Ramayan : श्रीराम ने लव-कुश को सौंपी थी कोसल की कमान, जानिए किस्सा
श्रीराम ने अयोध्या में लंबे समय तक राज करने के लिए वानप्रस्थ लेने का निर्णय किया तो उन्होंने छोटे भाई भरत का राज्याभिषेक करना चाहा. मगर भरतजी ने विनम्रता से मना कर दिया.
Ramayan : श्रीराम समेत चारों भाइयों के दो-दो बेटे थे. श्रीराम के जुड़वा बेटों का नाम था लव और कुश तो वहीं भरत के बेटों का नाम था तार्क्ष और पुष्कर. इसी तरह लक्ष्मण के पुत्र चित्रांगद और चन्द्रकेतु थे और शत्रुघ्न के पुत्र सुबाहु और शूरसेन थे. श्रीराम के समय में भी कोसल राज्य उत्तर कोसल और दक्षिण कोसल में बंटा था. कालिदास के रघुवंश अनुसार श्रीरामजी ने अपने पुत्र लव को शरावती तो कुश को कुशावती राज्य सौंपा. लव का राज्य उत्तर भारत में था तो कुश का राज्य दक्षिण कोसल में. कुश की राजधानी कुशावती आज के बिलासपुर जिले में थी. कोसल को श्रीराम की मां कौशल्या की जन्मभूमि माना जाता है. रघुवंश अनुसार कुश को अयोध्या जाने के लिए विंध्याचल पर्वत पार करना पड़ता था, इससे भी सिद्ध होता है कि उनका राज्य दक्षिण कोसल में ही था.
लव के वंशज है राघव राजपूत
मान्यता है कि राजा लव से राघव राजपूतों का जन्म हुआ है. इनमें बर्गुजर, जयास और सिकरवारों का वंश चला. इसकी दूसरी शाखा सिसोदिया राजपूत वंश की थी, इनमें बैछला (बैसला) और गैहलोत (गुहिल) वंश के राजा हुए. कुशजी से कुशवाह (कछवाह) राजपूतों का वंश बढ़ा. पौराणिक कथा अनुसार लवजी ने लवपुरी नगर की स्थापना की थी, जो वर्तमान में पाकिस्तान का लाहौर शहर है, यहां के एक किले में आज भी लवजी का मंदिर बना है. लवपुरी को बाद में लौहपुरी कहा जाने लगा. इतना ही नहीं, कालांतर में स्थापित लाओस, थाई नगर लोबपुरी का नाम भी लव पर ही रखा गया.
कुश का वंश ऐसे बढ़ा
राम के दोनों पुत्रों में कुश का वंश आगे बढ़ा तो कुश से अतिथि, निषधन से, नभ से, पुण्डरीक से, क्षेमन्धवा से, देवानीक से, अहीनक से, रुरु से, पारियात्र से, दल से, छल से, उक्थ से, वज्रनाभ से, गण से, व्युषिताश्व से, विश्वसह से, हिरण्यनाभ से, पुष्य से, ध्रुवसंधि से, सुदर्शन से, अग्रिवर्ण से, पद्मवर्ण से, शीघ्र से, मरु से, प्रयुश्रुत से, उदावसु से, नंदिवर्धन से, सकेतु से, देवरात से, बृहदुक्थ से, महावीर्य से, सुधृति से, धृष्टकेतु से, हर्यव से, मरु से, प्रतीन्धक से, कुतिरथ से, देवमीढ़ से, विबुध से, महाधृति से, कीर्तिरात से, महारोमा से, स्वर्णरोमा से और ह्रस्वरोमा से सीरध्वज का जन्म हुआ. कुश वंश से ही कुशवाह, मौर्य, सैनी, शाक्य संप्रदाय की स्थापना मानी जाती है.
महाभारत लड़े शल्य भी लव के वंशज रहे
एक शोध के अनुसार लव और कुश की 50वीं पीढ़ी में शल्य पैदा हुए, जो महाभारत युद्ध में कौरवों की ओर से लड़े थे. यह इसकी गणना की जाए तो लव और कुश महाभारतकाल के 2500 वर्ष पूर्व से 3000 वर्ष पूर्व हुए थे. शल्य के बाद बहत्क्षय, ऊरुक्षय, बत्सद्रोह, प्रतिव्योम, दिवाकर, सहदेव, ध्रुवाश्च, भानुरथ, प्रतीताश्व, सुप्रतीप, मरुदेव, सुनक्षत्र, किन्नराश्रव, अन्तरिक्ष, सुषेण, सुमित्र, बृहद्रज, धर्म, कृतज्जय, व्रात, रणज्जय, संजय, शाक्य, शुद्धोधन, सिद्धार्थ, राहुल, प्रसेनजित, क्षुद्रक, कुलक, सुरथ, सुमित्र हुए.
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