Jagannath Rath Yatra 2022: हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है,जगन्नाथ रथ यात्रा,जिसे काफी धूम-धाम से मनाया जाता है. इस यात्रा को पुरी रथ यात्रा और रथ महोत्सव नाम से भी जाना जाता हैं. पुरी रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ को समर्पित है, जिनको भगवान विष्णु के अवतारों में से एक माना जाता है. इस रथ यात्रा को देखने के लिए हर साल दस लाख से अधिक तीर्थयात्री आते हैं. कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस रथ यात्रा में भाग लेता है वह जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है. उनके रथ पर भगवान जगन्नाथ की एक झलक बहुत ही शुभ मानी जाती है। इस त्योहार को ‘घोसा यात्रा’, ‘दशवतार यात्रा’, ‘नवादिना यात्रा’ या ‘गुंडिचा यात्रा’ के नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते हैं कि जगन्नाथ रथ यात्रा का कब है और इसका महत्व क्या है?


श्री जगन्‍नाथ रथ यात्रा शुभ मुहूर्त


श्री जगन्‍नाथ रथ यात्रा की तिथि: 1 जुलाई 2022, शुक्रवार, 
द्वितीय तिथि का आरंभ : 30 जून, सुबह 10:49 
द्वितीय तिथि की समाप्ति : 1 जुलाई, दोपहर 01:09 तक


जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व
दस दिन तक के  इस महोत्सव से व्यक्ति की सभी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं. इस रथयात्रा का पुण्य 100 यज्ञों के बराबर होता है. इस समय उपासना के दौरान अगर कुछ उपाय किये जाएं तो श्री जगन्नाथ अपने भक्तों की समस्या को जड़ से खत्म कर देते हैं.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस रथ यात्रा भगवान जगन्‍नाथ जी के मंदिर से निकालकर प्रसिद्ध गुंडिचा माता के मन्दिर तक पहुंचाया जाता है. जहां पर भगवान जगन्‍नाथ जी सात दिनों तक विश्राम करते हैं. सात दिनों तक विश्राम करके के बाद मंदिर में वापसी आ जाते हैं. इस रथ यात्रा में शामिल होने से व्यक्ति के जीवन से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं.


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