जन्म कुंडली: कालसर्प दोष से न घबराएं, करें ये उपाय, मिलेगी सफलता
कालसर्प दोष को सबसे अशुभ ग्रहों में से एक माना गया है. लेकिन ये हमेशा अशुभ फल प्रदान करे ऐसा भी नहीं है. कालसर्प दोष के नाम से ही लोगों को डर लगने लगता है.आइए जानते हैं कालसर्प दोष के बारे में-
Kaal Sarp Dosh: राहु-केतु के मध्य जब सभी ग्रह आ जाते हैं तो व्यक्ति की जन्म कुंडली में इस ग्रह का निर्माण होता है. ज्योतिष में राहु-केतु को अशुभ ग्रह माना गया है. लेकिन ये दोनो ग्रह शुभ फल भी प्रदान करते हैं. जिन लोगों की कुंडली में राहु-केतु बलवान होते हैं और अन्य ग्रह शुभ स्थिति में होते हैं तो व्यक्ति को इसके अच्छे परिणाम भी मिलते हैं. एस्ट्रोलॉजर शिल्पा राना के अनुसार कालसर्प दोष एक ऐसा योग है जो अधिकांश कुंडली में मौजूद रहता है. लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए.
कालसर्प दोष का प्रभाव: जब व्यक्ति की जन्मकुंडली में इस दोष का निर्माण होता है तो ऐसा व्यक्ति बहुत परिश्रमी होता है. हानि होने के बाद भी ऐसे व्यक्ति हिम्मत नहीं हारते हैं और निरंतर सफल होने के लिए प्रयास करते रहते हैं. कह सकते हैं ऐसे लोगों को सफलता बहुत ही संघर्षो से प्राप्त होती है. लेकिन जब ऐसे लोग सफल होते हैं तो वो अन्य लोगों के लिए एक उदाहरण बन जाते हैं. कई महापुरुष और दुनिया के सफल व्यक्तिओं की जन्म कुंडली में भी कालसर्प दोष देखा गया है.
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राहु-केतु का स्वभाव: ये दोनो पाप ग्रह हैं. ये छाया ग्रह माने गए हैं. जीवन में जब भी कुछ अचानक होता है तो इसके पीछे इन्हीं ग्रहों का हाथ होता है. राहु और केतु की एक विशेष बात ओर है ये जब भी करते हैं कुछ बड़ा ही करते है. ऐसे में अगर व्यक्ति का नुकसान करेंगे तो बड़ा नुकसान करेंगे. व्यक्ति अर्श से फर्श पर आ जाता है ऐसी स्थिति भी बना देते हैं. वहीं जब ये लाभ दिलाते हैं तो ये व्यक्ति को फर्श से अर्श पर पहुंचा देते हैं. ये इन ग्रहों का विशेष स्वभाव है.
शुभ स्थिति: राहु और केतु जन्म कुंडली में अगर शुभ स्थान पर विराजमान हों तो ये अच्छे फल भी प्रदान करते हैं. ऐसे व्यक्ति लेखन, कम्यूनिकेशन, राजनीति, व्यापार के क्षेत्र में बहुत सफल होते हैं.
उपाय: राहु केतु को शुभ बनाने के लिए भगवान गणेश जी और शिवजी की उपासना करनी चाहिए. कालसर्प का पूजन कराना चाहिए. व्यसनों से दूर रहना चाहिए और अच्छी संगत में रहना चाहिए. कुत्तों को खाना खिलाना चाहिए. ऐसा करने से इन ग्रहों की अशुभता कम होती है.
इन मंत्रो का जाप करें
राहु का मंत्र: ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:. केतु का मंत्र: ऊँ स्त्रां स्त्रीं स्त्रों सः केतवे नमः. जन्म कुंडली में ये ग्रह बैठे हों तो व्यक्ति को मिलती है सरकारी नौकरी