Ganesh Ji Ki Aarti: पंचांग के अनुसार 14 अक्टूबर 2020 को बुधवार का दिन है. आज आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है. आज परम एकादशी व्रत का पारण भी है. सबसे विशेष बात ये हैं कि आज प्रदोष व्रत है. प्रदोष का व्रत भगवान शिव का समर्पित है. इसलिए आज का दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए उत्तम दिन है.


गणेश जी को पूजा करने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है. गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. गणेश जी की पूजा करने से जीवन में आने वाले हर विघ्न से मुक्ति मिलती है. गणेश जी बुद्धि के भी दाता है. बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा विधि पूर्वक करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.


गणेश पूजन की विधि
बुधवार को सुबह स्नान करने के बाद पूजन आरंभ करें. पूजा स्थल पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश को रखें. गणेश जी को मोदक, मोतीचूर के लड्डू, श्रीखंड बेहद प्रिय हैं. इसलिए पूजा के समय इनका भोग लगाएं. गणेश जी को दूर्वा घास भी प्रिय है. गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं. गणेश आरती का पाठ करें. शिव परिवार का आर्शीवाद प्राप्त करें. जल अर्पित करें और घी का दीपक जलाएं.


गणेश जी की आरती
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ..
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।


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