Nirjala Ekadashi 2022: बहुत कठिन है निर्जला एकादशी व्रत, जानें व्रत रखने का तरीका और इससे जुड़ी सभी बातें
Nirjala Ekadashi 2022 Puja Method: साल भर में आने वाली 24 एकादशियों में वैसे तो सभी का अपना अलग महत्व होता है. लेकिन निर्जला एकादशी का खास महत्व बताया गया है.
Nirjala Ekadashi 2022 Puja Method: ज्येष्ठ माह के शुक्ल एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2022) का व्रत रखा जाता है. हिंदू कैलेंडर का यह तीसरा माह है. इस माह में दिन बड़े होने लगते हैं. इसलिए इन्हें ज्येष्ठ माह के नाम से जाना जाता है. ज्येष्ठ माह में भयंकर गर्मी होती है. ऐसे में बिना पानी भी पीये व्रत रखना अर्थात निर्जल व्रत रखना बहुत कठिन होता है. इस लिए इस एकादशी (Nirjala Ekadashi 2022) को बहुत कठिन व्रत माना जाता है. हिंदू धर्म की मान्यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत (Nirjala Ekadashi 2022 Vrat) रखने से व्रती को 24 एकादशियों के सामान फल मिलता है तथा निर्जला एकादशी का व्रत (Nirjala Ekadashi 2022 Vrat) रखने से भगवान विष्णु की भक्तों पर विशेष कृपा होती है. इस लिए इस व्रत को अत्यंत सावधानी पूर्वक रखना चाहिये.
जानें निर्जला एकादशी व्रत (Nirjala Ekadashi 2022 Vrat) रखने का तरीका
धर्म शास्त्रों के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत (Nirjala Ekadashi 2022 Vrat) दशमी तिथि की रात से ही शुरू किया जाता है. दशमी की रात्रि को अन्न व जल ग्रहण नहीं किया जाता. उसके बाद अगले दिन यानी एकादशी तिथि (Ekadashi 2022 Tithi)को सूर्योदय से लेकर अगले दिन द्वादशी तिथि के सूर्य उदय तक बिना जल और भोजन ग्रहण किये व्रत रखा जाता है. द्वादशी तिथि को व्रत का पारण करने के बाद ही व्रती को जल ग्रहण करना चाहिए.
निर्जला एकादशी व्रत विधि (Nirjala Ekadashi 2022 Vrat Vidhi)
निर्जला एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर घर मन्दिर आदि की सफाई करें. उसके बाद स्नान करके साफ पीला वस्त्र पहनें और मंदिर या पूजा स्थल पर जाकर व्रत और पूजन का संकल्प लें. अब व्रत रखते हुए भगवान विष्णु को पीले चंदन पीले फल फूल से अर्पित करते हुए पूजा करें. भोग में पीली मिठाई भगवान विष्णु को चढ़ाएं. अब ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का 108 बार जाप करें. अंत में आरती करके प्रसाद वितरण करें. इसी प्रकार शाम को भी भगवान विष्णु की पूजा करें.
निर्जला एकादशी व्रत तिथि & शुभ मुहूर्त Nirjala Ekadashi 2022 Vrat Tithi Puja Muhurt
- निर्जला एकादशी तिथि प्रारंभ- 10 जून सुबह 7 बजकर 25 मिनट से शुरू
- निर्जला एकादशी तिथि समाप्त- 11 जून सुबह 5 बजकर 45 मिनट में समाप्त
- व्रत पारण का समय- 11 जून सुबह 5 बजकर 49 मिनट' से 8 बजकर 29 मिनट तक
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