Paradise in Islam: इस्लाम धर्म में जन्नत को बेहद खुबसूरत और अल्लाह का घर बताया गया है. इस्लाम धर्म के मुताबिक जन्नत उन लोगों को ही नसीब होगी, जिन्होंने जीते जी पाक (अच्छे) काम किए हैं. कुरान और हदीस में जन्नत को लेकर काफी कुछ उल्लेख दिया गया है, जिसमें जन्नत के आठ दरवाजों का भी जिक्र है. आइए जानते हैं जन्नत के इन 8 दरवाजों के बारे में


जन्नत के आठ दरवाजों के नाम और उनसे प्रवेश करने वाले कौन है-


बाब अल-सलात 
बाब अल सलात का दरवाजा जिसे नमाज़ का दरवाजा कहा जाता है. इस दरवाजे से वो लोग जन्नत में प्रवेश करेंगे, जो नियमित रूप से नमाज अदा करते हैं. इस्लाम के 5 स्तंभों में नमाज़ भी शामिल है. 


बाब अल-जिहाद
बाब अल-जिहाद को (जिहाद का दरवाजा) कहते हैं. यह दरवाजा ऐसे लोगों के लिए है जिन्होंने अल्लाह के रास्ते पर चलकर जिहाद को अपनाया. जिहाद का मतलब केवल युद्ध में ही शामिल होना नहीं है, बल्कि अल्लाह की राह में चलकर हर प्रकार की कठिनाई और मुसीबत का सामना करना भी शामिल है।


बाब अस्-सदाकाह 
इस्लाम (Islam) धर्म में जन्नत के तीसरे दरवाजे का नाम बाब अस-सदाकाह है. जिसे दान का दरवाजा भी कहा जाता है. इस दरवाजे से वो लोग प्रवेश करेंगे, जो जरूरतमंदों की मदद करते हैं. उनको दान देते हैं. इस्लाम धर्म में दान देना सुन्नत का काम होता है. 


बाब अर-रय्यान (रोजे का दरवाजा)
बाब अर-रय्यान 
जन्नत का चौथा दरवाजा बाब अर-रय्यान का दरवाजा है, जिसे रोज़ का दरवाजा भी कहते हैं. जन्नत में इस दरवाजे से वो लोग प्रवेश करेंगे, जिन्होंने रमजान के दिनों में रोजा रखा था. रोजा रखना इस्लाम में सुन्नत का काम है. ये अल्लाह की इबादत करने का तरीका है. 


बाब अल-हज्ज 
जन्नत का पांचवां दरवाजा बाब अल-हज्ज का दरवाजा है, जिसे हज का दरवाजा भी कहते हैं. इस्लाम धर्म का पांचवां स्तंभ हज को कहा जाता है. हज करने से अल्लाह-ताला खुश होते हैं. 


बाब अल-काज़िमिन अल-घैज़ वाल-आफीन अनिन-नास 
जन्नत का छठा दरवाजा बाब अल-काज़िमिन अल-घैज़ वाल-आफीन अनिन-नास है, गुस्से को काबू में रखने वाले और दूसरों को माफ करने वाले लोग इसी दरवाजे से जन्नत में प्रवेश करते हैं. अल्लाह कहते हैं कि जिसने अपने गुस्से को काबू में रखना सीख लिया वो मेरे सबसे करीब है. 
 
बाब अल-सब्र 
जन्नत का सातवां दरवाजा बाब अल-सब्र का दरवाजा है. इस दरवाजे से वो लोग जन्नत में प्रवेश करेंगे, जिन्होंने मुसीबत के वक्त में अल्लाह पे भरोसा कर सब्र किया. इस्लाम धर्म में सब्र बेहद महत्वपूर्ण गुण है.


बाब अल-सादिकीन
बाब अल-सादिकीन जन्नत का आठवां दरवाजा है, इस दरवाजे से वो लोग जन्नत में प्रवेश करेंगे जो सदैव सच बोलते हैं. सच बोलना इस्लाम धर्म का महत्वपूर्ण मूल्य जिसे हर मुसलमान को मानना चाहिए. 


यह भी पढ़ें - मुसलमान मर्द अपनी दाढ़ी का रंग लाल क्यों रखते हैं?


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.