सूर्य रेखा के प्रभाव से व्यक्ति खूब धन कमाता है. वैभवशाली जीवन जीता है. परीक्षा प्रतियोगिता में अच्छे परिणाम में यह रेखा अत्यंत शुभकारक होती है. सूर्य रेखा हाथ में सूर्य पर्वत पर होती है. सूर्य पर्वत रिंग फिंगर यानी अनामिका अंगुली के नीचे वाला भाग होता है. यह स्थान ऊंचा और सूर्यरेखा युक्त हो तो व्यक्ति जीवन में निश्चित ही पैसे वाला बनता है.
सूर्य रेखा जितनी अधिक लंबी होती है उतना अधिक प्रभाव बढ़ता है. सूर्य रेखा प्रबंधन की कुशलता भी देती है. सूर्यदेव स्वयं सत्ता शासन और सफलता के कारक ग्रह हैं. सूर्य रेखा उनके गुणों को व्यक्ति में बढ़ाती है. जिन लोगों के हाथों में यह रेखा होती हैं. उन्हें प्रतिस्पर्धा में औरों से जल्दी सकारात्मक परिणाम मिलने की स्थिति रहती है.
सूर्य रेखा पर क्रॉस, तिल या कटे हुए होने का चिह्न नहीं होना चाहिए. ऐसा होने पर सकारात्मक परिणाम कम होते हैं. जीवन में व्यक्ति को अपयश का भी सामना करना पड़ सकता है. व्यापार में घाटा होने की स्थिति बनती है. पिता से अनबन रह सकती है.
सूर्य रेखा टुकड़ों में भी नहीं होनी चाहिए. ऐसे में सफलता बाधाओं के बाद मिलती है. गो पुच्छ जैसी रेखा अर्थात् एक छोर पर ढेर सारी रेखाओं वाली सूर्य रेखा व्यक्ति को यश और धन के लिए लालायित बनाती है. विभिन्न प्रयासों के बावजूद व्यक्ति सफलता को प्राप्त नहीं होता है. सूर्य रेखा के प्रभाव को बढ़ाने के लिए व्यक्ति को भोर में भ्रमण करना चाहिए. सूर्य की साधना आराधना और पूजा करना चाहिए. अर्घ्य देना चाहिए.