Janmashtami 2020: आज जन्माष्टमी का पर्व है. आज के दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है.भगवान श्रीकृष्ण का बचपन मथुरा में बीता. वृंदावन के निधिवन में आज भी ये बात प्रचलित है कि निधिवन में भगवान श्रीकृष्ण और राधा अद्र्धरात्रि के बाद रास रचाते हैं. इस वन में एक महल भी जिसे रंग महल कहा जाता है. रंग महल में आज भी माखन और मिश्री रखने की परंपरा है.


रंग महल में शयन कक्ष
रंग महल में एक शयन कक्ष भी है. इस शयन कक्ष को तैयार किया जाता है. लेकिन सुबह शयन कक्ष को देखकर लगता है कि रात्रि में इस स्थान पर कोई आया था. जो प्रसाद रखा जाता है उसे भी ग्रहण किया जाता है. इसके पीछे क्या रहस्य है इसे आज तक कोई नहीं जान पाया है. निधिवन करीब ढ़ाई एकड़ में फैला हुआ है. यहां के वृक्ष भी दूसरे वृक्षों से अलग हैं. वन में स्थित किसी भी पेड का तना सीधा नहीं है. वहीं हर पेड की डाली आपस में गुंथी हुई हैं.


निधिवन में रासलीला देखने वाला हो जाता है अंधा
कहा जाता है कि जो भी इस निधिवन में रासलीला देखने के लिए जाता है. वह अंधा हो जाता है या फिर उसके जीवन में कुछ बुरा घटित हो जाता है. इस वन में रंग महल के अलावा स्वामी हरिदास की समाधि और बांके बिहारी जी का प्राकट्य स्थल आदि भी हैं. रात्रि 8 बजे के बाद इस वन में कोई भी नहीं जाता है. प्रात: 5 बजकर 30 मिनट पर रंग महल के कपाट खोले जाते हैं. लोग बताते हैं कि भगवान के लिए रखी जाने वाली दातून भी झूठी मिलती है. जैसा इसका प्रयोग किया गया हो. निधिवन को लेकर जो बातें कहीं जाती हैं, उनमें कितनी सच्चाई है. इस बारे में लोगों की अलग अलग राय हैं. जानकार लोग वन की कुछ विशेषताओं को वास्तुशास्त्र से जोड़कर भी देखते हैं, तो वहीं आस्था में डूबे लोगों के लिए ये आज भी किसी रहस्य से कम नहीं है.


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