Vastu Tips: अपने सपनों का घर बनाने का सही समय चल रहा है यदि आप घर बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो जनवरी तक शुरू कर सकते हैं. शास्त्रों के अनुसार मार्गशीर्ष और पौष मास में नया घर बनाना शुभ है. वर्तमान समय में मर्गशीर्ष माह चल रहा है जो कि 20 दिसंबर 2021 तक रहेगा उसके बाद पौष माह प्रारम्भ हो जाएगा जो कि 17 जनवरी 2022 तक रहेगा. ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में इन मासों को गृह निर्माण के लिए शुभ माना गया है, उनमें इन दोनों मास को धन-धान्य के भंडार को भरा रखने वाला बताया गया है. स्थायी आवास बनवाने में मास विचार शुभ बताया गया है. पूर्वकाल में मार्गशीर्ष  को गृहारंभ के लिए शुभ कहा गया, वराहमिहिर ने पौष को गृहारंभ के लिए प्रशस्त बताया था. इसलिए जिन लोगों का अपना घर बनवाने का प्लान हो वह उसको आगे बढ़ाएं.  


आचार्य जिनदत्त सूरि कृत विवेक विलास, सूत्रधार मंडन कृत राजवल्लभ, श्रीपति कृत ज्योतिष रत्नमाला और दैवज्ञवल्लभ आदि ग्रंथों में गृह, देव प्रसाद, यज्ञशाला अन्य शाला गृह के निर्माण के लिए मार्गशीर्ष व पौष को शुभ कहा गया है. मार्गशीर्ष व पौष में गृहारंभ करने से उस घर में हमेशा वैभव रहता है. वास्तु प्रदीप में मार्गशीर्ष को बहुत धन लाभ देने वाला मास कहा गया है, इसके बाद माघ में गृहारंभ करने से अग्नि दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. लोक मान्यताओं के चलते कतिपय क्षेत्रों में धनु या मलमास को टाला जाता है , किंतु शास्त्रों में इसका निषेध नहीं है. इस कार्य में प्रचलित नाम राशि को ही प्राथमिकता देने का विधान है.  सामान्यतः गृहारंभ के लिए द्वितीया, तृतीया, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, त्रयोदशी एवं पूर्णिमा तिथियां शुभ है. वहीं वारों में सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार के दिन भी गृहारंभ किया जा सकता है.  नक्षत्रों में रोहिणी, मृगशिरा, चित्रा, हस्त, स्वाति, अनुराधा, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराभाद्रपद, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा , शतभिषा, रेवती व पुष्य शुभ हैं.   


कैसे जाने भूमि की शुभता -


भूमि परीक्षण घर बनवाने से पहले बहुत ही आवश्यक है. जिस भूमि में आप भवन का निर्माण कराने जा रहे हैं वह शुभ है या अशुभ.  गृह निर्माण प्रारंभ करने से पूर्व भूमि परीक्षण करना बहुत अच्छा है. जहां कार्य प्रारंभ करना हो, वहां एक हाथ लंबा-चौड़ा और एक हाथ ही गहरा गड्ढा खोदें और कुछ देर बाद उसमें से निकाली गई मिट्टी को पुनः उसी में भरें. यह ध्यान  दें कि यदि निकली हुई सारी मिट्टी उस गड्ढे में आने से बच जाए तो वह भूमि और वहां पर गृह लाभदायक, वृद्धि कारक रहेगा और यदि मिट्टी कम पड़ जाए या गड्ढा उसी मिट्टी से पूरा न भरे तो घाटे का सौदा रहेगा.


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