जन्म कुंडली के 12 भाव में जानें सूर्य के फल, इस भाव में सूर्य बैठकर बनाते हैं राजयोग
Surya: जन्म कुंडली में सूर्य की स्थिति को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. सूर्य का संबंध मान सम्मान और उच्च पद से भी है. किस भाव में सूर्य क्या फल देते हैं आइए जानते हैं.
सूर्य को जीवन माना गया है. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है. सूर्य आत्मा भी है. जन्म कुंडली में सूर्य अलग अलग भाव में अलग अलग फल देते हैं. सूर्य सभी 12 भाव में क्या फल देते हैं इसका पता लगाना बहुत ही आसान है.
प्रथम भाव जन्म कुंडली के प्रथम भाव में सूर्य का होना अच्छा माना गया है. जिन लोगों की जन्म कुंडली में सूर्य पहले भाव में विराजमान हों तो ऐसे जातक साहसी होते हैं. इनमें राजाओं की तरह गुण पाए जाते हैं. धन के मामले में इनकी स्थिति अच्छी रहती है. सभी प्रकार के सुखों को भोगते हैं.
दूसरा भाव इस भाव में सूर्य बैठकर व्यक्ति को स्वाभिमानी बनाते हैं. ऐसे लोगों की परिवार के अन्य सदस्यों से कम बनती है. ऐसे लोग व्यापार के क्षेत्र में अधिक सफल होते हैं. लोहे और तांबे से जुड़े व्यापार में इन्हें विशेष सफलता मिलती है.
तीसरा भाव जन्म कुंडली के जब तीसरे भाव में सूर्य देव विराजमान हो जाते हैं तो व्यक्ति साहसी होता है. ऐसे जातक अपनी मेहनत से सफलता को प्राप्त करते हैं. सरकारी नौकरी से ऐसे लोग विशेष लाभ लेते हैं.
चौथा भाव सूर्य चौथे भाव में हों तो व्यक्ति जिस क्षेत्र में होते हैं वे उच्च पद प्राप्त करते हैं. इसके लिए अन्य ग्रहों की स्थिति और दृष्टि को भी देखा जाता है.ऐसे लोग अपनी पैतृक संपत्ति का उपभोग नहीं कर पाते हैं. सूर्य इस भाव में कमजोर माने गए हैं.
पांचवां भाव सूर्य इस भाव में मिला-जुला फल प्रदान करते हैं. सूर्य इस भाव में बैठकर व्यक्ति को बुद्धिमान बनाते हैं. इस भाव में पंचमेश सूर्य के साथ बुध और गुरु अगर अस्त हो जाएं तो ये शुभ फल नहीं देते हैं. व्यापार के मामल में इस भाव के सूर्य विशेष फल देने वाले माने गए हैं.
छठा भाव इस भाव में सूर्य बैठकर व्यक्ति को आर्थिक रूप से संपंन बनाते हैं लेकिन नेत्र रोग भी देते हैं. ऐसे लोग समाज में सम्मान प्राप्त करते हैं. इस भाव में सूर्य अच्छा फल प्रदान करते हैं. राजा के तरह ऐसे लोग जीवन व्यतीत करते हैं. ऐसे लोग शून्य से शिखर तक पहुंचते हैं.
सातवां भाव सूर्य जब इस भाव में बैठ जाते हैं तो यह दांपत्य जीवन को प्रभावित करते हैं. ऐसे व्यक्ति उच्च पद को प्राप्त करते हैं. लेकिन ऐेसे लोगों को रोग होने का खतरा बना रहता है. इस भाव का सूर्य व्यापार के लिए भी उत्तम माना गया है.
आठवां भाव इस भाव का सूर्य व्यक्ति को अचानक लाभ प्रदान करता है. ऐसे व्यक्ति दिखावा नहीं करते हैं. शांति से जीवन जीने को प्राथमिकता देते हैं.नेत्र संबंधी दिक्कतें सूर्य इस भाव में बैठकर प्रदान करते हैं. ऐसे व्यक्तिओं को नियमों का पालन करना चाहिए.
नवम भाव जन्म कुंडली के नवम भाव में सूर्य व्यक्ति को कर्मठ बनाता है. ये बड़ी पदों पर विराजमान होते हैं. ऐसे लोग हर कार्य को बहुत अच्छे ढंग से करते हैं.
दशम भाव सूर्य इस भाव में बैठकर अच्छा फल प्रदान करते हैं. ऐसे लोग उच्चाधिकारी होते हैं. सरकारी नौकरी का योग भी बनाते हैं. इस भाव में सूर्य राजयोग का निर्माण करते हैं. ऐसे लोग हर प्रकार के प्राप्त करते हैं. सम्मान भी प्राप्त करते हैं.
एकादश भाव जब सूर्य 11 वें भाव में विराजमान होते हैं तो जातक को बुद्धिमान बनाते हैं. ऐसे जातक अपनी बुद्धि से सबकुछ प्राप्त करने की क्षमता रखते हैं. ऐसे लोग प्रभावशाली होते हैं. इनका हर क्षेत्र में अच्छा दखल होता है.
बारहवां भाव सूर्य इस भाव बहुत शुभ फलदायी नहीं माने गए हैं. ऐसे लोगों को विदेश से अच्छा लाभ होता है. 12 वे भाव का सूर्य व्यक्ति को विदेश गमन करता है. ऐसे लोग जिद्दी स्वभाव के भी होते हैं जिस कारण कभी कभी इन्हें हानि भी उठानी पड़ती है.