Chant the Mantra with this Garland: मंत्र का मतलब होता है एक ऐसी ध्वनि जिससे व्यक्ति का मानसिक कल्याण होता है. मंत्र जाप के लिए हिन्दू धर्म में कई अलग-अलग मालाओं का जिक्र किया गया है. जिनके धारण करने और इन मालाओं से मंत्र जाप करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है. इसीलिए व्यक्ति को इन मालाओं को धारण करने या मंत्र जाप में प्रयोग करते समय धर्मशास्त्रों में बताए गए नियमों की जानकारी होना जरूरी है क्योंकि अलग माला अलग फल प्रदान करती है. आइए जानें कौन सी माला कौन सा फल प्रदान करती है.


स्फटिक की माला: स्फटिक की माला का प्रयोग मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. ऐसा भी कहा जाता है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र की स्थिति ठीक न हो तो उसे स्फटिक की माला धारण करना चाहिए. स्फटिक की माला एकाग्रता, सम्पन्नता और शांति की माला मानी जाती है.

कमलगट्टे की माला: कमलगट्टे की माला से मां लक्ष्मी के मन्त्रों का जाप करने से व्यक्ति को धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और भौतिक सुखों में वृद्धि भी होती है.

रुद्राक्ष की माला: पद्म पुराण और शिव पुराण के अनुसार रुद्राक्ष की माला पहनने वाले को शिव लोक की प्राप्ति होती है. रुद्राक्ष की माला से गायत्री माता, मां दुर्गा, शिव जी, माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिक को प्रसन्न करने के लिए मंत्र का जाप किया जाता है. जबकि रुद्राक्ष की माला गले में धारण करने से ह्रदय रोग और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी में फायदा होता है. 

तुलसी की माला: तुलसी की माला को हिन्दू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है. तुलसी की माला को धारण करने से व्यक्ति का शरीर और आत्मा शुद्ध होती है. मंत्र जाप में तुलसी की माला का प्रयोग भगवान राम, भगवान कृष्ण, सूर्य नारायण और भगवान विष्णु जी को प्रसन्न करने किया जाता है. 

लाल चन्दन की माला: ऐसे व्यक्ति जिनके मंगल की स्थति ख़राब हो उन्हें लाल चन्दन की माला धारण करना चाहिए. ऐसा करने से मंगल शांत होता है और धारण करने वाले को शुभ फल प्रदान करता है. लाल चन्दन की माला से मां दुर्गा के बीज मन्त्रों का जाप करने से शत्रुओं का नाश होता है.