Janmashtami 2022 Puja Muhurat Live: बाल कृष्ण ने ऐसे किया पूतना का वध
Janmashtami 2022 Puja Muhurt Live: देश भर में आज जन्माष्टमी की धूम है. श्रीकृष्ण की जन्मनगरी मथुरा में भी जन्माष्टमी आज ही मनाई जा रही है. आइए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त और कृष्ण की पूजन विधि.
आज जन्माष्टमी पर लोग फलाहारी /निराहार व्रत रखते हैं. इसलिए भक्तों को व्रत का पारण कान्हा को भोग में अर्पित की गई पंजीरी और माखन को खाकर करना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार बाल गोपाल के प्रसाद से व्रत का पारण करने पर कान्हा की पूजा पूर्ण मानी जाती है. ये स्वास्थ के लिहाज से भी ठीक है.
कान्हा जी को ये 5 चीजें बेहद पसंद हैं. जन्माष्टमी के दिन इनमें से कोई भी एक चीज घर में लाने से सुख-शांति आती है. मान्यता है कि ये 5 चीजें घर की समृद्धि बढ़ाती हैं. ये 5 चीजें हैं बांसुरी, शंख, गाय-बछड़ा, वैजयंती माला और मोरपंख.
मथुरा और वृदावन के मंदिरों में श्रीकृष्ण भगवान का जन्म हो गया. उनके दर्शन के लिए श्रद्धालु बेकाबू हुए. चारों तरफ श्रद्धालु भगवान कृष्ण के जन्म की ख़ुशी में झूम रहें हैं.
मान्यता है कि, आज जन्माष्टमी पर इन मंत्रों का जाप करने से पूजा सफल होगी और मनचाहा वरदान मिलेगा. हर काम सफल होंगे.
ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात
ॐ कृष्णाय वायुदेवाय हरये परमात्मने
ॐ प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय मनो नम:
ॐ श्रीं नम: श्री कृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा
ॐ गोकुल नाथाय नम:
आज 19 अगस्त को जन्माष्टमी व्रत रखने वाले 20 अगस्त को शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करें. जन्माष्टमी व्रत का पारण अष्टमी तिथि के समापन के बाद किया जाता है, हालांकि कुछ जगह रात्रि में बाल गोपाल की पूजा करके व्रत का पारण कर लेते हैं. आपकी मान्यता अनुसार व्रत का पारण करें.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा और द्वारिकाधीश मंदिर में 12 रात को भगवान श्री कृष्ण जन्मे लेंगे. श्री कृष्ण के दर्शन के लिए सभी भक्त बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
आज जन्माष्टमी पर 8 योग -महालक्ष्मी, बुधादित्य, ध्रुव, छत्र, कुलदीपक, भारती, हर्ष, सत्कीर्ति का राजयोग बना हुआ है. इस योग का विशेष महत्त्व है.
कुलदीपक राजयोग: यह योग बुध, गुरु और मंगल की युति से बना है. यह योग संतान की सफलता के लिए अति लाभदायक माना जाता है. इस लिए इस योग में कान्हा की पूजा जरूर करें .संतान पक्ष की समस्याएं खत्म हो जाएगी.
आज पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है. सभी श्रद्धालु भगवान की पूजा के लिए पूजन सामग्री एकत्रित कर लिए होंगे. ऐसे में सभी श्रद्धालु यह जान लें कि जन्माष्टमी पूजा का समय 10 बजकर 59 मिनट पर ख़त्म हो जाएगा.
मंत्र: 'ऊँ क्लीं कृष्णाय गोपीजन वल्लभाय स्वा:' मंत्र का जाप करें.
आज पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है. सभी श्रद्धालु भगवान की पूजा के लिए पूजन सामग्री एकत्रित कर लिए होंगे. ऐसे में सभी श्रद्धालु यह जान लें कि जन्माष्टमी पूजा का समय 10 बजकर 59मिनट पर ख़त्म हो जाएगा.
ध्रुव योग: पंचांग में इसे शुभ माना गया है. ध्रुव योग नए काम की शुरूआत के लिए बेहद शुभ माना जाता है. ये योग तिथि, वार और नक्षत्र से बनता है.
आज 19 अगस्त को भगवान श्रीकृष्ण का 5249वां जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. इस जन्माष्टमी पर 8 शुभ योग का महासंयोग बना है. ऐसा अवसर कृष्ण जन्माष्टमी के इतिहास में 400 साल बाद आया है. इस लिए यह जन्माष्टमी बेहद खास बन गई है.
इस साल जन्माष्टमी के समय रोहिणी नक्षत्र नहीं रहेगा. पंचांग के अनुसार, 18 और 19 दोनों ही तारीखों को रोहिणी नक्षत्र नहीं बन रहा है. ऐसे में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बिना रोहिणी नक्षत्र के ही मनाया जा रहा है. इस साल रोहिणी नक्षत्र 20 अगस्त 2022 को 1: 53 AM पर शुरू होगा और 21 अगस्त 2022 को 4 :40 AM पर खत्म होगा.
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, जन्माष्टमी के ही दिन भगवान कृष्ण के जन्म काल के समय घर में दक्षिण-पूर्व दिशा में राधा और कृष्ण की तस्वीर रखें और उस पर मोर पंख लगाएं. ऐसा करने से परिवार के सभी लोगों की पैसों की दिक्कतें समाप्त हो जाएंगी.
पौराणिक कथाओं के अनुसार 16 हजार कन्याओं को श्रीकृष्ण ने भूमासुर दैत्य के कारावास से मुक्त करवाया. इन कन्याओं को समाज और परिवार के लोगों नेअपनाने से इनकार कर दिया, तब श्रीकृष्ण ने इन सभी 16 हजार कन्याओं से विवाह किया.
पुराणों के अनुसार, एक बार श्रीकृष्ण अपने मित्रों के साथ गाय चरा रहे थे. तो राक्षस अरिष्टासुर ने बैल का वेश धारण कर कृष्ण को मारने आ गया. भगवान श्री कृष्ण और राक्षस अरिष्टासुर में युद्ध हुआ. इस युद्ध में श्रीकृष्ण ने बैल रूपी अरिष्टासुर का वध कर दिया. तब राधा और गोपियों ने अरिष्टासुर के वध को गौ हत्या मान लिया और कृष्ण से दूरी बना ली थी. कहते हैं राधा से दूर होने पर कृष्ण ने अपनी बांसुरी तोड़ दी थी.
श्रीकृष्ण ने 64 दिन में उज्जैन के सांदीपनि ऋषि के आश्रम में अपनी शिक्षा पूर्ण की थी. धर्म ग्रंथों के अनुसार 16 दिनों में 16 कलाएं, 4 दिनों में 4 वेद, 18 दिनों में 18 पुराण,6 दिनों में 6 शास्त्र और 20 दिनों में गीता का ज्ञान ग्रहण कर लिया था.
बाल गोपाल के जीवित होने की सूचना जब कंस को पता चली तो उसने पूतना नामक राक्षसी को कृष्ण का वध करने के लिए भेजा. पूतना ने भेष बदल लिया और अपने वक्ष पर जहर लगाकर कान्हा को दुग्धपान कराने लगी, लेकिन बाल गोपाल की महीमा इतनी अद्भुत है कि उन्होंने पूतना का असली रूप पहचान लिया. कान्हा ने पूतना के प्राण खींच लिए. बाल गोपाल की इस लीला से कई लोग ब्रज के लोग आचंभित थे.
- लड्डू गोपाल की मूर्ति, सिंहासन, रोली, सिंदूर, सुपारी, पान के पत्ते, फूल माला, कमलगट्टे, पीले वस्त्र, केले के पत्ते
- कुशा और दूर्वा, पंचमेवा, गंगाजल, शहद, शक्कर, तुलसी के पत्ते, शुद्ध घी, दही, दूध, मौसम के अनुसार फल, इत्र, पंचामृत, पुष्प
- कुमकुम, अक्षत, आभूषण, मौली, रुई, तुलसी की माला, खड़ा धनिया, अबीर, गुलाल, अभ्रक, हल्दी, सप्तमृत्तिका, सप्तधान, बाजोट या झूला
- नैवेद्य या मिठाई, छोटी इलायची, लौंग, धूपबत्ती, कपूर, केसर, चंदन, माखन, मिश्री, कलश, दीपक, धूप, नारियल, अभिषेक के लिए तांबे या चांदी का पात्र
- मोरपंख, बांसुरी, गाय की प्रतिमा, वैजयंती माला, लाल कपड़ा, तुलसी के पत्ते, आभूषण, मोट मुकुट, खीरा, गणेशजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र, अम्बिका को अर्पित करने हेतु वस्त्र
श्रीकृष्ण के पास यूं तो कई प्रकार के दिव्यास्त्र थे लेकिन सुदर्शन चक्र मिलने के बाद उनकी साख बढ़ गई थी. पुराणों के अनुसार श्रीकृष्ण को भगवान परशुराम ने सुदर्शन चक्र प्रदान किया था. सुदर्शन चक्र देते समय उन्होंने कृष्ण से अधर्मियों का नाश करने को कहा था.
भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लेने से पहले ही चमत्कार दिखाया था. जन्म से पहले ही वो चतुर्भुज रूप में देवकी और वासुदेव के सामने प्रकट हुए थे. तब उन्होंने देवकी और वासुदेव से कहा था कि मैं आपके पुत्र के रूप में जन्म लेने वाला हूं और मैं ही कंस का वध करुंगा.
जन्माष्टमी का त्योहार इस बार बहुत खास है क्योंकि 400 साल बाद जन्माष्टमी पर 8 शुभ योग का महासंयोग बना है. जन्माष्टमी पर 19 अगस्त को आज महालक्ष्मी, बुधादित्य, ध्रुव, छत्र, कुलदीपक, भारती, हर्ष, सत्कीर्ति का राजयोग बन रहा है. इन योग में कान्हा की पूजा से कई गुना फल मिलेगा
सिंह राशि (Leo)- पैसे को लेकर कुछ परेशानी सामने आ सकती है. खर्चे मुंह बाए खड़े रहेंगे और आपको यह सोचना होगा कि पैसा कहां से लाएं, जिनसे उन खर्चों को पूरा कर सकें, इसलिए बहुत सावधानी से अपने धन का इस्तेमाल करें क्योंकि आज पैसे की कमी हो सकती है और खर्चे करने ही पड़ेंगे.
वृश्चिक राशि (Scorpio)- धन को लेकर आज का दिन थोड़ा सा कमजोर है. इनकम तो अच्छी आएगी लेकिन खर्चा भी होगा, इसलिए दोनों में तालमेल बना रहे, इसके लिए आपको बहुत ज्यादा प्रयास करने होंगे।
मीन राशि (Pisces)- आज धन को लेकर आप थोड़े से निश्चिंत हो सकते हैं क्योंकि आपको लगेगा कि आप एक ऐसी स्थिति में हैं कि जहां पैसों के लिए आपको किसी का मुंह नहीं देखना पड़ेगा और आपकी मेहनत के अनुसार आपके पास पैसे आते रहेंगे, बस आपको अपने सही वित्तीय प्रबंध पर ध्यान देना होगा ताकि अपने खर्चों को नियंत्रण में रख सकें
पंचांग के अनुसार आज रात शुभ योग भी बन रहे हैं. सिंह राशि में सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग बन रहा है. वहीं मकर राशि में शनि, मीन राशि में गुरु का गोचर शुभ योग का निर्माण कर रहा है. ये दोनों ग्रह अपने ही घर में विराजमान रहेगें. इसके साथ ही सूर्य भी सिंह राशि में गोचर कर रहे हैं. जो उनकी अपनी ही राशि है. ज्योतिष गणना के अनुसार आज रात चार ग्रह वक्री रहेगें. शनि, गुरु, राहु और केतु वक्री रहेगें.
बांसुरी - बांसुरी के बिना कान्हा की कल्पना नहीं की जा सकती. बाल गोपाल को बांसुरी किसने दी इसको लेकर कई कथाएं प्रचलित है. पौराणिक कथा के अनुसार बाल गोपाल को भगवान शिव ने बांसुरी भेंट की थी. वहीं कुछ ग्रंथों के अनुसार नंद बाबा ने कृष्ण को उपहार में मुरली दी थी.
सुदर्शन चक्र - धर्म ग्रंथों के अनुसार सुदर्शन चक्र का निर्माण भगवान शिव ने किया था. श्रीकृष्ण को सुदर्शन चक्र भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जी ने दिया था.
मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए जन्माष्टमी के दिन राधा-कृष्ण के मंदिर में लाल गुलाब के फूलों की माला उन्हें अर्पित करें. इसके बाद माखन मिश्री में तुलसी पत्र डालकर भोग लगाएं. मान्यता है कि जन्माष्टमी का ये टोटका बहुत कारगर है.
मेष राशि (Aries)- आज आप और आपके लवर एक दूसरे के प्रति गहरा आकर्षण अनुभव करेंगे और एक दूसरे के लिए बहुत कुछ करने की इच्छा मन में बलवती होगी.
वृषभ राशि (Taurus)- आज आप अपने रिश्ते में एक नयापन महसूस करेंगे. आपको लगेगा कि आप जिनको दिल से प्यार करते हैं, वह बिल्कुल अलग और सबसे जुदा हैं और इससे आपको उनकी अदाएं बड़ी पसंद आएंगी.
सिंह राशि (Leo)- प्यार के मामले में दिनमान अच्छा रहने की संभावना है. आपको अपने प्यार में बड़ा सुकून मिलेगा और अपने लवर के बारे में कुछ नया जानने को मिलेगा. कुछ ऐसी बात, जो उन्होंने अभी तक आप को नहीं बताई, आपको पता चलेगी जिससे आपके मन में उनके लिए और भी ज्यादा सम्मान बढ़ेगा.
श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत के दिन तुलसी की पत्ती नहीं तोड़नी चाहिए. जन्माष्टमी के दिन व्रत नहीं भी रख रहें हैं तो भी चावल नहीं खाना चाहिए. आज के दिन लहसुन, प्याज नहीं खाना चाहिए और भूलकर भी मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा में परिजात के फूल अर्पित करें और शंख में दूध भरकर उन्हें चढ़ाएं. मान्यता है कि ऐसा करने से भक्तों की हर कामना पूरी होती है.
जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण की पूजा में उन्हें चांदी की बांसुरी अर्पित करें. ऐसा करने से आपको अपार धन लाभ होगा.
कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर जगह-जगह दही हांडी प्रतियोगिता की जा रही है. कान्हा जी अपनी टोली संग पिरामिड बनाकर माखन चुरा लिया करते थे. तभी से ही दही हांडी की परंपरा चली आ रही है. मान्यता है कि दही हांडी का उत्सव मनाने से घर में सुख-समृद्धि आती है.
धर्म ग्रंथों में भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव वाले दिन व्रत रखने की अपार महिमा बताई गई है. इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने पर व्यक्ति की सभी कामनाएं शीघ्र ही पूरी होती हैं. जन्माष्टमी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.पौराणिक मान्यता के अनुसार यह व्रत अकाल मृत्यु से भी बचाता है.
दाम्पत्य जीवन में खुशियां लानी है तो जन्माष्टमी के दिन घर में राधा-कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें. संतान प्राप्ति की मनोकामना है तो बाल कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें.वहीं घर में सुख-समृद्धि की चाह है तो जन्माष्टमी के दिन बंसी वाले कृष्ण की स्थापना करें.
वास्तु में मोर पंख को सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है. वास्तु के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी के दिन घर में मोर पंख लाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है और घर से वास्तु दोष भी खत्म होता है. घर में मोर पंख रखना बहुत शुभ माना जाता है.
जन्माष्टमी के दिन वृद्धि और ध्रुव योग बनने से जन्माष्टमी का महत्व और बढ़ गया है. आज दो भाग्यशाली राशियों पर कृष्ण भगवान की कृपा बरसने वाली है. मिथुन राशि के जातकों के लिए आज का दिन बेहद शुभ है. वृद्धि और ध्रुव योग के प्रभाव से इन्हें अचानक धन की प्राप्ति हो सकती है. इन दोनों शुभ योग से सिंह राशि वालों को करियर में तरक्की मिलने वाली है. कार्यक्षेत्र में आप सफल होंगे.
जन्माष्टमी का पर्व लक्ष्मी जी की पूजा के लिए भी उत्तम माना गया है. जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के साथ लक्ष्मी जी की पूजा करने से समृद्धि आती है. इसके साथ ही सुखों में वृद्धि होती है. कर्ज और आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है. जन्माष्टमी पर तुलसी जी की पूजा करना भी शुभ फलदायी बताया गया है. ओम नमः वासुदेवाय मंत्र का जाप करते हुए 11 बार तुलसी जी परिक्रमा करने से धन संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है.
भगवान श्रीकृष्ण ने भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में जन्म लिया था. भगवान कृष्ण का जन्म मध्यरात्रि को हुआ था. इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी व्रत की पूजा मध्यरात्रि में की जाती है और देर रात तक लोग कृष्ण भगवान का जन्मोत्सव मानते हैं. आज कुछ विशेष शुभ योग बन रहे हैं जिसमें पूजा करना विशेष फलदायी होगा.
वृद्धि योग : 17 अगस्त 2022 दोपहर 08: 56 से 18 अगस्त को 8.41 मिनट तक
ध्रुव योग : 18 अगस्त 2022 रात 08: 41 से 19 अगस्त रात 08.59 मिनट तक
श्रीकृष्ण के जन्मस्थान मथुरा में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम देखने को मिल रही है. आज रात को कान्हा का महाभिषेक किया जाएगा. इस महाभिषेक कार्यक्रम की शुरुआत गणपति और नवग्रह स्थापना पूजन से होगी. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर यहां पर सुरक्षा व्यवस्था काफी सख्त कर दी गई है.
बैकग्राउंड
Janmashtami 2022: देश भर में आज जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है. कुछ जगहों पर जन्माष्टमी कल ही मना ली गई थी. अष्टमी तिथि 18 अगस्त को रात 9 बजकर 21 मिनट से शुरू हो चुकी है जो 19 अगस्त यानी आज रात 10 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी. श्रीकृष्ण की जन्मनगरी मथुरा में भी जन्माष्टमी आज ही मनाई जा रही है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग में मनाया जाता है. जन्माष्टमी के दिन भक्त बाल-गोपाल की पालकी सजाते हैं और पूरी श्रद्धा भाव से उनका श्रृंगार करते हैं. आइए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त और भगवान कृष्ण की पूजन विधि.
कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त - 04.32 AM - 05.16 AM
अभिजित मुहूर्त - 12.04 PM - 12.56 PM
गोधूलि मुहूर्त - 06.47 PM - 07.11 PM
इसके अलावा आज जन्माष्टमी के दिन 8 तरह के शुभ योग बन रहे हैं. ये 8 शुभ योग महालक्ष्मी, बुधादित्य, ध्रुव, छत्र, कुलदीपक, भारती, हर्ष और सत्कीर्ति योग हैं. इन योग में पूजा करना विशेष फलदायी होता है.
इस तरह करें भगवान कृष्ण की पूजा
शंख में स्वच्छ जल भरकर कान्हा की मूर्ति को स्नान कराएं. स्नान के बाद उन्हें साफ और नए वस्त्र पहनाएं. चंदन और आभूषण से उनका श्रृंगार करें. कान्हा जी के लिए मोरमुकुट, मोरपंख, उनकी प्रिय बांसुरी और माला जरूर पहनाएं. श्रृंगार के बिना श्रीकृष्ण की पूजा अधूरी मानी जाती है. कान्हा की पूजा करें और आरती जरूर उतारें. इसके बाद माथे पर टीका लगाएं. कान्हा जी को उनके पसंदीदा माखन, दही, मिश्री और खीर का भोग लगाएं.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -