Vastu Tips: जीवन में धन, वैभव और तरक्की चाहिए तो जानें घर की किस दिशा में हनुमान जी की कौन सी तस्वीर लगाएं
Hanuman Ji: यदि घर में दिशा के अनुसार हनुमानजी की तस्वीर लगाएं तो घर में खुशहाली और तरक्की आती है और घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है. आइये जानें किस दिशा में हनुमान जी की कौन सी तस्वीर लगानी चाहिए.
Hanuman Ji: हिंदू धर्म में हनुमानजी की पूजा का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है. कहा जाता है कि ये आज भी अपने भक्तों के कल्याण के लिए जीवित हैं. हनुमान भक्त अपने घरों में इनकी मूर्ति लगाकर पूजा करते हैं. हनुमान जी के कई रूप हैं.
इनके विभिन्न रूपों को यदि वास्तुशास्त्र के नियमानुसार घर की विभिन्न दिशाओं में लगाएं. तो घर की सारी समस्याएं दूर हो जाती है. आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है. आइये जानें किस दिशा में हनुमान जी की कौन सी मूर्ति लगाना फायदेमंद होता है?
पंचमुखी हनुमान जी
पंचमुखी हनुमान जी मूर्ति घर में प्रवेश द्वार पर लगाना चाहिए. मान्यता है कि इससे घर में नकरातमक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती. जिससे घर परिवार में सुख-शांति बनी रहती है. किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है. मां लक्ष्मी की कृपा से धन की कोई कमी नहीं होती है.
दक्षिण दिशा में लगाएं हनुमान जी की मूर्ति
हनुमान जी की मूर्ति घर के दक्षिण दिशा में लगाना अत्यंत शुभ होता है. कहा जाता है कि दक्षिण दिशा में हनुमान जी का प्रभाव बहुत अधिक होता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा में हनुमान जी की तस्वीर लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बिल्कुल नहीं पड़ता.
लाल रंग के हनुमान जी की तस्वीर
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की दक्षिण दिशा में हनुमान जी की लाल रंग की बैठी हुई तस्वीर लगानी चाहिए. ऐसा करने से घर की नेगेटिव एनर्जी का प्रभाव कम हो जाता है. घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है.
भक्ति भाव की मुद्रा वाली तस्वीर की करें पूजा
भक्तों को चाहिए कि वे भगवान हनुमान की भक्ति भाव की मुद्रा वाली तस्वीर के सामने बैठकर उनकी पूजा उपासना करें. मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
लिविंग रूम में भगवान श्रीराम के चरणों में बैठे हनुमान जी की तस्वीर लगाएं
वास्तु शास्त्र के अनुसार, श्रीराम दरबार में राम जी के चरणों में बैठे हनुमान जी का चित्र घर के लिविंग रूम में लगाना चाहिए. इससे परिवार के सदस्यों में आपसी प्रेम, विश्वास, स्नेह और एकता बनी रहती है.