Shri Krishna Bal Leela in Hindi: भगवान कृष्ण के जांडीवस के रूप में मनाया जाने वाला पर्व जन्माष्टमी 19 अगस्त को मनाया जाएगा. जन्माष्टमी (Janmashtami) के दिन कान्हा के बालरूप की पूजा की जाती है. भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की मध्यरात्रि के बाद जन्माष्टमी की पूजा की जाती है. भगवान श्रीकृष्ण को कई नामों से जाना जाता है. जैसे कान्हा, बाल गोपाल, कन्हैया, मुरलीधर, नंदलाला, गोपाला आदि. लेकिन उनका एक खास नाम है माखनचोर (MakhanChor). आइए जानते कैसे कान्हा का नाम माखन चोर पड़ा.
ऐसे पड़ा माखन चोर नाम
सुबाहु, सुबल, भाद्र, सुभद्रा, मणिभद्र, भोज, तोककृष्ण, वरुथप, श्रीदामा, सुदामा, मधुकंद, विशाल, रसल, मकरंद, सदानंद, चंद्रहास, बकुल, शरद और बुद्धिप्रकाश भगवान कृष्ण के मित्र थे. पुष्टिमार्ग के अनुसार कृष्ण की बाल और किशोर लीला के आठ साथी टोक, अर्जुन, ऋषभ, सुबल, श्रीदामा, विशाल और भोज थे, लेकिन इनके अलावा मधुमंगल एक ऐसा बाल मित्र था जो गोकुल में रहता था. वह एक बहुत ही गरीब ब्राह्मण पूर्णमासी देवी के पोते और श्रीसंदीपनिजी के पुत्र थे. उनकी खासियत यह थी कि वे बेहद मजाकिया स्वभाव के थे, जिसके कारण उन्हें दोस्तों के बीच 'मसखरा मनसुखा' भी कहा जाता था. बाल कृष्ण जब भी कोई शरारत करते थे तो मनसुखा की राय लेते थे.
परम मित्र के लिए माखन चोर बन गए
गरीबी के कारण मनसुखा को पर्याप्त भोजन नहीं मिला. वह पतला और कमजोर था. एक दिन कृष्ण ने उस पर हाथ रखा और कहा कि मनसुखा, तुम मेरी दोस्त हो या नहीं? मुझे इतना कमजोर दोस्त पसंद नहीं है. तुम मेरी तरह ताकतवर बनो यह सुनकर मनसुखा रोया और कहा कान्हा, 'तुम एक राजा के पुत्र हो. आपको रोज दूध और मक्खन खाने को मिलता है. मैं गरीब हूं, कभी मक्खन नहीं खाया.'
यह सुनकर नंदलाल ने कहा, 'अब मैं तुम्हें रोज मक्खन खिलाऊंगा.' तो मनसुखा ने कहा, अगर तुम रोज मक्खन खिलाओगे, तो तुम्हारी माx को गुस्सा आएगा. तो कन्हैया ने कहा मैं अपने घर का नहीं घर के बाहर से तुम्हें माखन खिलाऊंगा. इस तरह श्रीकृष्ण अपने परम मित्र के लिए माखन चोर बन गए.
ये भी पढ़ें -
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.