Shri Krishna Janmashtami 2023: हिंदू धर्म में कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, जिसमें भगवान कृष्ण भी एक हैं. भगवान कृष्ण को विष्णुजी का आठवां अवतार माना गया है, जिनका जन्म द्वापर युग में हुआ. मान्यता है कि भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. इसलिए हर साल इस दिन जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इस साल जन्माष्टमी 06 सितंबर 2023 को पड़ रही है. जन्माष्टमी पर मंदिर से लेकर घर-घर बगवान कृष्ण की पूजा होती है.
भगवान कृष्ण से जुड़ी विभिन्न लीलाएं हैं और इन्हीं अलग-अलग लीलाओं से उन्हें कई नाम भी प्राप्त हुए. मंदिर में श्रीकृष्ण की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. लेकिन अगर आपने घर पर कान्हा जी के बाल स्वरूप यानी लड्डू गोपाल को स्थापित किया है, तो इसके कुछ जरूरी नियम होते हैे. लड्डू गोपाल की सेवा ठीक ऐसे की जाती है, जैसे घर पर आप अपने बालक की करते हैं. आपके घर पर भी लड्डू गोपाल है तो जान लीजिए भगवान की सेवा से जुड़े जरूरी नियमों के बारे में.
घर पर है लड्डू गोपाल तो इन नियमों का करें पालन
- लड्डू गोपाल का नाम रखें: जब आप अपने घर पर लड्डू गोपाल की स्थापना करें तो उनका कोई नाम भी रखें. जैसा कि घर-परिवार के सदस्यों का कोई न कोई नाम होता है, ठीक इसी तरह लड्डू गोपाल भी आपके घर पर आने के बाद घर-परिवार की तरह हो जाते हैं. इसलिए आप लड्डू गोपाल का नाम भी रख सकते हैं. भक्त कृष्णजी को ठाकुर जी, लड्डू गोपाल, कान्हा आदि जैसे नामों से संबोधित करते हैं.
- प्रतिदिन स्नान कराएं: घर पर लड्डू गोपाल की प्रतिमा स्थापित है तो प्रतिदिन इन्हें स्नान जरूर कराएं. सबसे पहले सुबह उठकर खुद स्नान करें फिर लड्डू गोपाल को स्नान कराएं. इतना ही नहीं लड्डू गोपाल को स्नान कराते समय मौसम का भी ध्यान रखें. जिस तरह से गर्मी के मौसम में आप अपने बालक को ठंडे पानी और सर्दी के मौसम में गुनगुने पानी से स्नान कराते हैं. ठीक उसी प्रकार से लड्डू गोपाल को मौसम के अनुसार गर्म या ठंडे पानी से स्नान कराएं. फिर मौसम के अनुसार लड्डू गोपाल को सुंदर वस्त्र भी पहनाएं.
- भोजन की व्यवस्था करें: स्नान कराने के बाद लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना करें और भोजन की भी व्यवस्था जरूर करें. घर-परिवार के लिए बनने वाले भोजन में सबसे पहले लड्डू गोपाल को भोग लगाएं. इसके बाद परिवार के अन्य सदस्य भोजन करें.
- लोरी भी सुनाएं: जिस तरह से आप अपने घर के छोटे बालक को सुलाने के लिए लोरी सुनाते हैं. उसी तरह से लड्डू गोपाल को भी लोरी सुनाएं. क्योंकि माता यशोदा भी कान्हा को सुलाने के लिए लोरी सुनाती थीं. लोरी में आप कान्हा के ही भक्ति गीत या लोरियां सुना सकते हैं.
- धूमधाम से मनाएं जन्मदिन: जन्माष्टमी को श्रीकृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है. अगर आपके घर पर लड्डू गोपाल स्थापित है तो आप जन्माष्टमी के दिन धूमधाम से उनका जन्मदिन मनाएं. इस दिन विभिन्न तरह के भोग तैयार करें, लड्डू गोपाल को नए वस्त्र पहनाएं, पूजा-पाठ करें और घर को सजाएं.
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