Janmashtami 2020: श्रीकृष्ण की बाल लीला, इन 5 राक्षसों का श्रीकृष्ण ने बचपन में ही कर दिया था वध
Janmashtami 2020: आज जन्माष्टमी का पर्व है. आज का दिन बहुत ही शुभ है. पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी की तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा की जेल में हुआ था. बाल लीला करते हुए भगवान श्रीकृष्ण कई खतरनाक राक्षसों का वध खेल खेल में ही कर दिया था.
Janmashtami 2020: श्रीकृष्ण के माता देवकी और पिता वासुदेव को कंस ने कारागार में बंदी बनाकर डाल दिया था. क्योंकि देवकी और वसुदेव के विवाह के समय एक आकाशवाणी हुई थी. आकाशवाणी के अनुसार देवकी की आठवीं संतान कंस का वध करेगी. इस बात से कंस भयभीत हो गया और उसने देवकी और वासुदेव को बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया. लेकिन भगवान ने ऐसी लीला रची की वे जन्म लेते ही वसुदेव ने श्रीकृष्ण को नंदगांव यशोदा के घर पहुंचा दिया. जब कंस को इस बात का पता चला तो उसने नंदगांव में श्रीकृष्ण को मारने के लिए कई राक्षसों को भेजा.
पूतना का वध किया कंस ने श्रीकृष्ण को मारने के लिए अपनी खास दासी जो एक मायवी राक्षसी थी को नंदगांव भेजा.पूतना ने श्रीकृष्ण को स्तनपान के जरिए विष देकर मारने की योजना बनाई. जैसे ही पूतना ने कृष्ण को स्तनपान कराया. उसी दौरान श्रीकृष्ण ने उसका वध कर दिया. बाद में पूतना को मोक्ष प्राप्त हुआ.
तृणावर्त राक्षस की ऐसे किया वध पूतना की मौत खबर सुनकर कंस ने होश उड़ गए. कंस क्रोध से भर गया. उसे अपना काल निकट दिखाई देने लगा. तब उसने श्रीकृष्ण को मारने के लिए तृणावर्त नामक राक्षस को भेजा. तृणावर्त बवंडर का रुप धारण करने की शक्ति रखता था. उसने कृष्ण को अपने साथ उड़ा लिया. कृष्ण ने तृणावर्त का गला दबाकर वध कर दिया.
वत्सासुर का वध किया कंस ने इसके बाद वत्सासुर नाम के राक्षस को भेजा. वत्सासुर एक बछड़े का रूप धारण कर श्रीकृष्ण की गायों के झुंड में मिल गया. कान्हा उस समय गायों का चरा रहे थे. बालकृष्ण ने उस बछड़े के रूप में दैत्य को पहचान लिया और अवसर पाकर उसका वध कर दिया.
बकासुर को ऐसे किया वध श्रीकृष्ण को मारने के लिए कंस ने बकासुर भेजा जो एक बगुले का रूप धारण करने की शक्ति रखता था. गोकुल पहुंचकर उसने श्रीकृष्ण को मारने की योजना बनाई. वह बगुला बनकर आया. तब बगुले ने कृष्ण को निगल लिया और कुछ ही देर बाद कान्हा ने उस बगुले को चीरकर उसका वध कर दिया.
अजगर बनकर आया अघासुर कंस ने अघासुर को गोकुल भेजा. अघासुर ने कृष्ण को मारने के लिए विशाल अजगर का रूप धारण किया और अपना मुंह खोलकर रास्ते में ऐसे बैठ गया जैसे कोई गुफा हो. गुफा समझ कर उसी समय श्रीकृष्ण और सभी बालक खेलते हुए उसके पेट में चले गए. मौका पाकर अघासुर ने अपना मुंह बंद कर लिया. तब कृष्ण ने अपना शरीर तेजी से बढ़ाना शुरू कर दिया. कान्हा के विशाल शरीर के कारण अघासुर सांस नहीं ले पाया और उसकी मौत हो गई.
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