Janmashtami 2022 Yoga: जन्माष्टमी पर 400 साल बाद बना ऐसा महासंयोग, इन शुभ योग में कृष्ण पूजा से मिलेगा कई गुना फल
Janmashtami 2022: देश-विदेश में आज कान्हा का 5249वां जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. 400 साल बाद जन्माष्टमी पर 8 शुभ योग का महासंयोग बना है.जानते हैं आज कान्हा की पूजा का शुभ मुहूर्त और 8 योग का महत्व
Krishna Janmashtami 2022: देश-विदेश में आज कान्हा का 5249वां जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. धर्म ग्रंथों के अनुसार भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को बाल गोपाल ने आठवें मुहूर्त में जन्म लिया था. इस बार जन्माष्टमी का त्योहार बहुत खास है क्योंकि 400 साल बाद जन्माष्टमी पर 8 शुभ योग का महासंयोग (Janmashtami 2022 shubh yoga) बना है. शास्त्रों में सभी आठों योग का विशेष महत्व है. इन योग में गिरधर गोपाल की पूजा से कई गुना लाभ मिलेगा. साथ ही आज के दिन इन योग में खरीदारी और नए काम की शुरुआत करना बेहद शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं आज कान्हा की पूजा का शुभ मुहूर्त. साथ ही जन्माष्टमी पर कौन से 8 योग बन रहे हैं.
जन्माष्टमी 2022 शुभ मुहूर्त (Janmashtami 19 august 2022 muhurat)
कान्हा की पूजा का मुहूर्त - 19 अगस्त 2022, रात 12.05 - रात 12:45
खरीदारी का शुभ मुहूर्त - दोपहर 12.00 - 2.30, शाम - 5.30 - 7.30
जन्माष्टमी 2022 योग
जन्माष्टमी पर 19 अगस्त को आज महालक्ष्मी, बुधादित्य, ध्रुव, छत्र, कुलदीपक, भारती, हर्ष, सत्कीर्ति का राजयोग बन रहा है. 400 साल बाद जन्माष्टमी पर एक साथ इन 8 योग का राजयोग बना है, इससे जन्मोत्सव का महत्व कई गुना बढ़ गया है.
किस योग का क्या महत्व:
- कुलदीपक - कुलदीपक का योग बुध, गुरु और मंगल की युति से बना है. इस योग में कान्हा की पूजा से संतान पक्ष की समस्याएं खत्म हो जाती है. संतान की सफलता के लिए ये योग बहुत लाभदायक है.
- ध्रुव - नए काम की शुरूआत के लिए ध्रुव योग शुभ माना जाता है. ये योग तिथि, वार और नक्षत्र से बनता है.
- छत्र - शुक्रवार और कृत्तिका नक्षत्र से बन रहे इस योग में नई जॉब औंर बिजनेस का आरंभ कर सकते है.
- बुधादित्य - सूर्य और बुध से बने इस योग में कृष्ण की पूजा से हर कार्य सिद्ध होते हैं.
- भारती - गुरु और मंगल की युति से बना ये योग शुभ काम के लिए पुण्यकारी माना जाता है.
- महालक्ष्मी - ये योग चंद्रमा और मंगल से बना है. इसमें निवेश करना ठीक रहेगा. साथ ही लेन-देन के लिए भी फायदेमंद है.
- सत्कीर्ति - व्यापार और नौकरी से संबंधित कार्य के लिए ये योग बहुत खास माना गया है.
- हर्ष - इस योग में किया शुभ काम सफल होता है. साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.
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