Jaya Ekadashi 2021 Date: पंचांग के अनुसार माघ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है. जया एकादशी का व्रत सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है. इस व्रत को रखने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष प्राप्त होता है.
जया एकादशी का पौराणिक महत्व
जया एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है. एकादशी का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. एकादशी की तिथि के शुरू होते ही इस व्रत का आरंभ हो जाता है. एकादशी व्रत में कठोर नियमों का पालन करना होता है. पौराणिक मान्यता है कि यदि विधि पूर्वक इस व्रत का किया जाए तो जीवन में इसके शुभ फल प्राप्त होते हैं. भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्टिर और अर्जुन को एकादशी के महत्व के बारे में बताया था.
भगवान विष्णु की पूजा की जाती है
जया एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है. जया एकादशी के व्रत में भगवान विष्णु की उपासना की जाती है. उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाया जाता है. माघ मास की एकादशी का विशेष महत्व माना गया है.
जया एकादशी शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार 22 फरवरी सोमवार को शाम 05 बजकर 16 मिनट से एकादशी तिथि का आरंभ होगा. जया एकादशी व्रत की पूजा 23 फरवरी मंगलवार के दिन की जाएगी. 23 फरवरी को शाम 06 बजकर 05 मिनट पर एकादशी तिथि का समापन होगा.
जया एकादशी व्रत का पारण
24 फरवरी को जया एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा. पंचांग के अनुसार पारण का समय 24 फरवरी को प्रात: 06 बजकर 51 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 09 मिनट तक रहेगा.
पूजन विधि
23 फरवरी को प्रात: स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा आरंभ करनी चाहिए. व्रत का संकल्प लेने से पूर्व मंदिर को स्वच्छ करें और चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र रखकर व्रत की पूजा का आरंभ करना चाहिए. पूजा में पीले रंग की वस्तुओं का प्रयोग अच्छा माना गया है. क्योंकि भगवान विष्णु को पीला रंग अधिक पसंद है.
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