Janmashtami Highlights: भगवान श्रीकृष्ण ने लिया जन्म, भक्तों में दिखा भारी उत्साह

Janmashtami Highlights: कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर पूरे देश में धूम है. देश भर के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है.

ABP Live Last Updated: 20 Aug 2022 12:40 AM
गोरखनाथ मंदिर में सीएम योगी आदित्यनाथ ने की पूजा-अर्चना

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में भी पूजा-अर्चना की. वह इससे पहले कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर पूजा करने के लिए मथुरा गए थे.





अहमदाबाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस्कॉन मंदिर में की पूजा-अर्चना

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के खास मौके पर अहमदाबाद पहुंचे थे. उन्होंने अहमदाबाद के इस्कॉन मंदिर में पहुंच कर पूजा-अर्चना की, इस दौरान मंदिर में भक्तों की भीड़ को खुशी से झूमते देखा गया.





मथुरा में उमड़ी भक्तों की भीड़, भगवान श्रीकृष्ण के जन्म लेने पर खुशी में झूमे भक्त

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर रात के 12 बजते ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर उनके जन्म लेते ही भक्तों को झूमते देखा गया. इस दौरान ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच भगवान श्रीकृष्ण की जय-जयकार होने लगी है.

भगवान श्रीकृष्ण ने लिया जन्म, भक्तों में दिखा भारी उत्साह

कन्हैया की नगरी मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म ले लिया है. उनके जन्म के बाद श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर आसमान से फूलों की वर्षा हो रही है. भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की महाआरती शुरू हो गई है.

मथुरा में कुछ ही देर बाद जन्म लेंगे कन्हैया, एक झलक पाने को बेताब भक्त
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा में कुछ ही देर बाद कन्हैया जन्म लेंगे. यहां कन्हैया के जन्म को लेकर भक्तों में जबरदस्त उत्साह है. सभी भक्त कन्हैया की एक झलक पाने को बेताब हैं.
नोएडा के इस्कॉन मंदिर में हो रहा है अभिषेक

नोएडा के इस्कॉन मंदिर में इस समय अभिषेक हो रहा है. गोविंद-राधा के छोटे स्वरूप का मंदिर के सभी पुजारी पंडित बारी बारी से शंख में जल, मक्खन के साथ अभिषेक कर रहे हैं. पूरे इस्कॉन मंदिर को काफी भव्य तरीके से सजाया गया है. काफी भारी संख्या में भक्तों की भीड़ मंदिर के अंदर और बाहर मौजूद है. सभी की जुबान पर सिर्फ भजमन राधे गोविंदा गीत की धुन है.

आज रात कृष्ण उपासना के बाद जरूर पढ़ें ये स्तुति, तभी पूजा होगी पूर्ण

जन्माष्टमी पर आज धूमधाम से बाल गोपाल का जन्मदिन मनाया जा रहा है. जन्मोत्सव पर रात 12 बजे बांके बिहारी का जन्म कराने के बाद आरती कर उनकी स्तुति जरूर पढ़ना चाहिए, मान्यता है कि कृष्ण स्तुति का पाठ करने के बाद ही कान्हा की पूजा पूरी मानी जाती है. यहां पढ़िए कौन सी है वो स्तुति- 


https://www.abplive.com/lifestyle/religion/janmashtami-2022-date-do-this-istuti-path-after-lord-krishna-arti-today-in-night-2195765

कोलकाता के इस्कॉन मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम
पश्चिम बंगाल के कोलकाता के इस्कॉन मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जा रहा है. यहा बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे हैं. 



आज जन्माष्टमी के दिन अन्नपूर्णा भोजनालय का हुआ प्रारंभ

आज जन्माष्टमी के दिन ही 'त्वदीयं वस्तु गोविंदम, तुभ्यमेव समर्पये' के मूलमंत्र को सार्थक करने के लिए अन्नपूर्णा भोजनालय की शुरुआत हुई. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ ने जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर वृंदावन में अन्नपूर्णा भोजनालय का शुभारम्भ किया. इस भोजनालय में करीब 600 भक्तों को एक साथ भोजन कराया जा सकता है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर पहुंचे

जन्माष्टमी के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर पहुंचे और बच्चों को मिठाई बांटी. इससे पहले सीएम पूजा करने के लिए मथुरा गए थे. 


 





कुछ ही समय बाद कन्हैया लेंगे जन्म, मथुरा में उमड़ी भक्तों की भीड़
श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर कुछ ही समय बाद कन्हैया जन्म लेंगे. इसे लेकर भक्तों में जबरदस्त उत्साह है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा में बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे हैं. 

 
दही हांडी कार्यक्रम में पहुंचे एकनाथ शिंदे और श्रद्धा कपूर

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और बॉलीवुड अभिनेत्री श्रद्धा कपूर ने जन्माष्टमी-2022 के अवसर पर ठाणे में दही हांडी कार्यक्रम में शिरकत की. 


 





आज जन्माष्टमी पर करें ये उपाय दांपत्य जीवन रहेगा खुशहाल

जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के अवसर पर मोर पंख को श्री कृष्ण मंदिर में अर्पित कर पूजा करें और पूजा के बाद  उस मोर पंख को अपने बेडरूम में स्थापित करें.  इससे  दांपत्य जीवन के सभी कलेश दूर हो जाएंगे.

मुंबई में दही हांडी के दौरान 111 घायल हुए

बीएमसी ने बताया कि मुंबई में आज दही हांडी समारोह के दौरान कुल 111 घायल हुए, जिनमें से 88 का इलाज किया गया और उन्हें छुट्टी दे दी गई. 23 का इलाज चल रहा है, हालत स्थिर है. कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. 

जन्माष्टमी पूजा शुभ मुहूर्त शुरू (Krishna Janmashtami Shubh Muhurat)

आज जन्माष्टमी की पूजा शुभ मुहूर्त शुरू हो गया है. भक्त गण अब भगवान श्री कृष्ण की पूजा कर सकते है. पूजा के यह है शुभ मुहूर्त.


• अष्टमी तिथि प्रारम्भ - अगस्त 18, 2022 को रात 09 बजकर 20 मिनट से शुरू


• अष्टमी तिथि समाप्त - अगस्त 19, 2022 को रात 10 बजकर 59 मिनट पर खत्म


• निशिता पूजा का समय - अगस्त 20, सुबह 12 बजकर 20 मिनट से सुबह 01:बजकर 05 मिनट तक

कोयंबटूर में जन्माष्टमी का जश्न जोरों पर

तमिलनाडु के कोयंबटूर में जन्माष्टमी का जश्न जोरों पर है. 





जन्माष्टमी के अवसर पर दिल्ली के बिरला मंदिर में उमड़ी भीड़

दिल्ली में जन्माष्टमी के अवसर पर बिरला मंदिर में उमड़ी भीड़. 


 





गुजरात के मुख्यमंत्री ने द्वारकाधीश मंदिर का किया दौरा

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जन्माष्टमी के अवसर पर द्वारका के द्वारकाधीश मंदिर का दौरा किया. 


 





संतान सुख के लिए आज रात करें ये उपाय

देवकीसुतं गोविन्दम् वासुदेव जगत्पते। 
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।


नि:संतान दंपत्ति आज रात कान्हा की पूजा में इस मंत्र का जाप करें. मान्यता है कि इससे गुणवान संतान की कामना पूर्ण होती है

मुंबई में 78 'गोविंदा' हुए घायल

मुंबई में कृष्ण जन्माष्टमी समारोह के दौरान मानव पिरामिड बनाने के दौरान कम से कम 78 'गोविंदा' या दही हांडी प्रतिभागी घायल हुए हैं. 

जन्माष्टमी के अवसर पर मथुरा सज कर तैयार

जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्णभूमि कहे जाने वाला उत्तर प्रदेश का मथुरा सज कर तैयार है. मथुरा में ही भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था. 


 





श्रीकृष्ण ने इस उम्र में किया था कंस का वध

धार्मिक ग्रंथों में जिक्र मिलता है कि जब कान्हा ने कंस का वध किया तब उनकी उम्र 11 साल की थी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कंस का वध करने के बाद श्रीकृष्ण महाकाल की नगरी अवंतिका में आए थे.

कब होगा लड्‌डू गोपाल का छठि पूजन ?

बाल गोपाल के जन्म के छह दिन बाद कृष्ण की छठी मनाई जाती है. इस साल कृष्ण की छठी 24 अगस्त 2022 को मनाई जाएगी. पुराणों में षष्ठी (छठी) देवी को बच्चों की अधिष्ठात्री देवी माना गया है. कहते हैं कि इनकी पूजा करने से नवजात शिशु पर कोई आंच नहीं आती.

कान्हा के जन्म पर हुई थी ये आकाशवाणी

कान्हा की महीमा निराली है. बाल गोपाल के जन्म के समय कंस की काल कोठरी प्रकाशमय हो गई थी. इस दौरान आकाशवाणी हुई कि इस बालक को गोकुल में नंद बाबा के यहां छोड़ आओ और वहां जिस एक कन्या का जन्म हुआ है उसे यहां ले आओ. इस आकाशवाणी के बाद  वासुदेव की हथकड़ियां खुल गई. कारागृह के सभी द्वार खुल गए. पहरेदार गहरी नींद में सो गए. 

जन्माष्टमी पर कृष्ण की ये स्तुति पढ़ पूरी करें पूजा

श्री कृष्ण चन्द्र कृपालु भजमन, नन्द नन्दन सुन्दरम्।


अशरण शरण भव भय हरण, आनन्द घन राधा वरम्॥


सिर मोर मुकुट विचित्र मणिमय, मकर कुण्डल धारिणम्।


मुख चन्द्र द्विति नख चन्द्र द्विति, पुष्पित निकुंजविहारिणम्॥


मुस्कान मुनि मन मोहिनी, चितवन चपल वपु नटवरम्।


वन माल ललित कपोल मृदु, अधरन मधुर मुरली धरम्॥


वृषुभान नंदिनी वामदिशि, शोभित सुभग सिहासनम्।


ललितादि सखी जिन सेवहि, करि चवर छत्र उपासनम्॥


॥ हरि: ॐ तत् सत् ॥

जानें भगवान श्री कृष्ण ने मथुरा का त्याग क्यों किया?

कंस के वध बाद उसका ससुर जरासंध कृष्ण का कट्टर शत्रु बन गया. कंस के मौत के बाद से ही वो कृष्ण से बदला लेकर मथुरा को हथियाना चाहता था. पुराणों के अनुसार जरासंध ने मथुरा पर 18 बार मथुरा पर चढ़ाई की जिसमें वह 17 बार असफल रहा. अंतिम बार आक्रमण के लिए जरासंध ने एक विदेशी शक्तिशाली शासक कालयवन को भी अपने साथ ले लिया. बार-बार की इस युद्ध से मथुरा की आम जनता भी त्रस्त हो गई थी. अंत में कृष्ण ने सभी निवासियों के साथ मिलकर मथुरा को छोड़ने का फैसला किया. पूरे मथुरावासियों के साथ कृष्ण गुजरात के तट पर बसी कुशस्थली आ गए. 

जब श्रीकृष्ण की माया से सब कुछ भूल गए वासुदेव-देवकी

श्रीकृष्ण ने जन्म से पहले वासुदेव-देवकी को चतुर्भुज रूप में दर्शन दिया था. अवतार लेते ही उन्होंने अपने माता पिता की यादों को भुला दिया. वासुदेव और देवकी को यह याद नहीं रहा कि भगवान ने उन्हें चतुर्भुज रूप में दर्शन दिया है और श्रीकृष्ण भगवान के अवतार हैं. उन्होंने अपनी माया से वासुदेवजी को अर्धचेतन अवस्था में कर दिया. इसलिए उन्हें कुछ भी स्मरण नहीं रहा कि वो बाल श्रीकृष्ण को नंदराय के पास छोड़ कर आए हैं.

भगवान विष्णु का आठवां अवतार हैं श्री कृष्ण

श्री कृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना गया है. उनकी लीलाओं की वजह से ही भगवान श्री कृष्ण को कई नामों से जाना जाता है. उन्हें कान्हा, लड्डू गोपाल, बंशीधर, नंदलाला और देवकीनंदन जैसे कई नामों से पुकारा जाता है.

जन्माष्टमी 19 अगस्त 2022 मुहूर्त

देश-विदेश में आज कान्हा का 5249वां जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. जन्माष्टमी पर कान्हा का पूजन इस शुभ मुहूर्त में करें


कान्हा की पूजा का मुहूर्त - 19 अगस्त 2022, रात 12.05 - रात 12:45


 

श्री कृष्ण की इन बातों में छिपा है सफलता का राज

  • हमें किसी भी परिस्थिति से घबराना नहीं चाहिए बल्कि डटकर हर चुनौती का सामना करना चाहिए.

  • चाहे आप कितनी भी विकट परिस्थिति में क्यों ना हों, यदि आपके अंदर क्षमता है तो आप एक न एक दिन सबकी नजरों में आ ही जाएंगे.

  • अमीर हो या गरीब, सभी को समान मानें. जिस प्रकार भगवान श्री कृष्ण ने कभी किसी सखा या सखी में भेदभाव नहीं किया, उसी प्रकार हमें भी जीवन में समभाव रखना चाहिए. 

  • हमें कभी भी अन्याय को सहन नहीं करना चाहिए, इसलिए भगवान श्री कृष्ण ने देवराज इंद्र का अहंकार चूर चूर किया.

  • किसी को दिए हुए वचन का मान रखना चाहिए और जिस प्रकार भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी को दिया वचन निभाया, उसी प्रकार हमें भी अपने जीवन में अपने वचनों का पालन करना चाहिए. 

जन्माष्टमी पर आज 3 राशि वाले रहे सावधान

मेष राशि- आपकी राशि में आज पाप ग्रह राहु गाोचर कर रहा है. इस दौरान आपको अपने गुस्से पर काबू रखना होगा. रोग आदि परेशान कर सकते हैं. यात्रा भी करनी पड़ सकती है. संतान की चिंता सता सकती है. प्रेम संबंधों में दिक्कत आ सकती है.


कर्क राशि- कर्क राशि वाले अपनी भावनाओं को कंट्रोल में रखें. नहीं तो नुकसान उठाना पड़ सकता है. धन का व्यय होगा. धन में कमी आ सकती है. अपने पार्टनर को ध्यान रखें. धोखा न दें. 


धनु राशि- धन का निवेश सोच समझ कर करें. जल्दबाजी में उठाए गए कदम से हानि हो सकती है. लव रिलेशनशिप में अड़चन आ सकती है. शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों को लक्ष्य को पाने में मुश्किल आएगी. 

श्रीकृष्ण को उपहार में किसने दिए थे ये उपहार ?

वैजयंती माला - भगवान श्रीकृष्ण को वैजयंती माला और मोरपंख बेहद प्रिय है. क्योंकि ये उनकी प्रियसी राधा रानी ने उन्हें भेंट किए थे. ये राधा और कान्हा के प्रेम का प्रतीक हैं.


शंख - श्रीकृष्ण ने अपनी शिक्षा उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में ग्रहण की थी. यहां उनके गुरु के पुत्र को शंखासुर नामक दैत्य उठाकर ले गया था. दैत्य नगरी में शंखासुर ने एक शंख में छिपा था. श्रीकृष्ण ने उसका वध कर शंख अपने पास रख लिया. श्रीकृष्ण ने गुरु को पुत्र लौटाया, साथ ही शंख भी उनके समक्ष प्रस्तुत किया. गुरु ने पुन: शंख( पांचजन्य) देते हुआ कहा कि अब ये तुम्हारा है.

कैसे खोलें जन्माष्टमी व्रत ?

जन्माष्टमी पर कई लोग निराहार व्रत रखते हैं, इसलिए व्रत का पारण कान्हा को भोग में अर्पित की पंजीरी और माखन से करें. शास्त्रों के अनुसार बाल गोपाल के प्रसाद से व्रत का पारण करने पर कान्हा की पूजा पूर्ण मानी जाती है. ये स्वास्थ के लिहाज से भी ठीक है.

गीता का ये श्लोक सफलता का है अचूक मंत्र

क्रोधाद्भवति संमोह: संमोहात्स्मृतिविभ्रम:।
स्मृतिभ्रंशाद्बुद्धिनाशो बुद्धिनाशात्प्रणश्यति॥


अर्थ - गुस्सा मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है. क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि का नाश हो जाता है. व्यक्ति सही गलत की पहचान नहीं कर पाता. क्रोध सफलता के मार्ग में सबसे बड़ा रोड़ा है, इसलिए अपने गुस्से पर काबू करना सीखें तभी कामयाबी हासिल कर पाएंगे

जन्माष्टमी व्रत कब- कैसे खोलें, जानें व्रत का पारण समय

19 अगस्त को जन्माष्टमी व्रत रखने वाले 20 अगस्त को शुभ मुहूर्त में व्रत खोलें. जन्माष्टमी व्रत का पारण अष्टमी तिथि के समापन के बाद किया जाता है, हालांकि कुछ जगह रात्रि में बाल गोपाल की पूजा करके व्रत का पारण कर लेते हैं. आपकी मान्यता अनुसार व्रत का पारण करें.


व्रत पारण समय- 19 अगस्त, रात्रि 10 बजकर 59 मिनट के  बाद


व्रत पारण समय - 20 अगस्त को प्रातः 05:45 बजे के बाद

Janmashtami 2022: जन्माष्टमी पर राशि के अनुसार करें इन चीजों का दान

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन राशि के अनुसार दान करना बहुत शुभ माना जाता है.


मेष- मेष राशि वालों को जन्माष्टमी के दिन गेहूं का दान करना चाहिए. इससे जीवन में चल रही तमाम कष्टों से मुक्ति मिलती है.


वृषभ- वृष राशि के लोगों को जन्माष्टमी के दिन चीनी का दान करना चाहिए. इससे दांपत्य जीवन में मिठास बनी रहती है.


मिथुन- इस राशि के जातकों को कृष्ण जन्मोत्सव पर गरीबों में अन्न का दान करना लाभकारी माना गया है. 


कर्क- कर्क राशि के जातकों को जन्माष्टमी के दिन चावल का दान करना चाहिए. इससे उनके जीवन में हमेशा खुशहाली बनी रहेगी.


सिंह- सिंह राशि वालों के लिए गुड़ का दान करना शुभ माना गया है. इन लोगों को जन्माष्टमी के दिन श्री आदित्यहृदय स्रोत का पाठ 3 बार करना चाहिए.


कन्या- कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर कन्या राशि के जातकों को जरूरतमंद लोगों को अन्न का दान करना चाहिए. इससे आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है.


तुला- तुला राशि वालों को इस दिन गरीबों में वस्त्रों का दान करना चाहिए. साथ ही उन्हें जन्माष्टमी का प्रसाद भी बांटें. इससे आपकी खूब तरक्की होगी.


वृश्चिक- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्माष्टमी के दिन वृश्चिक राशि वालों के लिए गेहूं का दान करना चाहिए. इससे घर की आर्थिक स्थिति अच्छी होती है.


धनु- जन्माष्टमी के दिन धनु राशि वालों को धार्मिक पुस्तकों का दान करना चाहिए. इससे कृष्ण भगवान की कृपा आप पर बनी रहेगी.


मकर- इस राशि के जातकों जन्माष्टमी के दिन तिल का दान करना चाहिए. इससे जीवन में खुशियों का आगमन होगा.


कुंभ- कुंभ राशि के जातकों को इस दिन गीता का पाठ करना चाहिए. इससे जीवन में सुख-समृद्धि आएगी.


मीन- मीन राशि वालों के लिए भगवान कृष्ण को मोर पंख और बांसुरी अर्पित करना बहुत शुभ रहेगा. 

Janmashtami 2022: जानें किसने किया था भगवान श्रीकृष्ण का नामकरण

कृष्ण ने माता देवकी के गर्भ से जन्म लिया था लेकिन उनका लालन-पालन यशोदा मां ने किया था. ऋषि गर्ग यदुवंश के कुलगुरु थे. श्रीमदभागवत पुराण के वर्णन अनुसार उन्होंने ने ही कृष्ण भगवान का नामकरण किया था. कहा जाता है कि नामकरण से पहले बाल-गोपाल की मनमोहक छवि को देखकर ऋषि गर्ग अपनी सुधबुध खो बैठे थे.

Janmashtami 2022: तुलसी के बिना अधूरी है कृष्ण पूजा

भगवान श्री कृष्ण को तुलसी बहुत प्रिय है. जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा में तुलसी का विशेष महत्व होता है. आज के दिन जो भी प्रसाद बनाएं उसमें तुलसीदल जरूर चढ़ाएं. मान्यता है कि जन्माष्टमी की पूजा में तुलसी दल चढ़ाने से कृष्ण भगवान शीघ्र प्रसन्न होते हैं.

श्रीकृष्ण को पसंद हैं ये फूल

भगवान श्रीकृष्ण को हरसिंगार,  कुमुद, करवरी, मालती, वनमाला और पलाश के फूल बहुत पसंद हैं. कृष्ण के श्रृंगार और पूजन में इन फूलों का इस्तेमाल करना बहुत शुभ माना जाता है. पूजन में इनके प्रयोग से भक्तों पर श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहती है.

Janmashtami 2022: जन्माष्टमी के दिन क्या नहीं खाना चाहिए

जन्माष्टमी का पर्व बेहद पवित्र पर्व है. इस दिन मांस मदिरा का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए. इस दिन तामसिक चीजों का सेवन न करें.

Janmashtami 2022 Live: घर में जन्माष्टमी कैसे बनाएं

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व घरों में भी मनाने की परंपरा है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं से जुड़ी झांकियां सजाई जाती है. पूजा अर्चना की जाती है. एक तरह से भगवान श्रीकृष्ण के जन्म को उत्सव के रूप में मनाया जाता है. 

Janmashtami 2022 Live: देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी आज

देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम देखने को मिल रही है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर जन्मस्थान मथुरा पर सुरक्षा व्यवस्था काफी सख्त कर दी गई है.

जन्माष्टमी पर ऐसे करें कान्हा जी को प्रसन्न

जन्माष्टमी के दिन कान्हा को पीले चंदन या फिर केसर का तिलक लगाएं. श्रृंगार में मोर के मुकुट और बांसुरी का इस्तेमाल जरूर करें. इसके बाद उन्हें पुष्प, फल, पंजीरी,चरणामृत अर्पित करें और प्रसाद में तुलसी दल चढ़ाएं.

कान्हा को प्रिय हैं ये 5 चीजें

बाल-गोपाल को 5 चीजें बेहद पसंद हैं और जन्माष्टमी के दिन इनमें से एक भी लाने से घर में सुख-शांति आती है. ये 5 चीजें हैं बांसुरी, शंख, गाय-बछड़ा, वैजयंती माला और मोरपंख. मान्यता है कि ये 5 चीजें घर की समृद्धि बढ़ाती हैं.

जन्माष्टमी में श्रीकृष्ण का महामंत्र दिलाएगा लाभ

जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण के महामंत्र से विशेष लाभ मिल सकता है. इसके जाप से भगवान श्रीकृष्ण की अपार कृपा प्राप्त होगी. सभी मंत्रों में यह महामंत्र सरल और सबसे प्रभावी है. 


मंत्र: सच्चिदानंदरूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे। तापत्रयविनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नुम:।।

धन लाभ के लिए जन्माष्टमी पर करें ये उपाय

आज एक पान का पत्ता श्रीकृष्ण को अर्पित करें. इसके बाद इस पत्ते पर रोली से श्री यंत्र लिखें और तिजोरी या फिर धन के स्थान पर रख दें. नौकरी में पदोन्नति और आमदनी में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ति के लिए जन्माष्टमी पर 7 कन्याओं को खीर या सफेद मिठाएं बांटे. ये उपाय जन्माष्टमी के बाद लगातार पांच शुक्रवार तक करें.

जन्माष्टमी पर ऐसे सजाएं पूजा की थाली

जन्माष्टमी की पूजा थाली को चावल, मोतियों और फूल से सजा सकती हैं. इस पर कान्हा की पसंद की चीजें जैसे मोर पंख, बासुरी, उनका मनचाहा भोग, फूल और पूजा की सामग्री रखें. इसके बार पूरी श्रद्धा के साथ कृष्ण भगवान का पूजन करें.

जन्माष्टमी पर अपनी राशि के अनुसार करें ये उपाय, हर मनोकामना होगी पूरी

मेष- मेष राशि के जातकों को सुख समृद्धि के लिए जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की लाल चंदन से पूजा करनी चाहिए.


वृषभ- इस राशि के जातको कों भगवान श्री कृष्ण को गोपी चंदन लगाना चाहिए. इससे संतान से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं.


मिथुन- मिथुन राशि के जातकों को अपनी आर्थिक समस्या दूर करने के लिए भगवान श्री कृष्ण पर तुलसी जल और मंजरी चढ़ानी चाहिए.


कर्क- भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए कर्क राशि के जातकों को गाय के कच्चे दूध से उनका अभिषेक करना चाहिए.


सिंह- सिंह राशि के जातकों को भगवान श्री कृष्ण को धातु की बांसुरी चढ़ानी चाहिए. इससे सारी नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है.


कन्या- कन्या राशि वालों को कृष्ण जन्मोत्सव के पूजन के समय पंजीरी का भोग लगाना चाहिए. इससे धन से जुड़ी दिक्कतें दूर होंगी.


तुला - इस राशि के जातकों को पूजा के बाद बाल-गोपाल को माखन मिश्री चढ़ाना चाहिए.इससे आपको व्यापार में सफलता मिलेगी.


वृश्चिक- वृश्चिक राशि वालों को भगवान शहद से श्री कृष्ण का अभिषेक करना चाहिए. इससे घर में सुख-शांति आती है.


धनु - इस राशि के जातक भगवान श्री कृष्ण को पूजा में पीले फूल और पीताम्बर चढ़ाएं. इससे कृष्ण भगवान प्रसन्न होंगे.


मकर- मकर राशि वाले जातक भगवान श्री कृष्ण को मोर के पंख चढ़ाएं. इससे आप पर उनकी कृपा बनी रहेगी.


कुंभ - इस राशि के जातक गंगा जल से भगवान श्री कृष्ण का अभिषेक करें. इससे  आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी.


मीन - मीन राशि के जातकों को भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक पीली गाय के दूध से करना चाहिए. इससे घर में सुख-समृद्धि आएगी.


 

कैसे कराएं खीरे से बाल गोपाल का जन्म ?

जन्माष्टमी के दिन रात के 12:00 बजे श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. इस दिन डंठल और हल्की सी पत्तियों वाले खीरे को कान्हा की पूजा में उपयोग करें. रात के 12 बजते ही खीरे के डंठल को किसी सिक्के से काटकर कान्हा का जन्म कराएं. इसके बाद शंक बजाकर बाल गोपाल के आने की खुशियां मनाएं और फिर विधिवत बांके बिहारी की पूजा करें.

खीरे के बिना क्यों अधूरा है कृष्ण जन्मोत्सव ?

जन्म के समय जिस तरह बच्चे को गर्भनाल काटकर गर्भाशय से अलग किया जाता है, ठीक उसी प्रकार जन्मोत्सव के समय खीरे की डंठल को काटकर कान्हा का जन्म कराने की परंपरा है. जन्माष्टमी पर खीरा की डंठल काटने का मतलब है बाल गोपाल को मां देवकी के गर्भ से अलग करना. खीरे से डंठल को काटने की प्रक्रिया को नाल छेदन कहा जाता है.

श्रीकृष्ण इन 16 कलाओं में थे माहिर

  1. श्रीधन संपदा- प्रथम कला के रूप में धन संपदा है.

  2. भू-अचल संपत्ति- भू- अचल संपत्ति को स्थान दिया गया है.

  3. कीर्ति-यश प्रसिद्धि- तीसरी कला के रूप में कीर्ति-यश प्रसिद्धि.

  4. इला-वाणी की सम्मोहकता- चौथी कला इला-वाणी की सम्मोहकता है.

  5. लीला- आनंद उत्सव पांचवीं कला का नाम है लीला, यह आनंद भी है.

  6. कांति- सौदर्य और आभा: जो मुखमंडल बार-बार निहारने का मन करता है. वह छठी कला से संपन्न माना जाता है.

  7. विद्या- मेधा बुद्धि: सातवीं कला का नाम विद्या है. इससे परिपूर्ण व्यक्ति सफलता में आगे रहता है.

  8. विमला- पारदर्शिता: जिसके मन में छल-कपट नहीं हो, वह आठवीं कला युक्त माना जाता है.

  9. नौवीं कला-  के रूप में प्रेरणा को स्थान दिया गया है.

  10. ज्ञान- नीर क्षीर विवेक: श्रीकृष्ण ने कई बार विवेक का परिचय देकर समाज को नई दिशा दी.

  11. क्रिया- कर्मण्यता-  ग्यारहवीं कला के रूप में क्रिया रखी गई है.

  12. योग- चित्तलय: बारहवीं कला के रूप में योग को रखा गया है.

  13. प्रहवि- अत्यंतिक विनय: तेरहवीं कला का नाम प्रहवि है.

  14. सत्य- यर्थार्थ: श्री कृष्णजी की चौदहवीं कला सत्य है.

  15. इसना- आधिपत्य: नंदलाल की पंद्रहवीं कला का नाम इसना है.

  16. अनुग्रह- सोलवीं कला के रूप मे श्रीकृष्णजी को अनुग्रह मिला है.

श्रीकृष्ण की जन्म कुंडली में था ये खास योग

माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादो कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि को हुआ था, उस समय रात्रि के 12 बज रहे थे. भगवान श्रीकृष्ण की कुंडली वृषभ लग्न की है, लग्न में उच्च का चंद्रमा था. ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को 16 कलाओं का स्वामी माना गया है. चंद्रमा की उच्च स्थिति के कारण ही भगवान श्रीकृष्ण 16 कलाओं के माहिर थे.

जन्माष्टमी 19 अगस्त 2022 शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त - 04.32 AM - 05.16 AM


अभिजित मुहूर्त - 12.04 PM - 12.56 PM


गोधूलि मुहूर्त - 06.47 PM - 07.11 PM

जन्माष्टमी के 4 अचूक उपाय

  • जन्माष्टमी पर रात में 12 बजे शंख में दूध, दही, घी, शहद, डालकर कान्हा का अभिषेक करने से मनचाहा फल प्राप्त होता है.

  • जन्माष्टमी पर जरुरतमंदों को अनाज और फल दान करना शुभ माना जाता है. इससे वास्तु दोष दूर होते हैं.

  • कान्हा के जन्म पर उन्हें मोरपंख जरूर अर्पित करें. कहते हैं कि मोरपंख राधा-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक है. घर में गोपाला की पूजा में मोरपंख का प्रयोग करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. रिश्तों में मिठास बनी रहती है.

  • इस दिन गिरधर गोपाल के साथ गाय-बछड़े की प्रतिमा की भी पूजा करें. मान्यता है इससे संतान सुख प्राप्त होता है. गाय और कान्हा का गहरा संबंध है. श्रीकृष्ण की भक्ति तभी सफल होती है जब गौ माता की सेवा की जाए.

जन्माष्टमी पर मोरपंख से ऐसे दूर करें वास्तु दोष

वास्तु में मोर पंख को सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है. वास्तु के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी के दिन घर में मोर पंख लाने से ना सिर्फ सकारात्मक ऊर्जा आती है, बल्कि घर से वास्तु दोष भी खत्म होता है. घर में मोर पंख रखना बहुत शुभ माना जाता है. वास्तु के मुताबिक घर के मुख्य द्वार पर मोर पंख लगाने से उस घर को बुरी नजर नहीं लगती है. इसके प्रभाव से परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है. 

दही हांडी पर्व और कान्हा का क्या है संबंध ?

  • दही हांडी पर्व को मनाने का उद्देश्य कान्हा की बाल लीलाओं को दर्शाना है. बाल गोपाल को माखन और दही बहुत प्रिय था.

  • नटखटा कान्हा अक्सर अपने सखाओं के साथ गोपियों के घर से माखन चुराया करते थे. लड्‌डू गोपाल की शरारत से तंग आकर गोपियां माखन, दही और घी को रस्सी से ऊंचाई पर टांग दिया करती थी लेकिन कान्हा की चतुराई के आगे सबकी योजना फेल हो जाती थी.

  • कृष्ण जी अपनी टोली संग पिरामिड बनाकर माखन चुरा लिया करते थे. तभी से दही हांडी की परंपरा निभाई जाती है. मान्यता है कि दही हांडी का उत्सव मनाने से घर में सुख-समृद्धि आती है. साथ ही कृष्ण की विशेष कृपा से आसपास का वातावरण भी खुशहाल हो जाता है.

श्रीकृष्ण का श्रृंगार इन 5 चीजों के बिना है अधूरा

  • पीले वस्त्र - जन्माष्टमी पर कान्हा के आगमन पर उनका अभिषेक कर पीले वस्त्र पहनाएं. रंग बिरंगे वस्त्रों से कान्हा प्रसन्न होते हैं. पीतांबर कृष्ण को बेहद प्रिय है.

  • वैजयंती माला - जन्माष्टमी पर लड्‌डू गोपाल के श्रृंगार में कान के कुंडल बाजूबंध, कमरबंध, हाथ के कड़े, पायल  के साथ वैजयंती माला उन्हें जरूर पहनाएं. 

  • मोरपंख - मोरपंख के बिन कृष्ण की कल्पना नहीं की सकती. मान्यता है कि मोरपंख राधा-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक है इसलिए कान्हा हमेशा इसे अपने सिर पर सजाते हैं.

  • चंदन - सुगंधित चंदन की खुशबू बाल गोपाल को बहुत पसंद है. चंदन विभिन्न प्रकार के होते हैं. सफेद चंदन, हरि चंदन, गोमती चंदन आदि. कान्हा का गोपी चंदन से श्रृंगार उत्तम माना जाता है.

  • बांसुरी - बांसुरी के बिना कान्हा अधूरे माने जाते हैं.मान्यता है कि मुरली में कृष्ण का वास होता है. जन्माष्टमी पर चांदी या कोई भी छोटी सी बांसुरी कान्हा के हाथ में जरूर रखें.

बाल गोपाल की पूजा के कुछ नियम

स्नान- घर में बाल गोपाल की मूर्ति है तो प्रतिदिन इन्हें स्नान करना चाहिए. शंख में स्वच्छ जल भरकर कान्हा का स्नान करना उत्तम होता है. अब कृष्ण जी के स्नान के पानी को तुलसी के गमले में डाल दें.


नए वस्त्र -  स्नान के बाद कान्हा को साफ वस्त्र पहनाएं. ध्यान रखें कि श्रीकृष्ण को एक बार जो कपड़े पहना चुके हैं उन्हें दोबारा बिना धोए उपयोग में न लें. चंदन, आभूषण, से उनका श्रृंगार करें. श्रृंगार के बिना श्रीकृष्ण की पूजा अधूरी मानी जाती है.


भोग - धर्म ग्रंथों के अनुसार कान्हा को दिन में चार बार भोग लगाना चाहिए. माखन, दही, मिश्री, खीर का भोग लगा सकते हैं.


अकेला न छोड़ें - एक बार घर में कान्हा को स्थिपित करने के बाद उन्हें कभी अकेला न छोड़े. लंबे समय के लिए कहीं बाहर जा रहे हों तो श्रीकृष्ण को भी साथ ले जाएं. प्राण प्रतिष्ठा के बाद कान्हा की रोजाना पूजा करना बहुत जरूरी है.

जन्माष्टमी पर चकेगी इन राशियों की किस्मत

  • मिथुन राशि : जन्माष्टमी का दिन इन राशि के जातकों के लिए शुभ होगा. भगवान कृष्ण की कृपा से इनका काफी दिनों से अटका काम होना शुरू हो जाएगा. मन शांत रहेगा. सभी कार्यों में सफलता मिलेगी. धन लाभ के योग बनें हैं.

  • कन्या राशि : इन जातकों को धन प्राप्ति के योग बने हैं. पढ़ाई कर रहे छात्रों को अच्छा मार्गदर्शन मिलेगा. जो बहुत ही उपयोगी होगा. नौकरी और व्यापार में लाभ होगा.

  • वृश्चिक राशि : कार्यक्षेत्र में सुधार होगा. दोस्तों के साथ पार्टी कर सकते हैं. आर्थिक क्षेत्र मजबूत होगा.

कृष्ण जन्माष्टमी पर भूलकर भी न करें ये काम

  • कृष्ण जन्माष्टमी पर किसी का भी अपमान न करें और न ही मन में किसी तरह का बुरा विचार लाएं. किसी को भला-बुरा न कहें.

  • जन्माष्टमी के दिन काले रंग के कपड़े न पहनें.

  • व्रती को रात 12 बजे तक व्रत का पालन करते हुए अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए.

  • जन्माष्टमी पर गायों की पूजा और सेवा जरूर करनी चाहिए.

जन्माष्टमी के 5 लाभकारी मंत्र 

  • कृं कष्णाय नम:

  • ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा 

  • गोकुल नाथाय नम:

  • ऊं क्लीम कृष्णाय नमः

  • ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात 

  • ऊं कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।। प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:।।

जन्माष्टमी पर राशि अनुसार करें उपाय

  • मेष- मेष राशि के जातकों को सुख समृद्धि के लिए जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की लाल चंदन से पूजा करनी चाहिए.

  • वृषभ- इस राशि के जातको कों भगवान श्री कृष्ण को गोपी चंदन लगाना चाहिए. इससे संतान से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं.

  • मिथुन- मिथुन राशि के जातकों को अपनी आर्थिक समस्या दूर करने के लिए भगवान श्री कृष्ण पर तुलसी जल और मंजरी चढ़ानी चाहिए.

  • कर्क- भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए कर्क राशि के जातकों को गाय के कच्चे दूध से उनका अभिषेक करना चाहिए.

  • सिंह- सिंह राशि के जातकों को भगवान श्री कृष्ण को धातु की बांसुरी चढ़ानी चाहिए. इससे सारी नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है.

जन्माष्टमी पर आज रात इस विधि से करें कृष्ण चालीसा पाठ

  • जन्माष्टमी के दिन रात 12 बजे खीरा काटकर कान्हा का जन्म कराएं.

  • बाल गोपाल को माखन-मिश्री का भोग अर्पित करें. इस दिन घर में छोटे बच्चों को कृष्ण चालीसा का पाठ जरुर करना चाहिए. मान्यता है कि इससे उनके बुद्धि का विकास होता है. ज्ञान की प्राप्ति होती है.

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन कृष्ण चालीसा का पाठ करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. कष्टों का नाश होता है, मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है. 

दही हांडी उत्सव कब है ?

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन दही हांडी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है, चूँकि इस बार 18 और 19 अगस्त दोनों दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा. ऐसे में दही हांडी का उत्सव 20 अगस्त दिन शनिवार को होगा. इस उत्सव का संबंध भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से होता है. तो लोग उसी लीलाओं के अनुरूप कृत्य करते हैं. 

घर पर कान्हा की झांकी को ऐसे करें तैयार 

  • श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन घर पर कान्हा के बाल स्वरूप की मूर्ति और उनके लिए नए वस्त्र लाएं और उन्हें उचित समय पर पहनाएं.

  • कान्हा जी के लिए मोरमुकुट, मोरपंख, आभूषण, उनकी प्रिय बांसुरी और माला जरूर लाएं.

  • जन्माष्टमी पूजा के दौरान कान्हा की पूजा और आरती जरूर उतारें और माथे पर टीका लगाएं.

  • जन्माष्टमी पर बाल गोपाल के लिए झूले लाएं और उन्हें झूला झूलाएं.

19 को जन्माष्टमी पर बन रहें ये 8 शुभ योग

भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की उदया तिथि 19 अगस्त को है. ऐसे में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव 19 अगस्त को मनाना बेहद शुभ और अच्छा रहेगा. पंचांग के मुताबिक, इस जन्माष्टमी पर 8 तरह का शुभ योग भी बन रहा है. ये 8 शुभ योग -महालक्ष्मी, बुधादित्य, ध्रुव, छत्र, कुलदीपक, भारती, हर्ष और सत्कीर्ति योग हैं, जो कि पूजा की दृष्टि से शुभ फलदायी होते हैं.  

5249वां कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा

पंचांगों के आधार पर कहा जा रहा है  कि भगवान श्रीकृष्ण के जन्म को 5248 वर्ष हो गए हैं. इस साल भगवान श्री कृष्ण का 5249वां जन्मोत्सव है. धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, द्वापर युग में मथुरा पुरी में भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को मध्य रात 12:00 बजे भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था.

जन्माष्टमी 2022 सिंह राशि के लिए है बेहद शुभ

सिंह राशि : जन्माष्टमी का दिन आप के लिए खुशियों से भरा रहेगा. कार्य स्थल/ऑफिस में सभी का सहयोग मिलेगा. अचानक धन लाभ हो सकता है या धन लाभ के लिए कोई नया स्रोत मिल सकता है. इससे आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी. मेहनत का फल मिलेगा. शाम तक कोई गुड न्यूज मिलेगी.

द्वारिकाधीश मंदिर कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी?

हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि 12 बजे हुआ था. इसलिए कुछ लोगों का मानना है कि जन्माष्टमी तिथि 18 अगस्त को मनाई जाएगी. वहीं कुछ ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि  भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रात्रि 12 बजे हुआ था और 19 अगस्त को पूरे दिन अष्टमी तिथि रहेगी. इसके अलावा 19 को सूर्योदय भी होगा. इसलिए जन्माष्टमी 19 अगस्त को मनाई जानी चाहिए. मथुरा, वृन्दावन, द्वारिकाधीश मंदिर और बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी 19 अगस्त को मनाई जाएगी.

जन्माष्टमी 2022 का दिन इन राशियों के लिए है बेहद शुभ

वृषभ राशि / वृष राशि : आज का दिन आपके लिए बेहद शुभ होगा. किसी खास काम में आपको फायदा होगा. परिवार के साथ संबंध बेहतर रहेगा. व्यापार बेहतर होगा. सामाजिक कामों में सफलता मिलेगी. नया काम मिल सकता है. घर परिवार का माहौल उत्तम होगा. शाम तक कोई शुभ समाचार मिल सकता है. दोस्तों की मदद मिलेगी.

जन्माष्टमी पर न करें ये काम

  • श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत के दिन तुलसी के पते न तोड़ें.

  • जन्माष्टमी व्रत के दिन व्रत नहीं भी रख रहें है तो भी चावल नहीं खाना चाहिए.

  • श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भोजन में लहसुन, प्याज का सेवन नहीं करनी चाहिए. इस दिन भूलकर भी मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.

  • जन्माष्टमी के दिन गाय एवं बछड़े को भूलकर भी न परेशान करें नहीं तो भगवान श्री कृष्ण नाराज हो जायेंगे.

जन्माष्मटी 2022 व्रत 18 अगस्त शुभ मुहूर्त (Janmashtami 2022 Muhurat)

  • भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि प्रारंभ: 18 अगस्त 2022 गुरुवार की रात 09:21 से शुरू

  • भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि समापन : 19 अगस्त 2022 शुक्रवार की रात50 पर होगा.

  • जन्माष्टमी व्रत पूजा के लिए  शुभ मुहूर्त : 18 अगस्त रात्रि 12:20 से 01:05 तक रहेगा

  • जन्माष्टमी व्रत पूजा अवधि: 45 मिनट

मथुरा में कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी?

वैसे तो पूरे देश में जन्माष्टमी का पर्व हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. परंतु इस बार अष्टमी तिथि दो दिन है. ऐसे में जन्माष्टमी का व्रत 18 और 19 अगस्त को मनाया जाएगा. मथुरा वृन्दावन और बांके बिहारी के मंदिर में जन्माष्टमी का महोत्सव 19 अगस्त को रखा गया है. पंचांग के मुताबिक, अष्टमी तिथि 18 अगस्त को शाम 09 बजकर 21 मिनट से आरंभ हो जाएगी जो 19 अगस्त को रात के 10 बजकर 59 मिनट पर खत्म होगी.

जन्माष्टमी 2022 विशेष मुहूर्त और राहुकाल

  • अभिजीत मुहूर्त: 12: 05 मिनट से 12:56 मिनट तक

  • वृद्धि योग: 17 अगस्त, बुधवार, दोपहर 8: 56 मिनट से 18 अगस्त, गुरुवार, रात्रि 8: 41 मिनट पर

  • राहुकाल का समय: 18 अगस्त, गुरुवार दोपहर 02: 06 मिनट से 03: 42 मिनट तक होगा. राहुकाल में पूजा करना वर्जित होता है.

कैसे मनाएं श्री कृष्ण जन्माष्टमी?

भक्त जन्माष्टमी के दिन उपवास रखते हैं. व्रत के दौरान फलाहार किया जा सकता है. रात में 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. मान्यताओं के अनुसार बाल गोपाल का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था. इसलिए जन्माष्टमी की मध्यरात्रि को घर में मौजूद लड्डू गोपाल की प्रतिमा का जन्म कराया जाता है. फिर उन्हें गंगा जल से स्नान कराया जाता है. इसके बाद उन्हें सुंदर वस्त्र पहनाते हैं. अब फूल माला अर्पित कर धूप-दीप जलते हैं और उनका नमन वंदन करते हैं. उन्हें दूध-दही, मक्खन आदि अर्पित करते हैं. पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद वितरित करते हैं.

जन्माष्टमी 2022 शुभ मुहूर्त (Janmashtami 2022 Shubh Muhurt)

  • अभिजीत मुहूर्त : आज 18 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक

  • अमृत काल : आज 18 अगस्त को शाम 06 बजकर 28 मिनट से रात 08 बजकर 10 मिनट तक

  • धुव्र योग : आज 18 अगस्त को रात 08 बजकर 41 मिनट से 19 अगस्त रात 08 बजकर 59 मिनट तक

बैकग्राउंड

Janmashtami Highlights:  हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है. जन्माष्टमी का त्योहार पूरे देश में काफी धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद (भादों) माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. भगवान कृष्ण की याद में और उनकी कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए भक्त हर साल भादों कृष्ण अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का त्योहार मनाते हैं. इस साल यह अष्टमी तिथि दो दिन पड़ रही है. पंचांग के अनुसार गुरुवार, 18 अगस्त को रात के 09 बजकर 21 मिनट से अष्टमी तिथि शुरू हो रही है जोकि अगले दिन 19 अगस्त शुक्रवार को रात के 10 बजकर 59 मिनट पर खत्म होगी. ऐसे में इस बार जन्माष्टमी दो दिन -18 अगस्त और 19 अगस्त को मनाई जा रही.  आपको जानकारी के लिए बता दें कि मथुरा और वृन्दावन में जन्माष्टमी का पर्व कल यानी 19 अगस्त को मनाया जाएगा.  


जन्माष्टमी 2022 व्रत पूजा का मुहूर्त


इस साल आज जन्माष्टमी पर रात 12 बजकर 03 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 47 मिनट तक नीशीथ काल रहेगा. यानी भगवान श्री कृष्ण की मध्यरात्रि पूजा के लिए 44 मिनट का शुभ मुहूर्त रहेगा. इस मुहूर्त में भगवान कृष्ण की पूजा करना बेहद शुभ फलदायी होगा. ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि  इस साल जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण की पूजा के लिए 44 मिनट का विशेष मुहूर्त बन रहा है.


जन्माष्टमी 2022 का महत्व


धार्मिक मान्यता है कि जन्माष्टमी के दिन व्रत करने और भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से वे भक्तों की सभी मुरादें पूरी करते हैं. उनकी कृपा से निसंतान दंपत्ति को संतान की प्राप्ति होती है. भक्तों के हर काम सफल होते है. घर परिवार में सुख समृद्धि आती है.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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