Ideas of India Summit 2023: जीवन पर कैसे असर डालती है 'माइथोलॉजी'? देवदत्त पटनायक के शब्दों में यहां समझें
Ideas of India 2023: एबीपी नेटवर्क के दो दिवसीय कार्यक्रम 'आइडियाज ऑफ इंडिया समिट 2023'में लेखक देवदत्त पटनायक ने माइथोलॉजी के बारे में बताया. उन्होंने ये भी बाताया कि आखिर माइथोलॉजी क्यों है जरुरी.
Ideas of India 2.0: डॉ. देवदत्त पटनायक ने श्रद्धा, भक्ति, पौराणिक कथा को एक नई परिभाषा दी. डॉ पटनायक ने लोगों के मन से संशय को दूर किया और सरल शब्दों में माइथोलॉजी के अर्थ को समझाया, डॉ. देवदत्त पटनायक ने बाताया कि जब आप मैथोलॉजी (Mythology) पढ़ते हैं तो आपको विश्वास (Belief) का असली अर्थ समझ में आता है, आपका जो भी तथ्य (Fact) है वो आपका सच है.
तथ्य (Fact) सबका सच है, फिक्शन (Fiction) किसी का सच नहीं है, मिथ (Myth) किसी का सच है, देवदत्त पटनायक ने बताया कि कुछ लोग भगवान पर विश्वास करते हैं वो उनका सच है, जो लोग भगवान पर विश्वास नहीं करते उनका सच नहीं है. कुछ लोग शैतान पर विश्वास करते हैं , कुछ जन्नत पर विश्वास करते हैं, कुछ लोग पुर्नजन्म पर विश्वास करते हैं, कुछ लोग कहते हैं हमे न्याय पर विश्वास है, न्याय भी माइथोलॉजी (Mythology) है, ये सब विश्वास है. विश्वास आप किसी चीज पर भी कर सकते है.
क्यों है माइथोलॉजी (Mythology) जरुरी
मैथोलॉजी जरुरी इसीलिए है क्योंकि जब आप किसी चीज पर विश्वास करते हैं तो वो आपके लिए एक ही सच होता, यानि वा आपका सच है, यहीं से विवाद शुरु होता है, फिर संवाद होता है. आपका सच ही एक मात्र सच है. मैथोलॉजी (Mythology) आपको संवाद करवाता है. आप सुनते हैं क्योंकि आपका सच पूरा सच नहीं है. हर आदमी के पास कुछ ही सच होता है और ये आप संवाद करके एक दूसरे की बात सुनकर जानते हैं, और वहां आप अंहकार को खत्म करते हैं. क्योंकि यहां आप मैं को खत्म करते हैं , यानि आप सिर्फ अपनी बात नहीं सुनते दूसरे पक्ष की भी बात सुनते हैं. आप अपने सच को अलग रख कर दूसरे की बात भी करते हैं.
विश्वास वाला सच माइथोलॉजी (Mythology) है, क्योंकि विश्वास पर दुनिया कायम है, विज्ञान से संतोष की प्राप्ति नहीं होती. विज्ञान वाला सच माइथोलॉजी (Mythology) नहीं है. जो गुरु की बात मानता है वो विज्ञान पर विश्वास रखता है. विज्ञान पर दुनिया नहीं कायम है. विश्वास पर दुनिया कायम है.