ईश्वर में सुख समृद्धि, खुशहाली, तरक्की की प्रार्थना हम रोज़ ही करते हैं. कुछ लोग नियमित रूप से जाप भी करते हैं. इसका उद्देश्य होता है मन को एकाग्र रखना. ताकि मंत्र या श्लोक जाप की गिनती में कोई भूल ना हो सके. माला के दानों को मनका कहा जाता है जिनकी संख्या एक माला में 108 होती है लेकिन कई बार छोटी मालाओं में 54 मनके भी होते हैं. यूं तो जीवन में हर किसी ने एक ना एक बार माला का जाप ज़रुर किया ही होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कौन सी माला किस देवता को प्रसन्न कर सकती है...यानि किस माला से किस भगवान को प्रसन्न कर मनवांछित फल प्राप्त किया जा सकता है? आज हम अपनी रिपोर्ट में इसी बारे में आपको बताने जा रहे हैं. 


रुद्राक्ष की माला


इसमें सबसे पहले बात रुद्राक्ष की माला की. कहते हैं इस माला के जाप से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं. शिव व शिव परिवार की कृपा प्राप्त करने के लिए इस माला से जाप करना चाहिए. महामृत्युंजय और लघुमृत्युंजय मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला पर करें.


स्फटिक की माला


स्फटिक की माला पारदर्शी जैसे मनकों से बनी होती है. कहा जाता है कि भगवान गणेश, सरस्वती देवी व मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप स्फटिक की माला से ही करना चाहिए. इससे धन प्राप्ति का मार्ग भी खुल जाता है. 


हल्दी की माला


हल्दी हर लिहाज़ से शुभ मानी जाती है. इसीलिए हर शुभ कार्य में हल्दी का इस्तेमाल ज़रुरी बताया गया है. हल्दी की माला भी आती है जिससे बृहस्पति देव मां बगलामुखी के मंत्रों का जाप करना चाहिए इससे इनकी विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है. 


चंदन की माला 


माना जाता है कि देवी मां के मंत्रों का जाप करना हो तो लाल चंदन की माला का ही इस्तेमाल करना चाहिए. इससे विशेष प्रकार का फल श्रद्धालु को मिलता है. वहीं कृष्ण भगवान के लिए सफेद चंदन की माला इस्तेमाल में लानी चाहिए.


तुलसी की माला


तुलसी भगवान विष्णु को अति प्रिय है. जिस साक्षात मां लक्ष्मी का रूप ही माना जाता है. अतः विष्णु भगवान की आराधना में तुलसी की माला का उपयोग करना चाहिए. लेकिन एक बात का खास ख्याल रखें कि तुलसी की माला से शिव की आराधना व देवी की आराधना कभी भूलकर भी ना करें. 


कमल गट्टे की माला


इस माला का प्रयोग विशेषतौर पर महालक्ष्मी के मंत्रों का जाप करने के लिए किया जाता है. जिससे धन, वैभव की प्राप्ति होती है.