Importance of Laxmi Puja: आज के समय में धन अगर सब कुछ नहीं है तो बहुत कुछ तो जरूर है. क्योंकि धन के बिना जीवन चलना लगभग असंभव है. धन के अभाव में व्यक्ति का समाज में कोई मान-सम्मान भी नहीं रहता है. चूंकि लक्ष्मी माता को धन की देवी कहा जाता है इसलिए मनुष्य की इस समस्या का समाधान केवल मां लक्ष्मी ही कर सकती हैं.
मां लक्ष्मी के होते हैं आठ रूप: हमारे धर्मशास्त्रों में माता लक्ष्मी के आठ स्वरुप बताए गए हैं और इन्हें अष्ट लक्ष्मी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति अष्ट लक्ष्मी की साधना करता है उस व्यक्ति को कभी जीवन में धन का अभाव नहीं रहता है. आइए जानते हैं अष्ट लक्ष्मी के नाम और उनके मूल मन्त्रों के बारे में.
श्री आदि लक्ष्मी: इनका मूल मंत्र ‘ॐ श्रीं’ है और ये जीवन के प्रारंभ और आयु को संबोधित करती हैं.
श्री धान्य लक्ष्मी: इनका मूल मंत्र ‘ॐ श्रीं क्लीं’ है. इनकी साधना करने से व्यक्ति को धन-धान्य की प्राप्ति होती है.
श्री धैर्य लक्ष्मी: इनका मूल मंत्र ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं’ है. इनकी साधना करने से व्यक्ति को आत्मबल और धैर्य की प्राप्ति होती है.
श्री गज लक्ष्मी: इनका मूल मंत्र ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं’ है. इनकी साधना करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य और बल की प्राप्ति होती है.
श्री संतान लक्ष्मी: इनका मूल मंत्र ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं’ है. इनकी साधना करने से व्यक्ति को परिवार और संतान की प्राप्ति होती है.
श्री विजय या वीर लक्ष्मी: इनका मूल मंत्र ‘ॐ क्लीं ॐ’ है. इनकी साधना करने से व्यक्ति को विजय और वर्चस्व की प्राप्ति होती है.
श्री विद्या लक्ष्मी: इनका मूल मंत्र ‘ॐ ऐं ॐ’ है. इनकी साधना करने से व्यक्ति को बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है.
श्री ऐश्वर्य लक्ष्मी: इनका मूल मंत्र ‘ॐ श्रीं श्रीं’ है. इनकी साधना करने से व्यक्ति को प्रणय और भोग की प्राप्ति होती है.
आज करें यह भी उपाय:
- आज के दिन दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर विष्णु भगवान का अभिषेक करने से व्यक्ति का आर्थिक संकट हमेशा-हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है.
- आज के दिन घर के नॉर्थ ईस्ट में गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए.
- आज के दिन गरीबों को सफ़ेद रंग की वस्तु दान करना अधिक शुभकारी माना जाता है.
- आज के दिन तीन कुंवारी कन्याओं को खीर खिलाकर और पीला वस्त्र व दक्षिणा देकर अपने घर से विदा करना चाहिए.