Krishna Janmashtami 2022: बाल गोपाल के आगमन के लिए मंदिरों में सजावट शुरु हो गई है. कान्हा का जन्मोत्सव इस साल 18 और 19 अगस्त (krishna janmashtami 2022 date) को मनाया जाएगा. श्रीकृष्ण की महिमा निराली है. कान्हा के रूप और उनकी लीलाएं अद्भुत है. भगवान विष्णु के अवतार माने गए श्रीकृष्ण 16 कलाओं से संपन्न हैं. श्रीकृष्ण के बाल्य काल के नटखट अंदाज और उनकी अनोखी लीलाएं सबका मन मोह लेती हैं. आइए जानते हैं माखन चोर के जीवन की बाल लीलाओं के बारे में.
कारावास में कृष्ण लीला
श्रीकृष्ण ने माता देवकी के गर्भ से कंस के कारावास में जन्म लिया था. वासुदेव और देवकी के सात पुत्रों को कंस पहले ही मार चुका था. कंस का वध करने के लिए ही भगवान विष्णु ने कृष्ण के रूप में जन्म लिया. इनका जन्म होते ही जेल के सारे दरवाजे खुल गए और प्रहरेदार गहरी नींद में सो गए. ये बाल गोपाल की ही लीला थी. इसके बाद उनके पिता रातोरात कान्हा को नंदगांव छोड़ आए थे.
पूतना को मारा
बाल गोपाल के जीवित होने की सूचना जब कंस को पता चली तो उसने पूतना नामक राक्षसी को कृष्ण का वध करने के लिए भेजा. पूतना ने भेष बदल लिया और अपने वक्ष पर जहर लगाकर कान्हा को दुग्धपान कराने लगी, लेकिन बाल गोपाल की महीमा इतनी अद्भुत है कि उन्हें पूतना का असली रूप पहचान लिया. कान्हा ने पूतना के प्राण खींच लिए. इस तरह कान्हा ने पूतना का वध किया. बाल गोपाल की इस लीला से कई लोग आचंभित थे.
कालिया नाग
कान्हा के बाल लीलाओं की बात आती है तो कालिया नाग का जिक्र जरुर होता है. कंस श्रीकृष्ण को मारने के लिए कई जतन किए. कालिया नाग ने यमुना नदी में डेरा जमा लिया था. कालिया नाग के जहर से यमुना काली पड़ गई थी. इस पानी से पशु-पक्षी की मृत्यु होने लगी थी. एक बार नदी किनारे खेलते हुए कान्हा के द्वारा गेंद यमुना में चली गई. गेंद लाने के लिए कृष्ण नदी में कूद पड़े. कान्हा और कालिया नाग के बीच भयंकर युद्ध हुआ. आखिरकार कालिया नाग को समझ आ गया कि ये कोई आम बालक नहीं है, लिहाजा कालिया नाग कान्हा के सामने नतमस्तक हो गया. कान्हा कालिया नाग के फन पर नाचने लगे.
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