Indira Ekadashi 2024: इंदिरा एकादशी का व्रत 28 सितंबर 2024 को किया जाएगा. पितृ दोष (Pitra dosh) से मुक्ति पाने के लिए ये दिन बहुत खास है. ये एकादशी पितृ पक्ष (Pitru paksha) में आती है इसलिए इसका महत्व दोगुना हो जाता है.


इस दिन सृष्टि के रचयिता श्रीहरि भगवान विष्णु और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, मान्यता है कि यदि कोई पूर्वज़ जाने-अंजाने हुए अपने कर्मों के कारण यमराज के पास अपने कर्मों का दंड भोग रहे हैं तो इस एकादशी पर विधिपूर्वक व्रत कर इसके पुण्य से उन्हें यमलोक से मुक्ति मिल जाती है. बस इंदिरा एकादशी पर कुछ ऐसे काम हैं जो भूलकर भी नहीं करना चाहिए.


इंदिरा एकादशी पर न करें ये गलती (Indira Ekadashi Rules)


तर्पण में न करें ये गलती - इंदिरा एकादशी पर दोपहर के समय ही पितरों का श्राद्ध करें, तर्पण-पिंडदान सुबह या सूर्यास्त के बाद नहीं किया जाता है. इस समय पितर न ही अन्न, न जल ग्रहण कर पाते हैं और भूखे लौट जाते हैं. पितरों की नाराजगी जीवन में परेशानी ला सकती है.


इन चीजों का दान न करें - एकादशी के दिन इस्तेमाल किया हुआ तेल दान न करें, न ही बासी खाना किसी को दें. मान्यता है इस तरह का दान धनवान को भी कंगाल बना देता है.


इस काम से रूठ जाते हैं पितर-देव- पितृ पक्ष की इंदिरा एकादशी व्रत वाले दिन पति-पत्नी शारीरिक संबंध न बनाएं, इससे न ही व्रत-पूजा का फल मिलता है साथ ही पूर्वज रूठ जाते हैं. मन में वासना जनित विचार न आएं इसलिए धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन आप कर सकते हैं, या ध्यान को एकाग्र करने के लिए वो कार्य कर सकते हैं जो आपको पसंद है.


इस दिन आपको प्याज, लहसुन और मांस-मदिरा का सेवन करने से भी बचना चाहिए. अगर आप इन चीजों का सेवन करते हैं तो भगवान विष्णु के प्रकोप से आपको दो-चार होना पड़ सकता है.


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