Jyotish Remedies: शिक्षा के महत्व से सभी परिचित हैं. शिक्षा से ही हर प्रकार के अंधकार को दूर किया जा सकता है. शिक्षा से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. संस्कारों के साथ शिक्षा का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है. यही कारण है कि हर माता पिता अपनी संतान की बेहतर शिक्षा के लिए गंभीर रहता है. लेकिन कई बार अथक प्रयास के बाद भी सफलता नहीं मिल पाती है. जिस कारण संतान के भविष्य की चिंता सताने लगती है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब जन्म कुंडली में बैठे ग्रह अशुभ फल देने लगते हैं तो संतान की शिक्षा प्रभावित होती है. कभी ग्रहों की स्थिति और दशाओं के कारण शिक्षा बाधित होती है या फिर रूकने के भी योग बन जाते हैं. इसलिए कुंडली में बैठे ग्रहों की स्थिति का भी एक बार आंकलन करना अत्यंत आवश्यक हो जाता है.
जन्म कुंडली का पंचम भाव
ज्योतिष शास्त्र में जन्म कुंडली का पंचम भाव शिक्षा से जुड़ा हुआ है. जब इस भाव पर पाप ग्रह की दृष्टि पड़ती है तो शिक्षा में दिक्कतें आती हैं. राहु और केतु को पाप ग्रह माना गया है. इसके साथ ही शनि और मंगल जब अशुभ हो जाते हैं तो भी व्यक्ति को शिक्षा में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसलिए इन ग्रहों को शुभ बनाने के लिए प्रयास करने चाहिए. कभी कभी शुभ ग्रह क्रूर और पाप ग्रहों की दृष्टि और दशाओं के दौरान परेशानी देने का कार्य करते हैं.
देव गुरु बृहस्पति और ग्रहों के राज कुमार बुध ग्रह को शुभ बनाएं
शिक्षा के मामले में देव गुरु बृहस्पति की भूमिका को अहम माना गया है. गुरू का संबंध ज्ञान से है. जब गुरु शुभ होते हैं तो व्यक्ति को शिक्षा के क्षेत्र में विशेष सफलता दिलाते हैं. इसलिए गुरु को शुभ रखना बहुत जरूरी माना गया है. गुरु के कारण ही व्यक्ति को उच्च पद और मान सम्मान प्राप्त होता है. वहीं बुध का संबंध भी बुद्धि से ही है. बुध ग्रह स्मरण शक्ति में भी वृद्धि करते हैं. बुध शुभ होने पर व्यक्ति की शिक्षा बाधा रहित होती है.
ये उपाय करें
भगवान विष्णु की पूजा करने से गुरु ग्रह की अशुुभता दूर होती है. एकादशी का व्रत भगवान विष्णु समर्पित है. शिक्षा में यदि लगातार बाधा बनी हुई तो एकादशी व्रत विधि पूर्वक करने से लाभ मिलता है. संतान के लिए माता पिता भी इस व्रत को कर सकते हैं. गणेश जी की पूजा करने से बुध की अशुभता दूर होती है. बुधवार को गणेश जी की पूजा करने से लाभ मिलता है.