Janam Kundli: किसी भी व्यक्ति को बीमार करने और उसे रोग देने में कुंडली के अंदर विराजमान ग्रहों की स्थिति अहम भूमिका निभाती है. वर्तमान समय में डायबिटीज की बीमारी तेजी से बढ़ी है.यह बीमारी शुक्र  प्रधान है. शुक्र के कमजोर होने से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है आइए जानते हैं-


हमार शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है. ये पंच तत्व पृथ्वी,जल,अग्नि,वायु और आकाश है. व्यक्ति को बीमार बनाने में कफ,वात और पित्त की प्रभावी भूमिका होती है. इन्हें धातु कहा गया है. यानि व्यक्ति के जीवन में इन पांच तत्व और तीन धातु ही महत्वपूर्ण हैं. इनके कम ज्यादा होने से अच्छे और बुरे फल महसूस होते हैं. हमारे शरीर के रसायन को नियंत्रित करने वाला ग्रह शुक्र  है.


शुक्र  ग्रह को असुरों का गुरु भी माना गया है. क्योंकि शुक्राचार्य असुरों के गुरु हैं. शुक्र के दूषित और अशुभ होने पर प्राय: डायबिटीज और यौन रोग होने की संभावना बढ़ जाती है. वहीं त्वचा में जब बदलाव होने लगे तो समझ लेना चाहिए कि शुक्र  बिगड़ा रहा है.


शुक्र के अन्य प्रभाव
खराब शुक्र ब्रेकअप भी कराता है, विपरित लिंग के प्रति आकर्षण का भाव प्रबल कर देता है. शुक्र ग्रह व्यक्ति को भोगविलासी भी बना देता है. वहीं शुक्र पर जब राहु का प्रभाव हो जाए तो व्यक्ति बुरी संगत में बैठने लगता है और व्यासनों को अपना लेता है जैसे शराब व मंहगी सिगरेट पीना और स्त्रियों के संपर्क में आना ये शुक्र  के बिगड़ने से होता है. शुक्र खराब हो तो व्यक्ति को आलसी भी बनाता है.


खर्चे बढ़ाता है खराब शुक्र
शुक्र प्रधान व्यक्ति कलात्मक विषयों में रूचि रखने वाला होता है. शुक्र  को ठीक करना बहुत जरूरी है. क्योंकि अधिक समय तक यादि यह खराब रहे तो व्यक्ति का धन व्यय कराता है,बीमारियों में उलझा देता है और अपयश का कारण भी बना देता है.


मां लक्ष्मी की पूजा करने से दूर होती है अशुभता
शुक्र को बेहतर बनाने के लिए सफेद वस्त्र धारण करना चाहिए. शुक्र  को ठीक करने के लिए गाय की सेवा करनी चाहिए. लक्ष्मी जी की उपासना करें,शुक्र  मंत्र का जाप करें. गरीबों को दान करें, मधुर व्यवहार करें, मिष्ठान खाने में सावधानी बरतें,अनाथ बच्चों की सेवा करने से भी शुक्र  की स्थिति में सुधार होता है. मछली को दाना खिलाने से भी शुक्र  की स्थिति में सुधार होता है.


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