साल के पहले महीने जनवरी में कई व्रत और त्योहार पड़ते हैं. लोहड़ी, मकर संक्रांति, पोंगल, बिहू और गणतंत्र दिवस जैसे प्रमुख पर्व जनवरी में आते हैं. हम आपको बता रहे हैं कि ये त्योहार किस तारीख और दिन को पड़ रहे हैं.
संकष्टी चतुर्थी
साल के दूसरे ही दिन 2 जनवरी को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. संकष्टी चतुर्थी का व्रत हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर रखा जाता है. इस दिन भगवान गणेश की आराधना की जाती है. शास्त्रों में संकष्टी चतुर्थी के व्रत को बहुत ही शुभ फलदायी बताया गया है.
सफला एकादशी
पौष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है. सफला एकादशी व्रत 9 जनवरी को रखा जाएगा. मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से सारे कार्य सफल हो जाते हैं. यही कारण है कि इसे सफला एकादशी कहा गया है.
प्रदोष व्रत
कृष्ण प्रदोष व्रत 10 जनवरी को रखा जाएगा. प्रदोष व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए रखा जाता है. हर महीने में दो बार (कृष्ण और शुक्ल पक्ष में) त्रयोदशी तिथि के दिन यह व्रत रखा जाता है.
मासिक शिवरात्रि
मासिक शिवरात्रि का व्रत 11 जनवरी को रखा जाएगा. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है.
लोहड़ी
लोहड़ का पर्व हर वर्ष 13 जनवरी को मनाया जाता है. यह पंजाब का सांस्कृति पर्व है लेकिन पूरे उत्तर भारत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी. सूर्य देव 14 जनवरी को धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे. इसी के साथ खरमास का अंत हो जाएगा. सूर्य के गोचर को संक्रांति कहा जाता है.
पोंगल
पोंगल का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा. मकर संक्रांति पर सूर्य के उत्तरायण होने पर दक्षिण भारत में पोंगल का त्योहार मनाया जाता है. प्रमुख रूप से यह एक तमिल पर्व है.
माघ बिहू
माघ बिहू 15 जनवरी को मनाया जाएगा. यह असम का प्रमुख त्योहार है.
विनायक चतुर्थी
16 जनवरी को विनायक चतुर्थी पड़ रही है. यह दिन गणपति महाराज को समर्पित है.
गुरू गोविंद सिंह जयंती
गुरु गोविंद सिंह जयंती 20 जनवरी को मनाई जाएगी. गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को बिहार के पटना में हुआ था.
पौष पुत्रदा एकादशी
पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 24 जनवरी को रखा जाएगा. पौष मास की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी कहते हैं.
भौम प्रदोष व्रत
26 जनवरी को यह व्रत रखा जाएगा. यह व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए रखा जाता है.