Janmashtami 2024 Highlights: जन्माष्टमी पर बांके बिहारी मंदिर से लेकर दिल्ली के इस्कॉन तक कान्हा की धूम, कृष्ण की भक्ति में डूबा देश

Janmashtami 2024 Live: जन्माष्टमी का पूर्व पूरे देश में भक्ति भाव से मनाय जा रहा है. मथुरा से लेकर दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में कान्हा का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जा रहा है.

एबीपी लाइव Last Updated: 26 Aug 2024 11:16 PM
Happy Janmashtami 2024: शुभ जन्माष्टमी


Janmashtami 2024 Live: जन्माष्टमी पर ऐसे सजाएं पूजा की थाल

जन्माष्टमी की पूजा थाली को चावल, मोतियों और फूलों से सजाना चाहिए. इस पर कान्हा की पसंद की चीजें जैसे मोर पंख, बासुरी, उनका मनचाहा भोग, फूल और पूजा की सामग्री रखें. इसके बाद पूरी श्रद्धा के साथ कृष्ण भगवान का पूजन करें.


Janmashtami Upay: नौकरी में तरक्की के लिए जन्माष्टमी पर क्या करें

नौकरी में पदोन्नति और आमदनी में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ति के लिए जन्माष्टमी पर 7 कन्याओं को खीर या सफेद मिठाएं बांटे. ये उपाय जन्माष्टमी के दिन से शुरू कर लगातार पांच शुक्रवार तक करें.

Krishna Favorite Flower: श्रीकृष्ण के चढ़ाएं ये प्रिय फूल

श्रीकृष्ण को जन्माष्टमी पर वैजयंती, कमल, कनेर, गेंदा, गुलाब, केवड़ा, मालती के फूल जरुर अर्पित करें. मान्यता है इससे वह जल्द प्रसन्न होते हैं. वैजयंती के फूल चढ़ाने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है. 

Janmashtami 2024 Puja vidhi: जन्माष्टमी पूजा विधि

श्रीकृष्ण का जन्म मध्यरात्रि 12 बजे कराया जाता है. कई जगहों पर कृष्ण का जन्म डंठल वाले खीरे से कराते हैं. इसे गर्भनाल माना जाता है. जिस तरह जन्म के बाद माता के नाल से शिशु को अलग किया जाता है. उसी तरह से खीरे के डंठल से कृष्ण को अलग किया जाता है.


अष्टमी तिथि लगते ही डंठल वाले खीरे को काटकर कृष्ण के बाल स्वरूप की मूर्ति रखी जाती है. इसके बाद रात्रि में कृष्ण का जन्म कराया जाता है. इसके बाद भक्तजन कृष्ण जन्मोत्सव मनाते हैं.

जन्माष्टमी पर धन लाभ का उपाय

जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण मंदिर में जाकर पीले रंग के कपड़े, पीला फल, अनाज और पीले रंग की मिठाई दान करें. 'क्लीं कृष्णाय स्वाहा।' मंत्र का 108 बार जाप करें. मान्यता है इससे धन प्राप्ति के रास्तु सुलभ होते हैं.

Janmashtami Puja: रात 12 बजे ऐसे करें कान्हा की पूजा

बाल गोपाल को जन्माष्टमी की रात 12 बजे जल, दूध से स्नान कराएं फिर दही, शहद, घी से उनका अभिषेक करें इसके बाद जल अर्पित करें. ये सभी सामग्री शंख में भरकर कान्हा जी पर डालें. मान्यता है इससे लड्‌डू गोपाल प्रसन्न होते हैं. 

Janmashtami 2024 Wishes: जन्माष्टमी की शुभकामनाएं


Janmashtami 2024: जन्माष्टमी पर लगाएं 56 भोग

भक्त (भात), सूप (दाल), प्रलेह (चटनी), सदिका (कढ़ी), दधिशाकजा (दही शाक की कढ़ी), सिखरिणी (सिखरन), अवलेह (शरबत), बालका (बाटी),इक्षु, खेरिणी (मुरब्बा), त्रिकोण (शर्करा युक्त), बटक (बड़ा), मधु शीर्षक (मठरी), फेणिका (फेनी), परिष्टश्च (पूरी), शतपत्र (खजला), सधिद्रक (घेवर) चक्राम (मालपुआ), चिल्डिका (चोला), सुधाकुंडलिका (जलेबी), धृतपूर (मेसू), वायुपूर (रसगुल्ला), चन्द्रकला (पगी हुई), दधि (महारायता), स्थूली (थूली), कर्पूरनाड़ी (लौंगपुरी), खंड मंडल (खुरमा), गोधूम (दलिया), परिखा,सुफलाढय़ा (सौंफ युक्त), दधिरूप (बिलसारू),मोदक (लड्डू),शाक (साग), सौधान (अधानौ अचार), मंडका (मोठ), पायस (खीर), दधि (दही),गोघृत (गाय का घी),हैयंगपीनम (मक्खन), मंडूरी (मलाई), कूपिका (रबड़ी), पर्पट (पापड़), शक्तिका (सीरा), लसिका (लस्सी), सुवत, संघाय (मोहन), सुफला (सुपारी), सिता (इलायची), फल, तांबूल, मोहन भोग, लवण, कषाय, मधुर, तिक्त, कटु, अम्ल

Janmashtami 2024 Live: जन्माष्टमी पर इन 3 राशियों को लाभ

जन्माष्टमी पर मिथुन राशि वालों के आय में वृद्धि होगी, नौकरी में काम से अधिकारी खुश होंगे. प्रॉपर्टी में निवेश का अच्छा समय है. सिंह राशि वालों की रोजगार से जुड़ी समस्य खत्म होंगी. बिजनेस में विस्तार होगा. वहीं मकर राशि वालों को अचनक से धन लाभ होगा. अटके पैसे मिलेंगे.

Jammasthami 2024: जन्माष्टमी 2024 मुहूर्त

शेष 6 घंटे के बाद बाल गोपाल श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. 12.01 मिनट पर कान्हा का जन्मोत्सव मानाया जाएगा. इस दिन अष्टमी तिथि 27 अगस्त, 2024 को 02:19 बजे तक रहेगी.

Janmasthami 2024: जन्माष्टमी 2024 शुभ रंग

जन्माष्टमी के दिन पूजा के समय श्रीकृष्ण का प्रिय रंग पहने.


कान्हा को गुलाबी, लाल, पीला, मोरपंखी रंग बेहद प्रिय है. 26 अगस्त को जन्माष्टमी पर इस रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होगा.

Janmasthami 2024: जन्माष्टमी 2024 वृंदावन में कब?

कान्हा की लीलास्थली कहे जाने वाले वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर में 27 अगस्त 2024 को जन्माष्टमी मनाई जाएगी.

Janmasthami 2024 Chalisa: जन्माष्टमी 2024 लड्डू गोपाल चालीसा


| | दोहा | |
श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल |
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल | |


| | चौपाई | |
जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी |
जो कोई तुम्हरी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावै |


श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग हलधर भ्राता |
मथुरा सों प्रभु गोकुल आये, नन्द भवन मे बजत बधाये |


जो विष देन पूतना आई, सो मुक्ति दै धाम पठाई |
तृणावर्त राक्षस संहारयौ, पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ |


खेल खेल में माटी खाई, मुख मे सब जग दियो दिखाई |
गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो |


ऊखल सों निज अंग बँधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई |
बका असुर की चोंच विदारी, विकट अघासुर दियो सँहारी |


ब्रह्मा बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये |
बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी |


काली नाग नाथि भगवाना, दावानल को कीन्हों पाना |
सखन संग खेलत सुख पायो, श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो |


चीर हरन करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई |
दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों |


नन्दहिं वरुण लोक सों लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये |
शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई |


अजगर सों पितु चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मूड़ गिरायो |
हने अरिष्टा सुर अरु केशी, व्योमासुर मार्यो छल वेषी |


व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये, मारि कंस यदुवंश बसाये |
मात पिता की बन्दि छुड़ाई, सान्दीपन गृह विघा पाई |


पुनि पठयौ ब्रज ऊधौ ज्ञानी, पे्रम देखि सुधि सकल भुलानी |
कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी, हरि लाये रुक्मिणि सुकुमारी |


भौमासुर हनि भक्त छुड़ाये, सुरन जीति सुरतरु महि लाये |
दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग नृग अरु बधिक उधारे |


दीन सुदामा धनपति कीन्हों, पारथ रथ सारथि यश लीन्हों |
गीता ज्ञान सिखावन हारे, अर्जुन मोह मिटावन हारे |


केला भक्त बिदुर घर पायो, युद्ध महाभारत रचवायो |
द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो, गर्भ परीक्षित जरत बचायो |


कच्छ मच्छ वाराह अहीशा, बावन कल्की बुद्धि मुनीशा |
ह्वै नृसिंह प्रह्लाद उबार्यो, राम रुप धरि रावण मार्यो |


जय मधु कैटभ दैत्य हनैया, अम्बरीय प्रिय चक्र धरैया |
ब्याध अजामिल दीन्हें तारी, शबरी अरु गणिका सी नारी |


गरुड़ासन गज फन्द निकन्दन, देहु दरश धु्रव नयनानन्दन |
देहु शुद्ध सन्तन कर सग्ड़ा, बाढ़ै प्रेम भक्ति रस रग्ड़ा |


देहु दिव्य वृन्दावन बासा, छूटै मृग तृष्णा जग आशा |
तुम्हरो ध्यान धरत शिव नारद, शुक सनकादिक ब्रह्म विशारद |


जय जय राधारमण कृपाला, हरण सकल संकट भ्रम जाला |
बिनसैं बिघन रोग दुःख भारी, जो सुमरैं जगपति गिरधारी |


जो सत बार पढ़ै चालीसा, देहि सकल बाँछित फल शीशा |


| | छन्द | |
गोपाल चालीसा पढ़ै नित, नेम सों चित्त लावई |
सो दिव्य तन धरि अन्त महँ, गोलोक धाम सिधावई | |


संसार सुख सम्पत्ति सकल, जो भक्तजन सन महँ चहैं |
ट्टजयरामदेव' सदैव सो, गुरुदेव दाया सों लहैं | |
 
| | दोहा | |
प्रणत पाल अशरण शरण, करुणा-सिन्धु ब्रजेश |
चालीसा के संग मोहि, अपनावहु प्राणेश | |

Janmasthami 2024 Aarti: जन्माष्टमी 2024 श्रीकृष्ण जी की आरती

आरती कुंजबिहारी की, श्रीगिरिधर कृष्ण मुरारी की,
आरती कुंजबिहारी की, श्रीगिरिधर कृष्ण मुरारी की।


गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला,
श्रवण में कुंडल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला।


गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली,
लटन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक।


चंद्र सी झलक, ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की, आरती कुंजबिहारी की।


कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं,
गगन सों सुमन रासि बरसै, बजे मुरचंग।


मधुर मिरदंग ग्वालिन संग, अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की, आरती कुंजबिहारी की।


जहां ते प्रकट भई गंगा, सकल मन हारिणि श्री गंगा,
स्मरन ते होत मोह भंगा, बसी शिव सीस।


जटा के बीच, हरै अघ कीच, चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की, आरती कुंजबिहारी की।


चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू,
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू।


हंसत मृदु मंद, चांदनी चंद,
कटत भव फंद, टेर सुन दीन दुखारी की।


श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की, आरती कुंजबिहारी की।
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की, आरती कुंजबिहारी की।।

Janmasthami 2024 Puja Muhurat: जन्माष्टमी 2024 पूजा मुहूर्त

जन्माष्टमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त रात को 12.01 मिनट से 12.45 मिनट तक


आप इस दौरान 45 मिनट के शुभ मुहूर्त में कान्हा जी की आराधना कर सकते हैं और उनका जन्मोत्सव मना सकते हैं.

Jamnasthami 2024 Wishes: जन्माष्टमी 2024 शुभकामनाएं

दही माखन का त्योहार आया
खुशियां अपने संग लाया
प्रेम से सब कहते हैं उसे नंदलाला
आंखें तरस गई अब तो आजा गोपाला
हैप्पी कृष्ण जन्माष्टमी

Janmasthami 2024 Bhog: जन्माष्टमी 2024 भोग

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन कान्हा को 56 भोग लगाया जाता है. साथ ही कान्हा को माखन मिश्री अधिक प्रिय है, इसलिए जन्माष्टमी पर उन्हें माखन मिश्री का भोग जरुर चढ़ाएं. धनिया की पंजीरी के बिना जन्माष्टमी का पर्व अधूरा माना जाता है. साथ ही पंचामृत, खीर, पेड़े, लड्डू भी आप प्आरसाद के रुप में चढ़ा सकते हैं.

Janmasthami 2024 Decoration: जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को कैसे सजाएं?

इस दिन कान्हा के लिए रंग बिरंगे सुंदर वस्त्र लाएं, सुंदर आभूषणों से उनको सजाएं. तिलक करें और उन्हें फूलों की माला चढाएं.

Janmasthami 2024 Decoration: जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को कैसे सजाएं?

लड्डू गोपाल के लिए कानों के कुंडल, गले की माला, बासुंरी, मोर पंख आदि सामान घर लाएं. इस दिन सबसे पहले लड्डू गोपाल की मूर्ति को दही, दूध, घी और गंगाजल स्नान कराएं.

Janmashtami Vrat 2024: जन्माष्टमी व्रत में क्या खाएं?

अगर आप जन्माष्टमी का फलाहार करते हैं तो आप ड्राई फ्रूट्स, साबूदाना की खिचड़ी, समक के चावल, मखाने की खीर, फल, कट्टू के आटे की पूड़ी, सिंघाड़े के आटे का हलवा आदि खा सकते हैं.

Happy Janmashtami 2024 Wishes: जन्माष्टमी की शुभकामनाएं


Shri Krishna Mantra: श्रीकृष्ण के मंत्र

"कृं कृष्णाय नमः"  


"ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात"  


"हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे"  


"ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा"   


"ओम क्लीम कृष्णाय नमः''


"श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा"  


"गोकुल नाथाय नमः  

Janmashtami 2024 Bhajan: जन्माष्टमी के भक्ति भजन

अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम।


कौन कहता हे भगवान आते नहीं,
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम।


कौन कहता है भगवान खाते नहीं,
बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं


 

Janmashtami 2024 Puja Muhurat Live: कृष्ण की पूजा के लिए आज बस इतना समय

आज जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की पूजा के लिए रात 12:00 से 12:45 तक का शुभ समय रहेगा. ऐसे में भक्तों को लड्डू गोपाल की पूजा के लिए सिर्फ 45 मिनट का समय मिलेगा. 

janmashtami 2024 Shubh Yog: जन्माष्टमी और सोमवार का अद्भुत संयोग

कहा जाता है कि अगर जन्माष्टमी सोमवार या बुधवार के दिन पड़े तो यह काफी शुभ और दुर्लभ संयोग है. ऐसा इसलिए क्योंकि पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म बुधवार के दिन हुआ था और 6 दिन बाद सोमवार को कृष्ण का नामकरण हुआ था.

Janmashtami 2024 Shubh Yog: शुभ योग में आज मनाई जाएगी जन्माष्टमी

जन्माष्टमी पर इस साल कई शुभ योग रहेंगे. आज के दिन सर्वार्थ सिद्धि, शश राजयोग और गजकेसरी योग का निर्माण हुआ है.
जन्माष्टमी पर आज चंद्रमा वृषभ राशि में विराजमान रहेंगे. ठीक ऐसी ही संयोग द्वापर में कृष्ण के जन्म के समय बना था. 

Janmasthami 2024 Bhog: जन्माष्टमी पर धनिया पंजीरी भोग क्यों लगाते हैं?

जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण को धनिया की पंजीरी का भोग जरूर लगाया जाता है, क्योंकि यह कृष्ण के प्रिय भोगों में एक है. कान्हा को धनिया पंजीरी चढ़ाने के बाद इसे प्रसाद स्वरूप भक्तों में भी बांटा जाता है. जो लोग व्रत रखते हैं वह धनिया पंजीरी प्रसाद खाकर ही व्रत खोलते हैं.  

Happy krishna Janmashtami 2024 Wishes: कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं

आनंद उमंग भयो,
जय हो नन्द लाल की ।
नन्द के आनंद भयो,
जय कन्हिया लाल की ॥


जन्माष्टमी 2024 की ढेर सारी शुभकामना

Janmashtami Kheera Importance: जन्माष्टमी पर क्या है खीरे का महत्व

जन्माष्टमी पूजा में डंठल वाले खीरे का खास महत्व होता है. खीरे के डंठल को गर्भनाल मानकर खीरे को काटकर तने से अलग किया जाता है. जन्माष्टमी पर खीरे को डंठल से अलग करने की धार्मिक मान्यता अनुसार, जन्म के बाद कृष्ण को मां देवकी से अलग करने का प्रतीक माना जाता है.

Janmashtami 2024 Live: जन्माष्टमी दो दिन क्यों मनाई जाती है?

जन्माष्टमी हर साल दो दिन मनाई जाती है. स्मार्त और वैष्णव संप्रदाय अलग-अलग तिथि होने के कारण अलग-अलग दिन जन्माष्टमी मनाते हैं. पहली तिथि पर स्मार्त और दूसरी तिथि को वैष्णव संप्रदाय जन्माष्टमी मनाते हैं. इस साल भी 26 अगस्त को मथुरा समेत कई जगहों पर जन्माष्टमी मनाई जाएगी. वहीं वृंदावन में 27 अगस्त को जन्माष्टमी होगी.  

Janmashtami 2024 Decoration: जन्माष्टमी पर वास्तु अनुसार सजाएं झांकी

जन्माष्टमी का उत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन लोग घरों में कान्हा के लिए झांकी सजाते हैं. मान्यता है कि इससे वास्तु दोष, नकारात्मक ऊर्जा और कालसर्प दोष दूर होता है. घर पर सुख-समृद्धि आती है और भाग्योदय होता है.


यहां पढ़ें घर पर कृष्ण की झांकी सजाने के लाभ

Janmashtami 2024 Rashi Upay: जन्माष्टमी पर अपनी राशि अनुसार करें उपाय

जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की पूजा-उपासना करने के साथ ही आप अपनी राशि अनुसार इन उपायों को कर सकते हैं. इससे दुख-द्वेष दूर होंगे और घर पर सुख-संपन्नता बनी रहेगी. साथ ही जीवन में चल रही समस्याओं से मुक्ति मिलेगी.


यहां पढ़ें किस राशि वाले क्या उपाय करें

Krishna Janmotsav 2024: आज मनाया जाएगा कृष्ण का जन्मोत्सव

श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा समेत अधिकतर जगहों पर आज सोमवार 26 अगस्त 2024 को जन्माष्टमी मनाई जाएगी. वहीं वृंदावन और कुछ जगहों पर 27 अगस्त को जन्माष्टमी होगी.

Janmasthami 2024 Tithi: जन्माष्टमी 2024 तिथि

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन अष्टमी तिथि 26 अगस्त, 2024 को सुबह 03:39 बजे लग जाएगी


अष्टमी तिथि की समाप्ति 27 अगस्त, 2024 को 02:19 बजे होगी.

Janmasthami 2024 Mantra: जन्माष्टमी 2024 मंत्र

श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी: "श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेव"
इस मंत्र में श्री कृष्ण को सदा अपनी रक्षा और भक्ति की प्राप्ति की प्रार्थना की जाती है

Janmasthami 2024 Samagari: जन्माष्टमी 2024 साम्रगी

अगर आप भी आज कान्हा के जन्मोत्सव की तैयारी कर रहे हैं तो आप इन साम्रगी को अपने घर जरुर लाए-
लड्डू गोपाल के नए वस्त्र, उनके श्रृंगार का सामान, नई बांसुरी, फल, फूल, प्रसाद का सामान जरुर खदीद लें.

Janmasthami 2024 Bhog: जन्माष्टमी 2024 भोग

जन्माष्टमी पर कान्हा को धनिया की पंजीरी का भोग लगाएं जाता है. इसे बाद में प्रसाद के रुप में लोगों में वितरण किया जाता है. इसे खाकर लोग अपने व्रत का पारण भी कर सकते हैं

Janmashtami 2024 Bhog: जन्माष्टमी पर लगाएं इन चीजों का भोग

जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की पूजा में उनकी प्रिय चीजो का भोग लगाएं. कृष्ण को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर), धनिया की पंजीरी, खीरा, मखाने की खीर, माखन-मिश्री.

Janmashtami jayanti yoga 2024: जयंती योग में इस साल जन्माष्टमी

इस वर्ष जयंती योग में जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा. इस वर्ष जन्माष्टमी पर ठीक ऐसे ही योग और मुहूर्त रहेंगे, जैसा द्वापर युग में श्रीकृष्ण के जन्म के समय था. इसे ही ज्योतिष में जयंती योग कहा जाता है.

Janmashtami 2024 Puja Muhurat Live: जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त

सोमवार 26 अगस्त 2024 को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन श्रीकृष्ण (Krishna) की पूजा के लिए रात 12 बजे से लेकर 12:44 तक का समय शुभ रहेगा. ऐसे में पूजा के लिए 44 मिनट का समय मिलेगा. 

बैकग्राउंड

Janmashtami 2024 Highlights: जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का पर्व हर साल बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. जन्माष्टमी के पर्व को श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव (Krishna Janmotsav) के रूप में मनाया जाता है.


इस दिन भक्त व्रत-रखकर पूजा-पाठ करते हैं, घर और मंदिरों में कान्हा की झांकी तैयार की जाती है. मान्यता है कि जन्माष्टमी का व्रत-पूजन करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है, संतान को दीघार्यु का आशीर्वाद मिलता है और घर पर सुख-संपन्नता बनी रहती है.


कृष्ण जन्माष्टमी 2024 तिथि (Krishna Janmashtami 2024 Tithi)


पंचांग (Panchang) के अनुसार जन्माष्टमी भाद्रपद (Bhado 2024) माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को होती है. धार्मिक कथाओं के अनुसार इसी तिथि में कृष्ण का जन्म द्वापर युग (Dvapara Yug) में हुआ था. इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी सोमवार 26 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी.


अष्टमी तिथि का आरंभ 26 अगस्त तड़के 03 बजकर 39 मिनट पर लग जाएगी, जिसका समापन 27 अगस्त मध्यरात्रि 2 बजकर 19 मिनट पर होगा. ऐसे में 26 अगस्त को ही जन्माष्टी का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन रात्रि 12:00 बजे से लेकर 12 बजकर 44 मिनट तक कान्हा (Kanha) के पूजन के लिए सबसे शुभ मुहूर्त रहेगा (Janmashtami Puja Time).


जन्माष्टमी का पर्व कैसे मनाते हैं? (How To Celebrate Janmashtami Festival)


कृष्ण के जन्म होने के खुशी में जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन भक्त सुबह जल्दी स्नान कर व्रत का संकप्ल लेते हैं. कुछ लोग निर्जला व्रत रखते हैं तो कुछ फलाहार करते हैं. इसके बाद रात्रि 12 बजे कृष्ण का जन्म होने के बाद पूजा-पाठ किए जाते हैं.


भगवान कृष्ण की नटखट लीलाओं (Krishna Leela) से उन्हें कई नाम भी मिले. मैया यशोदा (Maiya Yashoda) उन्हें कान्हा, कन्हैया, लल्ला, लाल जैसे नामों से पुकारती थीं. सखाओं के साथ माखन चुराने के कारण उनका एक नाम माखन चोर भी पड़ा. इसी के साथ उन्हें मुरलीधर, गिरिधर, वासुदेव, केशव, श्याम, माधव, द्वारकाधीश जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है. द्वापर युग में जन्मे कृष्ण को उस युग के शक्तिशाली और सर्वश्रेष्ठ पुरुष, युगपुरुष, युगावतार का स्थान दिया था, जो युगों-युगों से भक्तों की आस्था का केंद्र रहे हैं.


ये भी पढ़ें: Janmashtami 2024: जन्माष्टमी पर घर में कृष्ण की झांकी सजाने से क्या होता है





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