International Men's Day 2022, Sri Ram Good Qualities: धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान राम को श्रीहरि विष्णु का 7 वां अवतार कहा जाता है. उन्हें महान, आदर्श पुरुष, श्रेष्ठ राजा के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है. लेकिन आज लोग धर्म, सभ्यता, संस्कृति, कर्म और जिम्मेदारियों को भूलते जा रहे हैं. बड़े बुजुर्ग अक्सर कहते हैं कि व्यक्ति अपने कर्मों से ही पहचान बनाता है. श्रीराम जी भी अपने इन्हीं गुणों के कारण मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाएं. आज अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 2022 है. आज के पुरुषों को भी भगवान श्रीराम की तरह आदर्श बनने की जरूरत है.
भगवान राजा राम अनेकों गुणों के धनी हैं. यदि आप उनके चरित्र के कुछ गुणों को भी अपने जीवन में अपना लेगें तो आप भी आदर्श पुरुष कहलाएं. इससे आपका जीवन भी सफल हो जाएगा. जानते हैं भगवान राम के इन गुणों के बारे में.
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के 5 गुण
धैर्यवान बनने की जरूरत
आजकल के पुरुषों में धैर्य और सहनशीलता के गुणों की कमी है. वे हर चीज को सबसे पहले और जल्दी पाने की इच्छा रखते हैं. लेकिन तत्परता व्यक्ति के बुरे गुणों में एक है जो आपके हर कार्य को बर्बाद कर सकती है. इसलिए जीवन में किसी चीज की भी तत्परता सही नहीं. आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को श्रीराम जी की तरह धैर्यवान होने की जरूरत है. भगवान राम ने कैकेयी की आज्ञा से पूरे 14 वर्ष वनवास में बिताए. इतना ही नहीं समुद्र पर सेतु बनाने के लिए भी रामजी ने कड़ी तपस्या की. भगवान राम के धैर्य की इसी पराकाष्ठा की जरूरत आज हर पुरुष को है.
नेतृत्व क्षमता का गुण
व्यक्ति में लीडशिप का गुण होना चाहिए. जो व्यक्ति सभी को एक साथ लेकर चलता है वही सफल हो पाता है. भगवान राम राजा होते हुए भी कुशल प्रबंधक के रूप में सभी को साथ लेकर चले. उनकी इसी नेतृत्व क्षमता के गुण की वजह से समुद्र पर सेतु का निर्माण हो पाया.
दयालु स्वभाव
पुरुषों में दयालुता का भाव जरूर होना चाहिए. इससे व्यक्ति के छवि में निखार आता है. दयालुता भगवान राम के अनेकों गुणों में एक है. भगवान राम राजा थे इसके बावजूद भी उन्होंने सुग्रीव, हनुमानजी, निषादराज, केवट, जाम्बवंत और विभीषण सभी के साथ दयालुता दिखाई.
रामजी के इन गुणों से बनें आदर्श भाई
सर्वश्रेष्ठ भाई के उदाहरण के लिए हमेशा राम-लक्ष्मण का नाम सबसे पहले लिया जाता है. आदर्श भाई बनने के लिए भी आपको भगवान राम के गुणों को जरूर अपनाना चाहिए. आज जहां सगे भाईयों के बीच रिश्तों में दरार आ रही है. वहीं लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न भगवान राम के सौतेले भाई थे. लेकिन इसके बावजूद भगवान राम ने सभी भाइयों के साथ सगे जैसा रिश्ता निभाया. भाइयों के प्रति उनके इसी प्रेम, त्याग और समर्पण के कारण उन्हें आदर्श भाई कहा जाता है.
भगवान राम से सीखें मित्रता
मित्रता के लिए छल और कपट जैसी चीजें नहीं होनी चाहिए. बल्कि इस रिश्ते को दिल से निभाना चाहिए, जैसा कि रामजी ने निभाया. उन्होंने अपने मित्र केवट, सुग्रीव, निषादराज और विभीषण के लिए कई बार खुद संकट झेले.
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