(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Indira Ekadashi 2021: एकादशी व्रत के पारण से पहले जान लें ये जरूरी नियम, जरा-सी भूल होने पर नहीं मिलेगा उपवास का फल
Ekadashi Paran Niyam: एकादशी के व्रत में पारण का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए. पारण के कुछ नियम होते हैं, जिन्हें ध्यान में रखना बेहद जरूरी है. तो चलिए आइए जानते हैं.
Indira Ekadashi 2021 Paran Rules: अश्विन मास (Ashwin Month) की कृष्ण पक्ष की इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi) आज है. पितृपक्ष (Pitru Pakhsa) के दौरान पड़ने वाली इस एकादशी का विशेष महत्व है. कहते हैं कि इस दिन व्रत रखने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. एकादशी के दिन भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu Puja On Ekadashi) की पूजा-अर्चना की जाती है. एकादशी का व्रत सभी व्रतों में सबसे कठिन माना जाता है. एकादशी का व्रत दशमी तिथि से शुरू होकर द्वादशी तिथि को समाप्त होता है. दशमी तिथि को सूर्यास्त के बाद से व्यक्ति का व्रत शुरू हो जाता है. एकादशी का व्रत निराहार किया जाता है. ज्यादा से ज्यादा समय भगवान विष्णु की उपासना की जाती है. कहते हैं एकादशी के व्रत में पारण का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए.
एकादशी का पारण (Ekadashi Vrat Paran) शुभ मुहूर्त के अंदर ही किया जाना चाहिए. मान्यता है कि अगर व्रत के पारण में जरा-सी भी चूक हो जाए तो व्रत का फल नहीं मिलता. ऐसे में एकादशी के व्रत में पारण का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए. पारण के कुछ नियम होते हैं, जिन्हें ध्यान में रखना बेहद जरूरी है. तो चलिए आइए जानते हैं.
एकादशी पारण नियम (Ekadashi Paran Niyam)
एकादशी के व्रत को खोलने को पारण कहा जाता है. द्वादशी तिथि के समय में व्रत खोलना व्रत का पारण करना होता है. एकादशी के व्रत का पारण सदैव सूर्योदय के बाद ही किया जाता है. शास्त्रों में लिखा है कि एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले ही कर लेना चाहिए. मान्यता है कि अगर व्रत का पारण द्वादशी तिथि के बाद किया जाता है, तो उससे पाप लगता है.
ज्योतिषियों के अनुसार अगर तिथि के घट-बढ़ के कारण द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो रही है, तो उस स्थिति में व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही किया जाता है. एकादशी व्रत का पारण हरि वासर में भी नहीं करना चाहिए. बता दें कि द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई तिथि को हरि वासर कहा जाता है. व्रती को पारण करने के लिए हरि वासर समाप्त होने का इंतजार करना चाहिए. हरि वासर में भी व्रत पारण करने की मनाही होती है.
इंदिरा एकादशी व्रत का पारण समय (Ekadashi Vrat Parana Time)
मान्यता है कि एकादशी व्रत का पारण अगर विधि पूर्वक न किया जाए तो व्रत का पूर्ण लाभ नहीं मिलता. हिंदू पंचांग के अनुसार इंदिरा एकादशी व्रत का पारण 03 अक्टूबर 2021, रविवार को प्रात: 06 बजकर 15 मिनट से प्रात: 08 बजकर 37 मिनट तक किया जा सकता है. व्रती ध्यान रखें कि व्रत का पारण तय समय में कर लें.
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