए होलिका की 7 बार परिक्रमा करें

छोटी होली बधाई संदेश (Choti Holi 2024 Wishes)

1. अच्छाई की जीत हुई है
हार गई बुराई है,
देखो होलिका दहन की
शुभ घड़ी आज आई है.


2. आई बसंत ऋतु की बहार
चली पिचकारी, उड़ा गुलाल
मुबारक हो आपको छोटी होली का त्योहा.

सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग में होलिका दहन (Holika Dahan 2024 Shubh Yog)

आज होलिका दहन पर  सुबह 6:20 बजे से सुबह 11:21 बजे तक रवि योग, सुबह 7:40 बजे से रात 12:35 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग है. वहीं रात 8:34 बजे से वृद्धि योग शुरू होगा और अगली रात 9:30 बजे तक रहेगा. साथ ही 24 और 25 मार्च को सूर्य व बुध के कुंभ राशि में साथ रहने से बुधादित्य योग भी बना है.


 

किन्हें नहीं देखना चाहिए होलिका दहन (Who should not watch Holika Dahan)

  • जिन महिलाओं की शादी के बाद पहली होली हो, उन्हें होलिका दहन नहीं देखना चाहिए.

  • गर्भवती महिलाओं को होलिका दहन नहीं देखनी चाहिए और ना ही होलिका की पूजा करनी चाहिए.

  • नवजात बच्चे को भी होलिका दहन से दूर रखना चाहिए.

भद्रा के 12 नाम (Bhadra 12 Names)

धन्या, दधिमुखी, भद्रा, महामारी, खरानना, कालरात्रि, महारुद्रा, विष्टि, कुलपुत्रिका, भैरवी, महाकाली तथा असुरक्षयकरी

होलिका दहन मुहूर्त कब से शुरू (Holika Dahan 2024 Muhurat)

भद्रा की समाप्ति के बाद 24 मार्च को मध्य रात्रि 11:13 से मध्य रात्रि 12:33 तक होलिका दहन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है. ऐसे में होलिका दहन के लिए केवल 1 घंटा 20 मिनट मिलेगा, जोकि शुभ समय है.


 

कैसे जानें भद्रा काल कब ?

शुक्लपक्ष में: अष्टमी और पूर्णिमा तिथि के पूर्वार्द्घ में और एकादशी तिथि के उत्तरार्द्ध में
विष्टि करण यानी भद्रा होती है.
कृष्णपक्ष में: तृतीया और दशमी तिथि के उत्तरार्द्ध में और सप्तमी व चतुर्दशी के पूर्वार्द्घ में भद्रा होती है. तिथि के सम्पूर्ण भोगकाल का पहला आधा हिस्सा पूर्वार्द्घ और अंतिम आधा हिस्सा उत्तरार्द्ध होता है.

भद्रा के दुष्प्रभाव से बचने के लिए जपे ये नाम (Bhadra Upay)

धन्या दधमुखी भद्रा महामारी खरानना।
कालारात्रिर्महारुद्रा विष्टिश्च कुल पुत्रिका।
भैरवी च महाकाली असुराणां
क्षयन्करी।
द्वादश्चैव तु नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्।
न च व्याधिर्भवैत तस्य रोगी रोगात्प्रमुच्यते।
गृह्यः सर्वेनुकूला: स्यर्नु च विघ्रादि जायते।

भद्रा के दोष क्या है (Know Dosh of Bhadra)

  • जब भद्रा मुख में हो तो किए गए कार्य का नाश होता है.

  • जब भद्रा कंठ में हो तो धन का नाश होता है.

  • भद्रा हृदय में होते प्राण का नाश होता है.

  • वहीं जब भद्रा पुच्छ में हो तो विजय प्राप्ति और कार्य सिद्ध होते हैं.

जरूरी काम हो तो त्याग दें भद्रा की 5 घटी

हिंदू धर्म में भद्रा को शुभ-मांगलिक काम के लिए अशुभ माना जाता है. लेकिन बहुत जरूरी काम हो तो कम से कम भद्रा की 5 घटी त्याग देनी चाहिए. क्योंकि भद्रा की 5 घटी मुख में होती है. इसके अलावा भद्रा की 2 घटी कंठ में, 11 घटी हृदय में और 4 घटी पुच्छ में होती है. भद्रा मुख में होना बहुत अशुभ होता है. होलिका दहन के दिन भद्रा मुख रात 07:53 से रात 10:06 तक रहेगा.

क्या भद्रा काल में होलिका दहन कर सकते हैं? (Holika Dahan on Bhadra)

वैसे तो भद्राकाल समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन करना अच्छा होता है. लेकिन किसी कारणवश या विशेष परिस्थितियों में भद्रा पुच्छ में भी होलिका दहन किया जा सकता है. क्योंकि जब भद्रा पुच्छ में हो तो, विजय प्राप्ति और कार्य सिद्ध होते हैं. आज  भद्रा पूच्छ शाम 06:33 से रात्रि 07:53 तक रहेगा. 

होलिका दहन भद्रा का समय (Holika Dahan Bhadra Time)

होलिका दहन में आज 24 मार्च को सुबह 09:55 में भद्रा लगी है और मध्यरात्रि 11:13 पर समाप्त होगी.

होलिका दहन पर न करें ये काम (Holika Dahan Kaam)

मान्यता है कि होलिका दहन के दिन किसी को उधार नहीं देना चाहिए. माना जाता है कि आज के दिन उधार देने से आपको भविष्य में आर्थिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

होलिका दहन पर करें दरिद्रता दूर करने के उपाय (Holika Dahan Upay For Money)

आज होलिका दहन की रात में पूर्व दिशा की ओर मुंह करके, आसन लगाकर, सात कौड़ियां व एक छोटे शंख को मसूर की दाल की ढेरी पर स्थापित कर लें. इसके बाद मूंगे की माला से ऊँ गं गणपतये नमः. मंत्र का 5 माला जाप करें. मंत्र-जप संपन्न होने पर सभी सामग्री को किसी निर्जन स्थान पर गड्ढा खोदकर दबा दें. इससे आर्थिक तंगी दूर होती है.

नौकरी में प्रमोशन के उपाय (Holika Dahan Upay For Job)

होलिका दहन के दिन कुछ उपाय करने से नौकरी में प्रमोशन के योग बनते हैं.  इसके लिए होलिका दहन के समय 8 नींबू लेकर उसे अपने ऊपर से 21 बार उतारें. इसके बाद इसे जलती होलिका में चढ़ा दें. फिर होलिका की 8 परिक्रमा करें. इससे प्रमोशन के योग बनते हैं.

होलिका दहन के दिन दूर करें वास्तु दोष (Holika Dahan Vastu Tips)

वास्तु दोष दूर करने के लिए होलिका दहन का दिन अति उत्तम होता है. आज के दिन अपने इष्टदेव को गुलाल अर्पित करें. अपने इष्टदेव का निवास स्थान ईशान कोण में रख कर उनका पूजन करें. यह उपाय करने से ग्रह दोष और वास्तु दोष समाप्त हो जाता है. इससे घर में शांति और सुख-सुविधा आती है.

होलिका में करें अग्नि की पूजा (Holika Agni Puja)

होलिका दहन से पूर्व अग्निदेव की पूजा का विधान है. अग्निदेव पंचतत्वों में प्रमुख माने जाते हैं. अग्निदेव जीवात्माओं के शरीर में अग्नितत्व के रूप में विराजमान रहते हैं और जीवन भर उनकी रक्षा करते हैं. 

लंबी आयु के लिए होलिका में अर्पित करें ये चीज (Holika Dahan Remedies)

आप जिसकी लंबी आयु की कामना चाहते हैं उसकी लंबाई के बराबर काला धागा नाप कर दो से तीन बार लपेटकर तोड़ लें. अब इस धागे को होलिका दहन की अग्नि में अर्पित कर दें. मान्यता है कि इससे सारी विपदाएं दूर हो जाती हैं और लंबी आयु का वरदान मिलता है.

होलिका दहन के उपाय (Holika Dahan Upay)

होलिका दहन के समय अग्नि की 7 परिक्रमा करें. देवी लक्ष्मी का ध्यान करते हुए इस पान के पत्ते को होलिका को अर्पित कर दें. माना जाता है कि ऐसा करने से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. होलिका दहन के समय गेहूं, जौ और चने की हरी बालियां पवित्र अग्नि को समर्पित करनी चाहिए. ऐसा करने से घर में धन का आगमन होता है. 

होली की पौराणिक कथा (Holi Pauranik Katha)

भक्त प्रह्लाद का जन्म राक्षस परिवार में हुआ था पर वे भगवान विष्णु के बड़े  भक्त थे. उनके पिता हिरण्यकश्यप को उनकी ईश्वर भक्ति अच्छी नहीं लगती थी इसलिए हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को अनेकों प्रकार के कष्ट दिए. हिरण्यकश्यप ने कई बार भक्त प्रह्राल को मारने की कोशिश की लेकिन हर बार नकामी ही मिली. तब हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को भक्त प्रह्राद को मारने की जिम्मा सौपा. 


होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था. उनकी बुआ होलिका जिसको ऐसा वस्त्र वरदान में मिला हुआ था जिसको पहनकर आग में बैठने से उसे आग नहीं जला सकती थी. होलिका भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए वह वस्त्र पहनकर उन्हें गोद में लेकर आग में बैठ गई. भक्त प्रह्लाद की विष्णु भक्ति के फलस्वरूप होलिका जल गई लेकिन भक्त प्रह्लाद को कुछ नहीं हुआ. इसके प्रथा के चलते हर वर्ष होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है.

भद्रा में नहीं होते शुभ कार्य (Holika Dahan Kaam 2024)

पुराणों के अनुसार भद्रा सूर्य की पुत्री और शनि देव की बहन है. भद्रा क्रोधी स्वभाव की मानी गई हैं. मान्यता है कि भद्रा तीनों लोक में भ्रमण करती हैं, जब मृत्यु लोक में होती हैं, तो अनिष्ट करती हैं. भद्रा योग कर्क, सिंह, कुंभ व मीन राशि में चंद्रमा के विचरण पर भद्रा विष्टिकरण का योग होता है. भद्रा काल में किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं.

होलिका दहन विधि (Holika Dahan Vidhi 2024)

होलिका दहन का तैयारी कई दिनों पहले से होने लगती है. होलिका दहन वाले स्थान पर लकड़ियां, उपले और अन्य जलाने वाली चीजों को एकत्रित किया जाता है. इसके बाद होलिका दहन के शुभ मुहूर्त पर विधिवत रूप से पूजन करते हुए होलिका में आग लगाई जाती है. इसके बाद होलिका की परिक्रमा करते हुए पूजा सामग्री को होलिका में डाला जाता है.

होलिका दहन की पूजा सामग्री (Holika Dahan Puja Samagri 2024)

होलिका दहन के लिए कुछ पूजन सामग्री जरूरी मानी जाती है. इसके लिए एक लोटा जल, गोबर के उपले, रोली, अक्षत, अगरबत्ती, फल, फूल, मिठाई, कलावा, बताशा, गुलाल पाउडर, नारियल, हल्दी की गांठ, मूंग दाल, और साबुत अनाज पूजा के लिए रखें.

होलिका दहन पर बन रहे शुभ योग (Holika Dahan Shubh Yog 2024)

होलिका दहन के दिन आज कई शुभ योग बन रहे है. आज के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07:34 बजे से अगले दिन सुबह 06:19 बजे तक है. वहीं रवि योग सुबह 06:20 बजे से सुबह 07:34 बजे तक है.

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त (Holika Dahan Shubh Muhurt 2024)

हिंदू पंचांग के अनुसार, आज होलिका दहन के लिए लोगों के पास केवल 1 घंटा 20 मिनट का समय रहेगा. आज के दिन भद्रा की पूंछ शाम 06:33 बजे से शाम 07:53 बजे तक है, वहीं भद्रा का मुख शाम 07:53 बजे से रात 10:06 बजे तक है. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च को रात 11:13 बजे से रात 12:27 बजे तक रहेगा. 

होलिका दहन पर आज भद्रा का साया (Holika Dahan Bhadra Time 2024)

आज होलिका दहन है. फाल्गुन पूर्णिमा की रात में होलिका दहन किया जाता है. आज होलिका पर भद्रा का साया रहेगा. 24 मार्च को आज भद्रा का साया सुबह 9 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. इसलिए आज होलिका दहन रात 10 बजकर 27 मिनट के बाद ही किया जा सकेगा.

Holika Dahan 2024 Rules: होलिक दहन पर क्या न करें

होलिका में कूड़ा न डालें, इस दिन काले रंग के वस्त्र न पहनें. होलिका दहन के दिन मास-मदिरा का सेवन भूलकर भी न करें. इस दिन फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत करने वाले ब्रह्मचर्य का पालन करें. इस दिन तंत्र-मंत्र किए जाते हैं इसलिए कहीं भी रास्ते में पड़ी चीजों को हाथ न लगाएं.

Happy Holi 2024 Wishes: होली की शुभकामनाएं


Holika Dahan 2024 LIVE: राशि अनुसार होलिक दहन में डालें ये चीजें

मेष राशि - गुड़ की आहुति दें.
वृषभ राशि - चीनी की आहुति दें.
मिथुन राशि- कपूर की आहुति दें.
कर्क राशि - लोहबान की आहुति दें.
सिंह राशि - गेहूं की आहुति दें.
कन्या राशि - कपूर की आहुति दें.
तुला राशि - सफेद तिल की आहुति दें.
वृश्चिक राशि - नारियल की आहुति दें.
धनु राशि - जौ और चना की आहुति दें.
मकर राशि - काले तिल की आहुति दें
कुंभ राशि - काली सरसों की आहुति दें
मीन राशि - चना की आहुति दें.

Holika Dahan 2024: होलिका दहन की अग्नि में क्या डालें

विवाह - शीघ्र विवाह के लिए होलिका की अग्नि में हवन सामग्री में घी मिलाकर डालें
दीर्धायु - लंबी आयु के लिए होलिका दहन में अपनी लंबाई बराबर काला धागा सिर से 7 बार घुमाकर अग्नि में डालें
घर में सुख - परिवार की सुख-शांति और तरक्की के लिए होलिका दहन की अग्नि में नारियल डालें 

Holika Dahan 2024 Bhadra kaal: होलिका दहन पर भद्रा काल

शास्त्रों में होलिका दहन को लेकर कहा गया है कि ये पर्व भद्रा रहित पूर्णिमा की रात को मनाना उत्तम रहता है.फाल्गुन पूर्णिमा पर शाम के समय गोधूलि बेला में अगर भद्रा का प्रभाव हो तो होलिका दहन नहीं करना चाहिए, नहीं तो साधक सहित उसका परिवार संकट में आ जाता है. साल 2024 में होलिका दहन के समय भद्रा का साया नहीं है



  • भद्रा पूँछ - शाम 06.33 - रात 07.53

  • भद्रा मुख - रात 07.53 - रात 10.06

Holi 2024: होली ला रही देश के लिए ये सौगात

इस बार होली पर ग्रह-नक्षत्रों शुभ स्थिति देश के लिए शुभ साबित होगी. होली के बाद से दीपावली तक बिजनेस करने वालों के लिए अच्छी स्थितियां, देश को आर्थिक रूप से लाभ होगा. विकास की योजनाओं को काम होंगे. देश में बीमारियों का संक्रमण कम होने लगेगा. रियल एस्टेट और स्टार्टअप्स तेसी से बढ़ेंगे.

Holika Dahan 2024: 700 साल बाद 9 शुभ योग में होलिका दहन

24 मार्च 2024 को होलिका दहन पर 700 साल बाद 9 दुर्लभ योग का महासंयोग बन रहा है. इस दिन लक्ष्मी योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, पर्वत योग, उभयचरी, सरल, वरिष्ठ, शश महापुरुष योग और अमला योग रहे हैं. 

Holika Dahan 2024: नवविवाहिता होली पर न करें ये काम

शादी के बाद पहली होली मायके में मनानी चाहिए. कहते हैं नई दुल्हन और सास को होलिका दहन एक साथ नहीं देखना चाहिए, इससे रिश्तों पर बुरा असर पड़ता है. नवविवाहिता को होली के दिन काले रंग के वस्त्र नहीं पहनना चाहिए. 

Holika Dahan 2024 LIVE: होलिका दहन के मंत्र

होलिका दहन का अनुष्ठान करते समय ये 5 मंत्र बोलना शुभ होता है.
- ऊं प्रहलादाय नम:
- ऊं नृसिंहाय नम:
- ऊं होलिकाय नम: 
- अहकूटा भयत्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः।अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम्‌ ॥
- अनेन अर्चनेन होलिकाधिष्ठातृदेवता प्रीयन्तां नमम्।

Holika Dahan 2024 Samagri: होलिक दहन की पूजा सामग्री

होलिका दहन की पूजा सामग्री में बड़कुले, नारियल, गुलाल, घर की बनी गुजिया कच्चा सूती धागा, रोली, मौली, चंदन, हल्दी, कुमकुम, अक्षत, धूप, फूल, गाय के गोबर से बनी गुलरी, गेहूं की बालियां, बताशे, मिठाई, पूरियां, कलश, फल

होलिका दहन 2024 शुभकामनाएं (Holika Dahan 2024 Wishes)


होलिका दहन 2024 उपाय (Holika Dahan 2024 Upay)

  • गेहूं की बाली अग्नि में अर्पित करने से मां लक्ष्मी की कृपा अपने भक्तों पर सदैव बनी रहती है.

  • साथ ही घर में सुख-समृ्द्धि का वास होता है.

  • होलिका की अग्नि में 7 गेहूं की बालियों की आहुति देनी चाहिए. 

  • 7 गेहूं की बालियों को अपने ऊपर से 7 बार घुमा लें. इसके बाद इन्हें होलिका की पवित्र अग्नि में डाल दें.

होलिका दहन 2024 उपाय (Holika Dahan 2024 Upay)

  • गेहूं की बाली अग्नि में अर्पित करने से मां लक्ष्मी की कृपा अपने भक्तों पर सदैव बनी रहती है.

  • साथ ही घर में सुख-समृ्द्धि का वास होता है.

  • होलिका की अग्नि में 7 गेहूं की बालियों की आहुति देनी चाहिए. 

  • 7 गेहूं की बालियों को अपने ऊपर से 7 बार घुमा लें. इसके बाद इन्हें होलिका की पवित्र अग्नि में डाल दें.

होलिका दहन 2024 नजर के उपाय (Holika Dahan 2024 Nazar Upay)

  • होलिका दहन की राख को माथे पर लगाने से  बुरी नज़र से छुटकारा मिलता है

  • ऑफिस घर दुकान की नजर उतार कर उसे होलिका में दहन करने से लाभ होता है. 

होलिका दहन 2024 शुभ योग (Holika Dahan 2024 Shubh Yog)

होलिका दहन होगा शुभ योगों के बीच 24 मार्च को सुबह 6:20 बजे से सुबह 11:21 बजे तक रवि योग रहेगा, जबकि सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7:40 बजे से रात 12:35 बजे तक रहेगा. इसी दिन रात 8:34 बजे से वृद्धि योग शुरू होगा, जो अगली रात 9:30 बजे तक रहेगा.

होलिका दहन 2024 शुभकामनाएं (Holika Dahan 2024 Wishes)


होलिका दहन 2024 कपूर उपाय (Holika Dahan Kapur Upay)

होलिका दहन के दिन कपूर के उपाय से आपको मानसिक शांति मिलती और आपकी बहुत सी मुश्किलों का अंत होता है.



  • होलिका दहन के दिन कपूर के साथ गुलाब की पंखुडियों को भी जलाएं.

  • आपका स्वास्थ्य लंबे समय से खराब चल रहा है तो होलिका दहन के दिन नीम के 10 पत्ते, 6 लौंग और कपूर को अपने ऊपर से 5-7 बार फेंर कर होलिका की अग्नि में डाल दें.

होलिका दहन 2024 भद्रा कब? (Holika Dahan 2024 Bhadra Kab?)

होलिका दहन के दिन भद्रा काल भद्रा पूँछ - शाम 6:33 से 7:53 वहीं भद्रा मुख - शाम 7:53 से 10:06 रहेगी. इस दौरान कौई भी शुभ कार्य या पूजन ना करें.

होलिका दहन 2024 भद्रा (Holika Dahan 2024 Bhadra)

होलिका दहन के दिन इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि होलिका दहन की पूजा के समय भद्रा काल ना हो. सभी शुभ कार्य भद्रा में करना वर्जित हैं.

होलिका दहन 2024 शुभकामनाएं (Holika Dahan 2024 Shubhkamnayen)


होलिका दहन 2024 कब (Holika Dahan 2024 Kab)

होलिका दहन 2024 में 24 मार्च को किया जाएगा. इस दिन रात्रि के समय होलिका दहन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त रात 11:13 से लेकर रात 00:27,तक रहेगा. इस दौरान पर होलिका दहन की पूजा कर सकते हैं.

होलिका दहन 2024 (Holika Dahan 2024)

होलिका दहन के दिन पूर्णिमा तिथि 24 मार्च, रविवार की सुबह 9.54 मिनट से लग जाएगी जो 25 मार्च, सोमवार की दोपहर 12.29 मिनट तक चलेगी.

होलिका दहन 2024 (Holika Dahan 2024)

साल 2024 में रंगों का त्योहार होली 25 मार्च को मनाया जाएगा. होलिका दहन एक दिन पहले 24, मार्च, रविवार की रात में किया जाएगा. होलिका दहन के समय इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि भद्रा काल ना हो. 

बैकग्राउंड

Holika Dahan 2024 Highlights: होली (Holi 2024) से पहले होलिका दहन हो चुका है. देश भर में होली से पहले होलिका की पूजा (Holika Puja) के बाद दहन किया गया और इसी के साथ रंग की होली की शुरूआत हो गई है.


पंचांग की गणना के मुताबिक होलिका दहन भद्रा के पश्चात मध्य रात्रि 11:13 से मध्य रात्रि 12:33 के मध्य था. होलिका दहन के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहा है.


सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07:34 बजे से अगले दिन सुबह 06:19 बजे तक है. वहीं रवि योग रवि योग सुबह 06:20 बजे से सुबह 07:34 बजे तक है. रंग वाली होली से पहले पूर्णिमा के दिन ही होलिका दहन होगा. जो शास्त्र अनुसार उचित है.


पूर्णिमा तिथि कब लगेगी (Purnima March 2024)


पंचांग अनुसार पूर्णिमा तिथि 24 मार्च 2024 को सुबह 09:54 मिनट पर आरंभ होगी, वहीं 25 मार्च को दोपहर 12:29 मिनट पर समाप्त होगी. 


होलिका दहन 2024 मुहूर्त (Holika Dahan 2024)


ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अनीष व्यास बताते हैं कि होलिका दहन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त 24 मार्च को रात 11:13 से 00:27, मार्च 25 तक रहेगा. निर्णय सिंधु में बताया गया है कि भद्रा में रक्षाबंधन या रक्षा सूत्र नहीं बांधना चाहिए. इस बार होलिका पर भद्रा का समय भद्रा पूंछ -शाम 6:33 से 7:53 और भद्रा मुख- शाम 7:53 से 10:06 तक रहेगा.


होलिका की कथा (Holika Ki Katha)


पौराणिक कथा के अनुसार इसका संबंध होलिका और भक्त प्रह्लाद से है. प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक दैत्य था. जिसका जन्म महर्षि कश्यप के कुल में हुआ था. वह हिरण्यकरण वन का राजा था. हिरण्यकश्यप के पुत्र का नाम प्रह्लाद था और बहन का नाम होलिका था.


हिरण्यकश्यप को भगवान ब्रह्मा से विचित्र वरदान मिला था. इस वरदान के कारण भगवान विष्णु को मृत्यु लोक में अपना अवतार लेकर उसका वध करना पड़ा था. भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया था. 


हरिण्यकशिपु ने अपने ही पुत्र प्रह्लाद को अपनी बहन होलिका के द्वारा जीवित जला देना चाहा था. भगवान ने प्रह्लाद पर अपनी कृपा की और प्रह्लाद के लिए बनाई चिता में स्वयं होलिका जल गई.


तभी से इस दिन होलिका दहन मनानेकी परंपरा शुरू हई.हरिण्यकशिपु ने अपने ही पुत्र प्रह्लाद को अपनी बहन होलिका के द्वारा जीवित जला देना चाहा था. भगवान ने प्रह्लाद पर अपनी कृपा की और प्रह्लाद के लिए बनाई चिता में स्वयं होलिका जलकर मर गई. तभी से इस दिन होलिका दहन मनाने की परंपरा शुरू हई. होलिका दिन क्या किया जाता है, इस दिन का क्या महत्व है और क्या उपाय किए जाते हैं? जानते हैं संपूर्ण जानकीर- 

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