Janmashtami 2023: 6 सितंबर को शुभ योग और मुहूर्त में मनेगी जन्माष्टमी, इन मंत्रों के जाप से मिलेगा जीवन का हर सुख
Janmashtami 2023: भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी. इस साल गृहस्थ जीवन वाले लोग 6 सितंबर और वैष्णव संप्रदाय वाले 7 सितंबर को जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे.
Janmashtami 2023: हर साल की तरह इस बार भी साल 2023 में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार दो दिन मनाया जाएगा है. गृहस्थ जीवन वाले 6 सितंबर और वैष्णव संप्रदाय 7 सितंबर 2023 को जन्माष्टमी मनाएंगे.
जिस तरह द्वापर युग में अष्ट्मी तिथि को सूर्य और चन्द्रमा उच्च भाव में विराजमान थे. इस साल भी जन्माष्टमी वृषभ लग्न, रोहिणी नक्षत्र में चन्द्रमा उच्च के और सूर्य स्वग्रही होकर विराजमान होने से ये अद्भुत संयोग 6 सितंबर को बन रहा है. गृहस्थ जीवन वालों को इस दिन जन्माष्टमी मनाना शुभ रहेगा.
जन्माष्टमी मुहूर्त (Janmashtami 2023 Muhurat)
- 6 सितंबर को अष्टमी तिथि दोपहर 3 बजकर 38 मिनट से अगले दिन यानी 7 सितंबर दोपहर शाम बजकर15 मिनट तक रहेगी.
- रोहिणी नक्षत्र में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. 6 सितंबर को रोहिणी नक्षत्र सुबह 9 बजकर 20 मिनट से अगले दिन 7 सितंबर को सुबह 10 बजकर 25 मिनट तक है.
- श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रात के आठवें मुहूर्त में हुआ था. इसलिए रात 12 बजे कृष्ण जन्मोत्सव शुरू होता है. ये मुहूर्त इस बार 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक है. इस बीच भक्त जन्माष्टमी की पूजा कर सकते है.
जन्माष्टमी शुभ योग (Janmashtami 2023 Shubh Yog)
बुधवार 6 सितंबर को सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, बुधादित्य योग और हर्षण योग जैसे शुभ योग होने से इन योगों में पूजा करने से पुण्य फल और बढ़ जाएगा. इसके अलावा दिनभर में पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7 से 9 और शाम को 5:15 से 6:15 तक है.
जन्माष्टमी पूजा विधि (Janmashtami 2023 Puja Vidhi)
- जन्माष्टमी के दिन व्रत रखने वाले जातक कुण्ड़ली में क्रूर ग्रहों की शांति के लिए सुबह जल में काले तिल डालकर स्नान करें. फिर ब्रह्मा जी सहित पंचदेवों को नमस्कार करके पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके आसन ग्रहण करें. हाथ में जल, गंध, पुष्प लें और व्रत का संकल्प ‘मम अखिल पापप्रशमनपूर्वक सर्वाभीष्ट सिद्धये श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत करिष्ये’ मंत्र का जाप करते हुए लें. इसके बाद श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा करें.
- फिर शाम को ’ज्योत्सनापते नमस्तुभ्यं नमस्ते ज्योतिषामपते। नमस्ते रोहिणिकांतं अघ्र्यं मे प्रतिग्रह्यताम।’ इस मंत्र को बोलते हुए दूध मिश्रित जल से चंद्रमा को अघ्र्य दें.
- रात्रि में कृष्ण भगवान के जन्म से पहले ‘ऊँ क्रीं कृष्णाय नमः’ मंत्र का जाप करें. इसके बाद भगवान का श्रृंगार कर धनिया मिश्रित सौंठ पंजरी का प्रसाद श्रीकृष्ण को अर्पित कर आरती करें. श्रीकृष्ण को दूध, दही, माखन, मिश्री, मेवे और फल बहुत पसंद हैं. इसलिए भोग में ये चीजें जरूर होनी चाहिए. त्व देवां वस्तु गोविंद तुभ्यमेव समर्पयेति। मंत्र के जाप के साथ भगवान कृष्ण का भोग लगाना चाहिए.
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मंत्र ( Shri Krishna Janmashtami 2023 Mantra)
आज जन्माष्टमी के दिन के लिए कुछ मंत्र बते रहे हैं, जिसका जाप करने से आप अपने जीवन में अत्यधिक लाभान्वित होंगे. चाहे बात आपके सुख, ऐश्वर्य, नौकरी-बिजनेस, विद्या, बुद्धि, महालक्ष्मी का आशीर्वाद और समस्त बाधाओं से मुक्ति की हो. अगर आपकी चाह है तो जन्माष्टमी का दिन एक ऐसा शुभ दिन है, जिस दिन यदि आप सच्चे मन से मंत्रों का जाप करेंगे तो श्रीकृष्ण उन्हें स्वीकार करते है.
- ‘क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः’- यह मंत्र श्रीकृष्ण को सर्वाधिक प्रिय है. इस मंत्र का जाप करने से नौकरी से संबंधित कोई भी परेशानी क्यों ना हो, सब स्वतः ही दूर हो जाती है.
- ‘ऊँ नमः भगवते श्रीगोविन्दायः’- इस मंत्र का जाप करने से यश-ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि की प्राप्ति के साथ बिजनेस में भी अपार सफलता मिलती है.
- ‘ऐं क्लीं कृष्णाय हृीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्नसों’- इस मंत्र के जाप करने से माता सरस्वती का पूर्ण आशीर्वाद बना रहता है और बुद्धि व विद्या में वृद्धि होती है.
- ‘ऊँ श्रीं हृीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री’- मंत्र के जाप करने से जीवन में आ रही सभी बाधाएं दूर होती है और व्यक्ति पूर्ण जोश के साथ प्रगति के पथ पर अग्रसर होता है.
- ‘लीलादंड गोपीजनसंसक्तदोर्दण्ड बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा’- इस मंत्र का जो व्यक्ति एक लाख जाप के साथ हवन करता है और हवन में तिल, अक्षत, शहद, घी और शक्कर के मिश्रण का प्रयोग करता है, उन्हें स्थिर लक्ष्मी का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है.
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