Janmashtami 2022 Date, Lord Krishna 108 Names: हिंदी पंचांग के मुताबिक, जन्माष्टमी व्रत हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. इस दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण के सभी नामों का जाप करने से भक्तों की हर कामना पूरी होती. उनके कष्ट मिट जाते हैं. भक्तों के हर सपने पूरे होते हैं. जो दंपत्ति संतान चाहते हैं. उन्हें जन्माष्टमी व्रत के दिन कृष्ण के नामों का जाप करना चाहिए. उत्तम फल मिलता है. आइये जानें भगवान श्री कृष्ण के कितने नाम हैं?
श्री कृष्ण के 108 नाम
- कृष्ण
- वासुदेव
- वसुदेवात्मज
- सनातन
- कमलनाथ
- यशोदावत्सल
- लीलामानुष विग्रह
- सङ्खाम्बुजा युदायुजाय
- पुण्य
- हरि
- चतुर्भुजात्त चक्रासिगदा
- श्रीवत्स कौस्तुभधराय
- देवाकीनन्दन
- श्रीशाय
- पूतना जीवित हर
- यमुनावेगा संहार
- बलभद्र प्रियनुज
- नन्दगोप प्रियात्मज
- नवनीतनटन
- नन्दव्रज जनानन्दिन
- सच्चिदानन्दविग्रह
- नवनीत विलिप्ताङ्ग
- शकटासुर भञ्जन
- मुचुकुन्द प्रसादक
- अनन्त
- त्रिभङ्गी
- मधुराकृत
- शुकवागमृताब्दीन्दवे
- षोडशस्त्री सहस्रेश
- योगीपति
- वत्सवाटि चराय
- गोविन्द
- धेनुकासुरभञ्जनाय
- तृणी-कृत-तृणावर्ताय
- यमलार्जुन भञ्जन
- उत्तलोत्तालभेत्रे
- तमाल श्यामल कृता
- गोप गोपीश्वर
- यदूद्वहाय
- कोटिसूर्य समप्रभा
- इलापति
- गोवर्थनाचलोद्धर्त्रे
- यादवेंद्र
- योगी
- निरञ्जन
- पीतवससे
- पारिजातापहारकाय
- परंज्योतिष
- गोपाल
- सर्वपालकाय
- मथुरानाथ
- वनमालिने
- कामजनक
- कञ्जलोचनाय
- मधुघ्ने
- अजाय
- द्वारकानायक
- बलि
- बृन्दावनान्त सञ्चारिणे
- कुब्जा कृष्णाम्बरधराय
- स्यमन्तकमणेर्हर्त्रे
- नरनारयणात्मकाय
- तुलसीदाम भूषनाय
- मायिने
- परमपुरुष
- मुष्टिकासुर चाणूर मल्लयुद्ध विशारदाय
- संसारवैरी
- कृष्णाव्यसन कर्शक
- मुरारी
- नाराकान्तक
- अनादि ब्रह्मचारिक
- कंसारिर
- शिशुपालशिरश्छेत्त
- दुर्यॊधनकुलान्तकृत
- विश्वरूपप्रदर्शक
- विदुराक्रूर वरद
- सत्यवाचॆ
- सत्य सङ्कल्प
- सत्यभामारता
- जयी
- सुभद्रा पूर्वज
- विष्णु
- भीष्ममुक्ति प्रदायक
- जगद्गुरू
- जगन्नाथ
- वॆणुनाद विशारद
- वृषभासुर विध्वंसि
- बाणासुर करान्तकृत
- युधिष्ठिर प्रतिष्ठात्रे
- बर्हिबर्हावतंसक
- पार्थसारथी
- अव्यक्त
- गीतामृत महोदधी
- कालीयफणिमाणिक्य रञ्जित श्रीपदाम्बुज
- दामॊदर
- परब्रह्म
- दानवॆन्द्र विनाशक
- नारायण
- यज्ञभोक्त
- पुण्य श्लॊक
- जलक्रीडा समासक्त गॊपीवस्त्रापहाराक
- पन्नगाशन वाहन
- सर्वग्रहरुपी
- वॆदवॆद्या
- दयानिधि
- परात्पराय
- तीर्थकरा
- सर्वभूतात्मका
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