Muslim Religion: हर मुसलमान का अल्लाह पर अटूट विश्वास है. इस्लाम धर्म को लेकर कहा जाता है कि ये धर्म पुरुष प्रधान है. जहां पुरूषों के लिए तमाम तरह की छूट है, वहीं इस धर्म की महिलाओं के ऊपर कई तरह की बंदिशें है. जन्नत में जहां पुरूषों के लिए कई तरह के ईनामों का जिक्र किया गया है, तो वही महिलाओं को इन अधिकारों से वंचित रखा गया है. ऐसे असंख्य सवाल लोगों के मन में आते हैं. आज हम जानेंगे कुरान में महिलाओं को लेकर जन्नत के बारे में क्या कहा गया है.
कुरान महिलाओं को लेकर क्या कहता है?
इस्लाम धर्म के अनुसार अल्लाह कहते हैं कि, पुरुष हो या महिलाएं यदि वो अल्लाह और उसके रसूल पर विश्वास करते हैं, तो वो उन्हें एक बेहतर जीवन प्रदान करेगा और जब वो परलोक में आएगा तो उसे पुरस्कृत भी किया जाएगा.
आयत 49, सूरत अल-कहफ़ में बताया गया है कि अगर तुम अल्लाह और उसकी किताब पर पाक मन से ईमान रखते हैं तो, वो कभी भी तुम्हारे साथ अन्याय नहीं होने देगा. अगर तुम कोई अच्छा करते है, तो अल्लाह तुम्हारे कर्मों को दुगना कर देगा और तुम्हें अपनी और से बड़ा प्रतिफल देगा.
अल्लाह का ये कानून पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए एक समान है. कुरान में जो भी संबोधन पुरुषों के लिए है, वहीं महिलाओं के लिए भी है.
जन्नत में महिलाओं के लिए क्या उपहार है?
जन्नत में महिलाओं को क्या मिलेगा इसके बारे में हदीस और आयतें काफी कुछ कहती हैं. अल्लाह कहते हैं कि अच्छे कर्मों को किसी भी तरह से अनदेखा नहीं किया जाएगा. अब वो चाहें पुरुषों हो या महिला सब को एक समान पुरस्कार दिया जाएगा.
इस विषय पर इब्न कसीर कहते हैं कि अल्लाह ताला अपने सभी बंदों को हिदायत देते हैं कि अगर जो भी अच्छे कर्म करता है, कुरान की किताब में बताए गए नियमों का पालन करता है, चाहे वो मुसलमान पुरुष हो या महिला अल्लाह उन सभी को रहमत बक्श देगा. अल्लाह उन्हें जन्नत में प्रवेश करने देगा, जहां उनका जीवन ऐशों आराम से बीतेगा.
कुरान के मुताबिक इस्लाम धर्म को मानने वाले पुरुष हो या महिला जन्नत जाने के लिए उन्हें पाक कर्म करना होगा. अल्लाह ने जो नियम पुरुषों के लिए बनाएं हैं, वही नियम महिलाओं पर भी लागू होते हैं.
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