International Yoga Day 2023: योग के पहले गुरु कौन हैं, योग की ताकत को दुनिया में फैलाने में क्या है सप्त ऋषियों की भूमिका, जानें
International Yoga Day 2023: धर्म ग्रंथों में ब्रह्मांड का पहला योगी शिव को बताया गया है. लेकिन सप्त ऋषियों ने योग के शक्तिशाली ज्ञान को एशिया, उत्तरी अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका समेत दुनियाभर में फैलाया.
International Yoga Day 2023: हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. भले ही अतंरराष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस मनाए जाने की शुरुआत साल 2015 से शुरू हुई है. लेकिन योग विद्या की पद्धति काफी पुरानी है. इसके प्रचार-प्रसार में कई लोगों का योगदान रहा है. लेकिन योग के ज्ञान को समूचे विश्व में सप्त ऋषियों ने पहुंचाया.
कौन हैं योग के प्रथम गुरु?
धर्म ग्रंथों के अनुसार, ब्रह्माण्ड का पहला योगी भगवान शिव को बताया गया है. लेकिन धीरे-धीरे यह परंपरा ऋषि-मुनियों के कठोर तप का प्रतीक बन गई. ऋषि मुनियों के क्रम में प्रथम योगी महर्षि पतंजलि थे. पतंजलि ने 195 योग के सूत्रों की रचना की, जिन्हें योग-दर्शन का स्तंभ माना जाता है. इसलिए योग परंपरा में पतंजलि को शिव से कम नहीं समझा जाता है.
इसके बाद आदि योगी ने खुद को आदि गुरु के रूप में रूपांतरित किया और अपनी योगिक विद्या को सात साधकों को देना शुरू किया. यही सात लोग ब्रह्म ज्ञानी बने और “सप्तऋषि” कहलाएं. सनातन संस्कृति में इन सप्त ऋषियों को पूजा जाता है.
सप्तऋषियों ने योग के ज्ञान को समूचे विश्व में फैलाया
शिव से परम प्रकृति में खिलने की तकनीक और ज्ञान प्राप्त करने के बाद ये सप्तऋषि योग के सात मुख्य पहलू बन गए. इन सातों ऋषियों को सात दिशाओं में विश्व के अलग-अलग हिस्सों में भेजा गया. क्योंकि ये ये अपना ज्ञान आमजनमानस तक पहुंचा सकें. इन सात ऋषियों में एक मध्य एशिया गए, दूसरे मध्य पूर्व और उत्तर अफ्रीकी में गए, तीसरे दक्षिण अमेरिका, चौथे पूर्वी एशिया , पांचवें ऋषि हिमालय के निचले इलाकों में गए, छठे ऋषि वहीं आदि योगी के साथ रुके और सातवें ऋषि ने दक्षिण दिशा में भारतीय उपमहाद्वीप के यात्रा की राह पकड़ी. दक्षिणी प्रायद्वीप की यात्रा करने वाले यही ऋषि हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाने जाते हैं, जिनका नाम है अगस्त्य मुनि.
योग में अगस्त्य मुनि का योगदान
अगस्त्य मुनि ने आध्यात्मिक प्रक्रिया को किसी शिक्षा या परंपरा की तरह नहीं बल्कि जीवन जीने के तौर पर व्यावहारिक हिस्सा बनाया. उनके द्वारा बनाए सैकड़ों योगी ऊर्जा के भंडार थे. अगस्त्य योगी के बारे में यह भी कहा जाता है कि, उन्होंने एक भी शख्स नहीं छोड़ा जो पवित्र योगिक ज्ञान और तकनीक से अनविज्ञ हो. अगस्त्य योगी ने घर-घर में योग की प्रतिष्ठा की.
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