Janmashtami 2022 Dahi Handi: दही हांडी प्रतियोगिता कब? जानें कैसे हुई शुरू और क्या है महत्व
Janmashtami 2022 Dahi Handi Date: दही हांडी प्रतियोगिता का आयोजन जन्माष्टमी के दूसरे दिन किया जाता है. इस बार दही हांडी उत्सव 20 अगस्त को किया जाएगा.
Janmashtami 2022 Dahi Handi Competition: हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद मास (भादो) के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादो माह, कृष्ण पक्ष और रोहिणी नक्षत्र में अष्टमी तिथि को हुआ था. जन्माष्टमी के दिन कृष्ण भक्त व्रत रखते हैं और रात्रि में कृष्ण भगवान के बाल रूप की पूजा करते हैं. श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन दही हांडी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. चूँकि इस बार 18 और 19 अगस्त दोनों दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा. ऐसे में दही हांडी का उत्सव 20 अगस्त दिन शनिवार को रखा गया है. इस उत्सव का संबंध भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से होता है. तो लोग उसी लीलाओं के अनुरूप कृत्य करते हैं.
दही हांडी उत्सव कब से हुआ शुरू?
धार्मिक ग्रन्थों के मुताबिक, भगवान श्री कृष्ण का अवतार द्वापर युग में हुआ था. वे अपने बालपन में तरह-तरह की लीलाएं करते थे. उन्हीं लीलाओं में से एक दही हांडी भी है. दही हांडी का उत्सव मनाने की परंपरा द्वापर युग में शुरू हुई है. तभी से यह परंपरा चली आ चली आ रही है.
दही हांडी पर्व का महत्व
दही हांडी प्रतियोगिता के आयोजन का उद्देश्य श्री कृष्ण की बाल लीलाओं को दिखाना और उनकी याद को ताजा करना है. बाल गोपाल को माखन और दही बहुत पसंद है. वे अपने सखाओं के साथ गोपियों के घर से माखन चुराया करते थे. बाल गोपाल के इस शरारत पूर्ण रवैया से गोपियां तंग आकर दही और घी को रस्सी से ऊंचाई पर टांग दिया करती थी लेकिन बालगोपाल की चालाकी के आगे गोपियों की एक न चलती थी. लड्डू गोपाल अपने सखा के साथ पिरामिड बनाकर माखन और दही खा जाया करते थे. धार्मिक मान्यता है कि दही हांडी का उत्सव मनाने से घर में सुख-समृद्धि आती है.
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