January Vrat Festival 2024: लोहड़ी, सकट चौथ, मकर संक्रांति कब ? जनवरी 2024 के व्रत-त्योहार की लिस्ट, जानें
January 2024 calendar: जनवरी 2024 का महीना व्रत-त्योहारों से परिपूर्ण रहने वाला है. इस दौरान मकर संक्रांति, लोहड़ी, सकट चौथ, सफला एकादशी जैसे पर्व आएंगे, जानें जनवरी के व्रत-त्योहार की लिस्ट
January 2023 Vrat Tyohar List: जनवरी से नया साल 2024 का आरंभ हो रहा है. नए साल का पहला महीना जनवरी व्रत-त्योहार के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस माह में मकर संक्रांति मनाई जाती है, इसके बाद से सारे मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं.
वहीं साल की बड़ी चतुर्थी यानी सकट चौथ का व्रत भी जनवरी में ही रखा जाएगा, इस व्रत के प्रताप से संतान, दांपत्य जीवन की सारी परेशानी दूर हो जाती है. जनवरी में कई ग्रहों का राशि परिवर्तन भी होगा. जानें जनवरी 2024 के व्रत-त्योहार की डेट, पूरी लिस्ट
जनवरी 2024 व्रत-त्योहार की लिस्ट (January 2024 Vrat Festival calendar)
- 4 जनवरी 2024, गुरुवार- कालाष्टमी
- 7 जनवरी 2024, रविवार- सफला एकादशी
- 9 जनवरी 2024, मंगलवार- मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण)
- 11 जनवरी 2024, गुरुवार- पौष अमावस्या
- 13 जनवरी 2024, शनिवार- पंचक शुरू
- 14 जनवरी 2024, रविवार- लोहड़ी, विनायक चतुर्थी
- 15 जनवरी 2024, सोमवार- पोंगल, उत्तरायण, मकर संक्रांति, खिचड़ी
- 16 जनवरी 2024, मंगलवार- माघ बिहु
- 17 जनवरी 2024, बुधवार- गुरु गोबिंद सिंह जयंती
- 18 जनवरी 2024, गुरुवार- मासिक दुर्गाष्टमी
- 21 जनवरी 2024, रविवार - पौष पुत्रदा एकादशी
- 23 जनवरी 2024, मंगलवार- प्रदोष व्रत (शुक्ल)
- 25 जनवरी 2024, गुरुवार- पौष पूर्णिमा व्रत
- 26 जनवरी 2024, शुक्रवार- माघ माह शुरू, गणतंत्र दिवस
- 29 जनवरी 2024, सोमवार- सकट चौथ, संकष्टी चतुर्थी
लोहड़ी 2024
लोहड़ी सिख और पंजाबी समुदाय का प्रमुख त्योहार है. लोहड़ी किसानों से जुड़ा महत्वपूर्ण पर्व है, लोहड़ी की अग्नि में तिल, गुड़, गेंहूं की बालियां, रेवड़ी डाली जाती हैं और रबी की फसल की अच्छी पैदावार के लिए सूर्य और अग्नि का धन्यवाद किया जाता है. लोहड़ी को सर्दियों का मौसम खत्म होने का प्रतीक भी माना जाता है क्योंकि इसके बाद से दिन बड़े होने लगते हैं और रातें छोटी.
सकट चौथ 2024
माघ महीने में सकट चौथ का व्रत संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है. इसे बड़ी चतुर्थी, तिलकुट चतुर्थी, लंबोदर चतुर्थी भी कहते हैं. शास्त्रों के अनुसार माघ माह की चतुर्थी के दिन ही भगवान गणेश ने अपने माता-पिता की परिक्रमा कर अपनी तेज बुद्धि का परिचय दिया था.मान्यता है इस व्रत के प्रताप से संतान निरोगी रहती है, उसकी बुद्धि में वृद्धि होती है.
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