![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/Premium-ad-Icon.png)
Janmasthami 2023 Date: जन्माष्टमी कल या परसों? जानें जन्माष्टमी की सही डेट और पूजा का शुभ मुहूर्त
Janmasthami 2023: जन्माष्टमी का पर्व हर साल बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. जन्माष्टमी की डेट को लेकर इस साल भी लोगों के बीच संशय है. आइये जानते हैं 6 या 7 सितंबर कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी.
![Janmasthami 2023 Date: जन्माष्टमी कल या परसों? जानें जन्माष्टमी की सही डेट और पूजा का शुभ मुहूर्त Janmashtami 2023 date 6 or 7 september Vrat Niyam paran kaise karen Krishna Janmashtami Vrat Rules What To Do Or Not To Do Janmasthami 2023 Date: जन्माष्टमी कल या परसों? जानें जन्माष्टमी की सही डेट और पूजा का शुभ मुहूर्त](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/09/05/1a119e9850e8d3c23e9e4477fb3e8c481693902143115660_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Janmasthami 2023: हर साल भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है. हर साल की तरह इस साल भी जन्माष्टमी की डेट को लेकर लोगों में संशय है. कोई इस साल 6 सितंबर को जन्माष्टमी मना रहा है, कोई 7 सितंबर को, आइये जानते हैं इस साल 2023 क्या है आखिर जन्माष्टमी की सही तिथि.
6 सितंबर दोपहर 3: 38 मिनट पर अष्टमी तिथि का आरम्भ हो जाएगा. जो 7 सितंबर शाम 4: 14 मिनट तक रहेगा. रोहिणी नक्षत्र के समय आप श्री कृष्ण की पूजा -अर्चना कर सकते हैं. पूरी रात्रि रोहिणी नक्षत्र रहेगा. इसीलिए वैष्णव संप्रदाय के लोग जन्माष्टमी 7 सितंबर के दिन मनाएंगे.
कृष्ण जन्माष्टमी 2023 शुभ मुहूर्त (Krishna Janmasthami 2023 Shubh Muhurat)
6 सितंबर बुधवार को रात 11: 56 मिनट से लेकर 7 सितंबर गुरुवार 12:42 मिनट तक जन्माष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त है. इस दिन आप देर रात को बाल गोपाल का जन्मोत्सव मना सकते हैं.
कैसे करें व्रत का पारण? ( Kaise Karen Vrat Ka Paran?)
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन रात में 12 बजे, कृष्ण जन्म के बाद खीरे को दो भागों में बांट कर अलग किया जाता है. जिस प्रकार बच्चे के जन्म के बाद उसको गर्भनाल से काटकर अलग करते हैं. इसीलिए खीरे को पूजा में जरुर रखना चाहिए. इस दिन भगवान के जन्म के बाद श्री कृष्ण को मक्खन और मिश्री का भोग लगाए. उन्हें दूध से स्नान कराएं, नए वस्त्र पहनाएं , उनका श्रृंगार करें और उन्हें झूला झुलाएं. इसके बाद श्री कृष्ण की आरती करें. शंख, बजाकर भगवान के जन्मोत्सव मनाएं और अपने व्रत का पारण करें. व्रत का पारण आप कुट्टु के आटे के खाने से कर सकते हैं. इस व्रत में अनाज का उपयोग नहीं किया जाता.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![राहुल लाल, राजनीतिक विश्लेषक](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/4b309f9307dd328413c5218f2b10afc3.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)