इज़राइल और हमास के बीच जंग लगातार जारी है और ये बढ़ती ही जा रही है. यह स्थिति आने वाली कई चुनौतियों को जन्म देती हुई नजर आ रही है. जहां हमास द्वारा इज़राइल पर भयंकर हमला किया गया और भयंकर नरसंहार हुआ, वहीं अब इज़राइल भी आगे बढ़कर बदला लेने की पूरी तैयारी में है और दोनों ही ओर से एक दूसरे पर हमले तेज किया जा रहे हैं, जिसमें नरसंहार के साथ-साथ आम जनमानस को भी बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है.
इज़राइल-फ़लस्तीन संघर्ष और ग्रहों की चाल
ज्योतिष की गणना के अनुसार वर्तमान समय में ग्रह स्थिति पर अगर नजर डाली जाए तो जब से मंगल का गोचर केतु के साथ तुला राशि में हुआ है, तब से इन विश्व व्यापी समस्याओं में बढ़ोतरी होने लगी है. आने वाले समय में भी अगर हम देखें तो अभी शनिवार 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगने वाला है. यह सूर्य ग्रहण आश्विन मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को लगेगा और उस दिन सूर्य और चंद्रमा कन्या राशि में हस्त नक्षत्र में स्थित होंगे.
इज़राइल पर हमास का हमला, मंगल-केतु की भूमिका क्या है?
वर्तमान ग्रह स्थिति को देखें तो शनि वक्री अवस्था में कुंभ राशि में विराजमान हैं तो बृहस्पति राहु के साथ मेष राशि में हैं. आज शुक्र सिंह राशि के हैं तो सूर्य और बुध कन्या राशि में तथा मंगल और केतु एक साथ तुला राशि में. आमतौर पर देखा गया है कि जब भी मंगल जैसे गर्म प्रकृति के ग्रह की युति गोचर काल में केतु के साथ होती है तो शस्त्र और अग्नि से संबंधित समस्याएं अधिक होती हैं.
मंगल भूमि का कारक भी है और यही कारण है कि कुछ समय पहले ही भूकंप भी आकर गए हैं. वर्तमान समय में शनि और सूर्य से नाश्ता के योग में है और बृहस्पति राहु तथा सूर्य भी एक दूसरे से सदा अष्टक योग में है यह स्थिति अनुकूल नहीं है और प्राकृतिक आपदाएं भी बढ़ सकती हैं. विभिन्न देशों के मध्य सत्ता संघर्ष बढ़ने की संभावना अधिक दिखाई दे रही है इसलिए यह समय विश्व के लिए अधिक अनुकूल नहीं कहा जा सकता है.
इज़राइल-हमास की लड़ाई खत्म होगी या बढ़ेगी?
विशेष रूप से 30 अक्टूबर तक का समय कठिन कहा जा सकता है. जहां तक इज़राइल और हमास के बीच की बात है तो इनके बीच ग्रह स्थिति को देखते हुए अभी स्थितियां और बिगड़ने की संभावना है, जिसमें इसराइल को भी काफी नुकसान हो सकता है और गाजा पट्टी की भी स्थिति बिगड़ सकती है. यह समय विश्व में व्यापक बदलाव लाने में सक्षम है क्योंकि यह विश्व के प्रत्येक देश को प्रभावित करेगा और संभव है कि कुछ ऐसे गठजोड़ देखने को मिलें, जो मानवता के हित में ना हों, इसलिए हम सभी को यही प्रार्थना करनी चाहिए कि यह समस्या जल्द से जल्द सुलझा ली जाए और किसी भी तरह नरसंहार को रोका जा सके.
30 अक्टूबर 2023 का पंचांग (नई दिल्ली के समय पर आधारित) |
30 अक्टूबर 2023 तक क्या होगा? क्या तीसरे विश्व युद्ध की हो रही आहट
30 अक्टूबर के बाद जब राहु केतु गोचर करके राशि बदलेंगे और केतु मंगल का साथ छोड़कर कन्या राशि में चले जाएंगे तब कूटनीतिक और राजनीतिक रूप से इस समस्या को सुलझाने के लिए प्रयास तेज होंगे हालांकि ऐसा प्रतीत होता है कि यह समस्या शीघ्र ही सुलझने वाली नहीं है लेकिन सभी देशों को मिलकर प्रयास करना चाहिए कि आपसी मतभेद भुलाकर इन दोनों देशों के मध्य चल रहे तनाव को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं, अन्यथा इसके तीसरे विश्व युद्ध का रूप लेने में समय नहीं लगेगा.
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