International Day of Happiness 2024: तमाम उम्र खुशी की तलाश में गुजरी, तमाम उम्र तरसते रहे खुशी के लिए. अबुल मुजाहिद के इस शेर से कई लोग वाकिफ होंगे. लेकिन आखिर खुशी का अभाव जीवन में कैसे हो गया, क्यों आजकल लोग मुस्कुराना और खुश रहना जैसे भूल चुके हैं. खुश रहने के महत्व को देखते हुए और इसे बढ़ावा देने के लिए हर साल 20 मार्च के दिन को अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस या अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस (International Day of Happiness 2024) के रूप में मनाया जाता है.
खुश रहना मानव का मूलभूत अधिकार है और हर किसी को इसके महत्व को समझना होगा. चिंता, तनाव, अवसाद आदि कारणों से लोग मानसिक रूप से परेशान रहते हैं और खुशी उनके जीवन से कोसों दूर चली जाती है. लेकिन धर्म ग्रंथों और शास्त्रों में खुश रहने के कई उपायों के बारे में बताया गया है.
इन्हीं में एक है हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता (Bhagavad Gita). श्रीकृष्ण (Lord Krishna) ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र की युद्ध भूमि पर कर्म और धर्म से जुड़े कई उपदेश दिए थे. इसे गीता उपदेश (Gita Updesh) कहा जाता है. गीता में ऐसी कई बातों का उल्लेख मिलता है, जिसे अमल करने वालों के जीवन से परेशानियां दूर रहती है और वे सदा खुश रहते हैं. आइये जानते हैं इसके बारे में-
खुश रहना है तो आज ही छोड़ दें ये काम
- तुलना करना बंद करें (Comparing:): कृष्ण कहते हैं कि आप जीवन में तब तक खुश नहीं रह सकते जब तक आप अपनी तुलना किसी और से करते रहेंगे. इसलिए शास्त्रों में कहा गया है कि, ईश्वर ने आपको जितना दिया है उतने में ही खुश रहना सीखिएं. जो लोग इससे संतुष्ट हो जाते हैं और दूसरों से तुलना नहीं करते वो सदैव खुश रहते हैं.
- शिकायत करना करें बंद (Complaining): दूसरों से किसी की शिकायतें करना कई लोगों का स्वभाव होता है. लेकिन शिकायतें करने से किसी भी चीज को पाया नहीं जा सकता है. यानी शिकायत करना किसी भी चीज का हल नहीं है. ऐसे स्वभाव वाले लोग अपने काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं और यही उनके जीवन को नीरस बना देता है. खुश रहना है तो आपको आज से ही इस आदत का त्याग करना होगा.
- न करें आलोचना (Criticism): खुश रहने के लिए बेहद जरूरी है कि दूसरों की आचोलना करना बंद कर दीजिए. आलोचना करने वाले धीरे-धीरे अपनी खुशियों को नष्ट कर देते हैं. इसलिए सभी के साथ प्रेम पूर्वक और खुशमिजाज बनकर रहें.
- चिंता करना (Tension): चिंता करना हर व्यक्ति का स्वभाव होता है, जोकि स्वाभाविक भी है. लेकिन अतीत में हुई घटनाओं को लेकर चिंता करना या भविष्य को लेकर हद से ज्यादा चिंतित रहना आपके लिए केवल समय की बर्बादी से अधिक कुछ भी नहीं. ऐसा करने से आप वर्तमान जीवन के खुशियों को भी खो देते हैं. इसलिए अतीत की चिंता छोड़ वर्तमान में खुश रहना सीखें.
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